ETV Bharat / state

हिमाचल भवन पर आए फैसले पर सीएम सुक्खू का बयान, किस कानून के तहत दे रहे फैसला ये देखना जरूरी

हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश पर सीएम सुक्खू ने प्रतिक्रिया दी है. डिटेल में पढ़ें खबर...

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि ज्यूडिशियरी को भी ये देखना चाहिए था कि थोड़ा सा इन चीजों की तरफ भी ध्यान रखा जाए कि हम नियम और रूल के तहत इस प्रकार के फैसले कर रहे हैं.

शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा कि आर्बिट्रेशन का ये केस साल 2009 से चल रहा है. पिछले अग्रिम प्रीमियम में मोजर बेयर ने एक एक प्रोजेक्ट लिया, जिस पर उन्होंने बोली लगाई. उस वक्त अग्रिम प्रीमियम में जो हमारी ऊर्जा नीति थी, उसमें मेरी भी भूमिका थी इसलिए इस मामले को लेकर मुझे अधिक जानकारी है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

प्रोजेक्ट के लिए हमने बोली बोलने के लिए 10 लाख प्रति मेगावाट रिजर्व प्राइज रखा था. ऐसे में मोजर बेयर ने 10 लाख रुपये से अधिक की बोली बोलकर ये प्रॉजेक्ट उन्हें अलॉट किया था लेकिन मोजर बेयर ने प्रोजेक्ट को शुरू ही नहीं किया. सीएम ने कहा अग्रिम प्रीमियम का मतलब ये होता है कि प्रोजेक्ट चले या न चले लेकिन सरकार को उसे ये पैसा देना था लेकिन इसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आई, जिसने इस प्रोजेक्ट पर कोई गौर नहीं किया.

सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जो हिमाचल भवन कुर्क करने के हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उनसे पूछा जाना चाहिए कि पांच साल उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

64 करोड़ रुपये हिमाचल के लिए नहीं बड़ी बात

सीएम सुक्खू ने कहा कि 64 करोड़ रुपये देना हिमाचल के लिए बड़ी बात नहीं है लेकिन हम लीगल पहलू पर लड़ रहे हैं. हमने इसी महीने दो वेतन जारी किए हैं जिसके तहत हमने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को 3 हजार करोड़ रुपये बांटा है. ऐसे में 64 करोड़ रुपये जमा करवाने में हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन ज्यूडिशरी को भी देखना चाहिए था कि थोड़ा सा इन चीजों का भी ध्यान रखा जाए कि हम किस नियम और रूल के तहत इस प्रकार के फैसले ले रहे हैं.

आर्बिट्रेशन के पैसे जमा करने के बाद हमें देखना है कि क्या हम आगे केस लड़ेंगे. सीएम सुक्खू ने कहा हमने 280 करोड़ रुपये का एक और आर्बिट्रेशन केस अदानी के खिलाफ लड़ा था जिसमें कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था इसलिए इस मामले को लेकर ये कहना चाहूंगा कि 64 करोड़ रुपये देना कोई बड़ी बात नहीं है.

कोर्ट में जो हमारे वकील हैं उन्होंने इस मामले को लेकर क्या प्रेजेंट किया. ये भी देखने वाली बात है. मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि आर्बिट्रेशन के खिलाफ भी हम अपील दायर कर रहे हैं. नादौन में ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी के मामले पर सीएम सुक्खू ने कहा कि जो गलत करेगा उस पर कार्रवाई होगी. कोई मुख्यमंत्री के क्षेत्र नादौन से है तो उसको राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए जिसकी गिरफ्तारी हुई उसे क्यों गिरफ्तार किया गया यह देखने वाली बात है.

