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बिजली बोर्ड के कर्मचारियों से की जाएगी बात, समस्याओं को दूर करने के लिए लेंगे सुझाव: सीएम सुक्खू

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा बिजली बोर्ड कर्मचारियों से बात की जाएगी. साथ ही समस्याओं को दूर करने के लिए उनसे सुझाव लिए जाएंगे.

सीएम सुक्खू का कांगड़ा दौरा
सीएम सुक्खू का कांगड़ा दौरा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 29, 2024, 3:12 PM IST

Updated : Oct 29, 2024, 4:04 PM IST

कांगड़ा: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू दो दिवसीय कांगड़ा जिले के प्रवास पर हैं. कांगड़ा दौरे के दूसरे दिन मोबाइल हेल्थ वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की. सीएम सुक्खू ने कहा बिजली विभाग के कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य हैं, उन्हें बात समझनी होगी. उनको अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा.

कांगड़ा दौरे पर सीएम सुक्खू ने कहा, "हिमाचल बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा. कर्मचारियों से भी हम बात करेंगे. पिछले काफी सालों से जहां सुधार होने चाहिए, वहां सुधार नहीं हुआ है. कही ऐसा न हो कि कुछ समय बाद बिजली बोर्ड में ऐसी स्थिति पैदा हो जाए, जिससे बिजली बोर्ड को चलाने में मुश्किल हो".

सीएम सुक्खू की बिजली बोर्ड कर्मचारियों से अपील (ETV Bharat)

सीएम सुक्खू ने कहा, "बिजली बोर्ड के जो कर्मचारी व पेंशन भोगी हैं, उन लोगों की सैलरी और पेंशन पर ढाई रुपए प्रति यूनिट का खर्च आता है. सबसे सस्ती दरों में हम बिजली खरीदते हैं और सबसे महंगी हम बेच रहे हैं. वहीं 5 तो कहीं 7 रुपये प्रति यूनिट बिजली बेच रहे हैं. इसको ठीक करने की जरूरत है. इसको लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों से भी बात करेंगे और कर्मचारियों से ही सुझाव लिए जाएंगे".

वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि झुग्गी झोपड़ी से लेकर गांव तक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए. पिछले 5 वर्षों में जो हेल्थ सेक्टर को नुकसान हुआ है, वह बहुत अधिक है. हमारी सरकार की प्राथमिकता में हेल्थ सेक्टर, एजुकेशन सेक्टर प्रायोरिटी लिस्ट में है. हेल्थ सेक्टर में हम दिन प्रतिदिन बदलाव कर रहे हैं.

सीएम सुखविंदर ने कहा, "उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज में भी विजिट कर हेल्थ ऑफिसर्स के साथ बैठक की है. टांडा मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की कितनी सीटें चाहिए, प्रोफेसर की कितनी चाहिए, किस डिपार्टमेंट की ज्यादा प्रॉब्लम है. मैडिसन में है या न्यूरो में है. हमने बैठक कर इस पर विचार किया है. सभी मेडिकल कॉलेज को हाई एंड टेक्नोलॉजी मेडिकल टेक्नोलॉजी से हम सॉल्व करने की कोशिश कर रहे हैं".

मुख्यमंत्री ने कहा, "मेडिकल सेक्टर में पैसे की कोई कमी नहीं है. एजुकेशन सेक्टर में पैसे की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर क्वालिटी सिस्टम होना चाहिए. क्वालिटी एजुकेशन सिस्टम होना चाहिए, जो पिछले 5 साल में क्वालिटी से कंप्रोमाइज करके जो कार्य पिछली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है, हमारी सरकार उसको दुरुस्त करके व्यवस्था परिवर्तन करके हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है".

ये भी पढ़ें: बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार को दी चेतावनी, मांगें नहीं मानी तो कर देंगे ब्लैक आउट

कांगड़ा: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू दो दिवसीय कांगड़ा जिले के प्रवास पर हैं. कांगड़ा दौरे के दूसरे दिन मोबाइल हेल्थ वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की. सीएम सुक्खू ने कहा बिजली विभाग के कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य हैं, उन्हें बात समझनी होगी. उनको अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा.

कांगड़ा दौरे पर सीएम सुक्खू ने कहा, "हिमाचल बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा. कर्मचारियों से भी हम बात करेंगे. पिछले काफी सालों से जहां सुधार होने चाहिए, वहां सुधार नहीं हुआ है. कही ऐसा न हो कि कुछ समय बाद बिजली बोर्ड में ऐसी स्थिति पैदा हो जाए, जिससे बिजली बोर्ड को चलाने में मुश्किल हो".

सीएम सुक्खू की बिजली बोर्ड कर्मचारियों से अपील (ETV Bharat)

सीएम सुक्खू ने कहा, "बिजली बोर्ड के जो कर्मचारी व पेंशन भोगी हैं, उन लोगों की सैलरी और पेंशन पर ढाई रुपए प्रति यूनिट का खर्च आता है. सबसे सस्ती दरों में हम बिजली खरीदते हैं और सबसे महंगी हम बेच रहे हैं. वहीं 5 तो कहीं 7 रुपये प्रति यूनिट बिजली बेच रहे हैं. इसको ठीक करने की जरूरत है. इसको लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों से भी बात करेंगे और कर्मचारियों से ही सुझाव लिए जाएंगे".

वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि झुग्गी झोपड़ी से लेकर गांव तक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए. पिछले 5 वर्षों में जो हेल्थ सेक्टर को नुकसान हुआ है, वह बहुत अधिक है. हमारी सरकार की प्राथमिकता में हेल्थ सेक्टर, एजुकेशन सेक्टर प्रायोरिटी लिस्ट में है. हेल्थ सेक्टर में हम दिन प्रतिदिन बदलाव कर रहे हैं.

सीएम सुखविंदर ने कहा, "उन्होंने टांडा मेडिकल कॉलेज में भी विजिट कर हेल्थ ऑफिसर्स के साथ बैठक की है. टांडा मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की कितनी सीटें चाहिए, प्रोफेसर की कितनी चाहिए, किस डिपार्टमेंट की ज्यादा प्रॉब्लम है. मैडिसन में है या न्यूरो में है. हमने बैठक कर इस पर विचार किया है. सभी मेडिकल कॉलेज को हाई एंड टेक्नोलॉजी मेडिकल टेक्नोलॉजी से हम सॉल्व करने की कोशिश कर रहे हैं".

मुख्यमंत्री ने कहा, "मेडिकल सेक्टर में पैसे की कोई कमी नहीं है. एजुकेशन सेक्टर में पैसे की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर क्वालिटी सिस्टम होना चाहिए. क्वालिटी एजुकेशन सिस्टम होना चाहिए, जो पिछले 5 साल में क्वालिटी से कंप्रोमाइज करके जो कार्य पिछली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है, हमारी सरकार उसको दुरुस्त करके व्यवस्था परिवर्तन करके हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है".

ये भी पढ़ें: बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार को दी चेतावनी, मांगें नहीं मानी तो कर देंगे ब्लैक आउट

Last Updated : Oct 29, 2024, 4:04 PM IST
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