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डोडरा-क्वार में रात्रि विश्राम करने वाले पहले मुख्यमंत्री बने CM सुक्खू, रिटायर शिक्षक के घर गुजारी रात

सीएम सुक्खू प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने हैं जिन्होंने दुर्गम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के लिए विख्यात डोडरा-क्वार में रात गुजारी.

CM Sukhu in dodra kwar
रिटायर शिक्षक के घर भोजन करते सीएम सुक्खू (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू डोडरा-क्वार में रात्रि विश्राम करने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. शिमला जिला के डोडरा-क्वार को यहां की दुर्गम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ‘काला पानी’ के रूप में जाना जाता है. राज्य के गठन के बाद से कई मुख्यमंत्री डोडरा-क्वार क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने यहां रात्रि विश्राम नहीं किया था.

सीएम ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने डोडरा-क्वार से "सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम का शुभारंभ किया और रिटायर शिक्षक हरदयाल खेपन के घर पर रात्रि विश्राम किया. शनिवार शाम करीब 7 बजकर 45 मिनट पर मुख्यमंत्री का हरदयाल के परिवार ने गर्मजोशी से स्वागत किया.

सभी औपचारिकताओं से दूर मुख्यमंत्री ने आग के पास बैठकर परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की और उनकी स्थानीय परम्पराओं और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने पूछा, "आप आंगन में आग कब जलाते हैं? हमारी स्थानीय बोली में हम इसे घ्याना कहते हैं और इसे अक्सर सर्दियों के मौसम में होने वाली शादियों के दौरान जलाया जाता है"

मुख्यमंत्री ने स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनके दैनिक जीवन, भोजन और स्थानीय रीति-रिवाजों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. समुदाय की महिलाओं ने उनके स्वागत में स्थानीय देवता क्वार जाखा को समर्पित गीत ‘लामण’ से शुरुआत करते हुए पारंपरिक गीत गाए.

रात के खाने में उन्होंने करीब आठ ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक भोजन का आनंद लिया. मुख्यमंत्री को बेटू, कोदा और फाफरे की रोटी के साथ-साथ स्थानीय व्यंजन जैसे सिड्डू, ओगला, चेंऊं और स्थानीय राजमाह की दाल परोसी गई.

मीठे में लिमडी नामक एक स्थानीय व्यंजन भी परोसा गया. महिलाओं ने मुख्यमंत्री के आगमन पर अपनी खुशी जाहिर की. जयप्रदा, हेमलता और प्रतिभा ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए भोजन का मुख्यमंत्री ने आनंद लिया और सराहना की, जिससे वे सम्मानित महसूस कर रही हैं.

हरदयाल की बेटी और प्रशिक्षित जेबीटी शिक्षिका पल्लवी ने मुख्यमंत्री की मेजबानी के बारे में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "उनका हमारे घर में रहना हमारे परिवार के लिए गर्व का विषय है. इस यादगार क्षण को जीवन भर के लिए संजोए रखने के लिए हमने मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी लीं’’

रविवार की सुबह मुख्यमंत्री ने ढांडरवाड़ी-2 महिला मंडल की महिलाओं के साथ नाश्ता किया. स्थानीय स्वयं सहायता समूह की सदस्य भारता देवी और अनीता भेटन ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री को शहद के साथ घर का बना सिड्डू परोसा और उन्होंने इसका भरपूर आनंद लिया. हमने उन्हें अन्य स्थानीय व्यंजन भी परोसे. उनकी मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात है, क्योंकि हमें अपने जीवनकाल में ऐसा अवसर पहले कभी नहीं मिला.’’

ये भी पढ़ें: 509 महिलाओं के खाते में खटाखट आए ₹1500, डोडरा-क्वार में सीएम सुक्खू ने किया सुख सम्मान निधि का शुभारंभ

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू डोडरा-क्वार में रात्रि विश्राम करने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. शिमला जिला के डोडरा-क्वार को यहां की दुर्गम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ‘काला पानी’ के रूप में जाना जाता है. राज्य के गठन के बाद से कई मुख्यमंत्री डोडरा-क्वार क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने यहां रात्रि विश्राम नहीं किया था.

सीएम ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने डोडरा-क्वार से "सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम का शुभारंभ किया और रिटायर शिक्षक हरदयाल खेपन के घर पर रात्रि विश्राम किया. शनिवार शाम करीब 7 बजकर 45 मिनट पर मुख्यमंत्री का हरदयाल के परिवार ने गर्मजोशी से स्वागत किया.

सभी औपचारिकताओं से दूर मुख्यमंत्री ने आग के पास बैठकर परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की और उनकी स्थानीय परम्पराओं और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने पूछा, "आप आंगन में आग कब जलाते हैं? हमारी स्थानीय बोली में हम इसे घ्याना कहते हैं और इसे अक्सर सर्दियों के मौसम में होने वाली शादियों के दौरान जलाया जाता है"

मुख्यमंत्री ने स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनके दैनिक जीवन, भोजन और स्थानीय रीति-रिवाजों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. समुदाय की महिलाओं ने उनके स्वागत में स्थानीय देवता क्वार जाखा को समर्पित गीत ‘लामण’ से शुरुआत करते हुए पारंपरिक गीत गाए.

रात के खाने में उन्होंने करीब आठ ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक भोजन का आनंद लिया. मुख्यमंत्री को बेटू, कोदा और फाफरे की रोटी के साथ-साथ स्थानीय व्यंजन जैसे सिड्डू, ओगला, चेंऊं और स्थानीय राजमाह की दाल परोसी गई.

मीठे में लिमडी नामक एक स्थानीय व्यंजन भी परोसा गया. महिलाओं ने मुख्यमंत्री के आगमन पर अपनी खुशी जाहिर की. जयप्रदा, हेमलता और प्रतिभा ने बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए भोजन का मुख्यमंत्री ने आनंद लिया और सराहना की, जिससे वे सम्मानित महसूस कर रही हैं.

हरदयाल की बेटी और प्रशिक्षित जेबीटी शिक्षिका पल्लवी ने मुख्यमंत्री की मेजबानी के बारे में अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "उनका हमारे घर में रहना हमारे परिवार के लिए गर्व का विषय है. इस यादगार क्षण को जीवन भर के लिए संजोए रखने के लिए हमने मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें भी लीं’’

रविवार की सुबह मुख्यमंत्री ने ढांडरवाड़ी-2 महिला मंडल की महिलाओं के साथ नाश्ता किया. स्थानीय स्वयं सहायता समूह की सदस्य भारता देवी और अनीता भेटन ने कहा, ‘‘हमने मुख्यमंत्री को शहद के साथ घर का बना सिड्डू परोसा और उन्होंने इसका भरपूर आनंद लिया. हमने उन्हें अन्य स्थानीय व्यंजन भी परोसे. उनकी मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात है, क्योंकि हमें अपने जीवनकाल में ऐसा अवसर पहले कभी नहीं मिला.’’

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