इस मामले पर अदालत अपना फैसला लेगी. सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर को इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए, वो खुद भी उद्योग मंत्री रहे हैं. खनन विभाग भी उनके पास था तो उनके पास ज्यादा जानकारी होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री राजनीतिक हालात इस तरह इंगित करना चाहते हैं कि जैसे हम लोग इसमें संलिप्त हैं. उनका राजनीति करने का ध्येय होगा, तभी वे ऐसी बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में हिमाचल भवन के कुर्की वाले आदेश पर बोले सीएम, मैनें अभी नहीं पढ़ा HC का फैसला

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक आर्बिट्रेशन अवॉर्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि ज्यूडिशियरी को भी ये देखना चाहिए था कि थोड़ा सा इन चीजों की तरफ भी ध्यान रखा जाए कि हम नियम और रूल के तहत इस प्रकार के फैसले कर रहे हैं.

शिमला में मीडिया से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा कि आर्बिट्रेशन का ये केस साल 2009 से चल रहा है. पिछले अग्रिम प्रीमियम में मोजर बेयर ने एक एक प्रोजेक्ट लिया, जिस पर उन्होंने बोली लगाई. उस वक्त अग्रिम प्रीमियम में जो हमारी ऊर्जा नीति थी, उसमें मेरी भी भूमिका थी इसलिए इस मामले को लेकर मुझे अधिक जानकारी है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (ETV Bharat)

प्रोजेक्ट के लिए हमने बोली बोलने के लिए 10 लाख प्रति मेगावाट रिजर्व प्राइज रखा था. ऐसे में मोजर बेयर ने 10 लाख रुपये से अधिक की बोली बोलकर ये प्रॉजेक्ट उन्हें अलॉट किया था लेकिन मोजर बेयर ने प्रोजेक्ट को शुरू ही नहीं किया. सीएम ने कहा अग्रिम प्रीमियम का मतलब ये होता है कि प्रोजेक्ट चले या न चले लेकिन सरकार को उसे ये पैसा देना था लेकिन इसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आई, जिसने इस प्रोजेक्ट पर कोई गौर नहीं किया.

सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जो हिमाचल भवन कुर्क करने के हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उनसे पूछा जाना चाहिए कि पांच साल उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

64 करोड़ रुपये हिमाचल के लिए नहीं बड़ी बात

सीएम सुक्खू ने कहा कि 64 करोड़ रुपये देना हिमाचल के लिए बड़ी बात नहीं है लेकिन हम लीगल पहलू पर लड़ रहे हैं. हमने इसी महीने दो वेतन जारी किए हैं जिसके तहत हमने सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को 3 हजार करोड़ रुपये बांटा है. ऐसे में 64 करोड़ रुपये जमा करवाने में हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन ज्यूडिशरी को भी देखना चाहिए था कि थोड़ा सा इन चीजों का भी ध्यान रखा जाए कि हम किस नियम और रूल के तहत इस प्रकार के फैसले ले रहे हैं.

आर्बिट्रेशन के पैसे जमा करने के बाद हमें देखना है कि क्या हम आगे केस लड़ेंगे. सीएम सुक्खू ने कहा हमने 280 करोड़ रुपये का एक और आर्बिट्रेशन केस अदानी के खिलाफ लड़ा था जिसमें कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था इसलिए इस मामले को लेकर ये कहना चाहूंगा कि 64 करोड़ रुपये देना कोई बड़ी बात नहीं है.

कोर्ट में जो हमारे वकील हैं उन्होंने इस मामले को लेकर क्या प्रेजेंट किया. ये भी देखने वाली बात है. मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि आर्बिट्रेशन के खिलाफ भी हम अपील दायर कर रहे हैं. नादौन में ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी के मामले पर सीएम सुक्खू ने कहा कि जो गलत करेगा उस पर कार्रवाई होगी. कोई मुख्यमंत्री के क्षेत्र नादौन से है तो उसको राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए जिसकी गिरफ्तारी हुई उसे क्यों गिरफ्तार किया गया यह देखने वाली बात है.

इस मामले पर अदालत अपना फैसला लेगी. सीएम सुक्खू ने कहा कि पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर को इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए, वो खुद भी उद्योग मंत्री रहे हैं. खनन विभाग भी उनके पास था तो उनके पास ज्यादा जानकारी होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री राजनीतिक हालात इस तरह इंगित करना चाहते हैं कि जैसे हम लोग इसमें संलिप्त हैं. उनका राजनीति करने का ध्येय होगा, तभी वे ऐसी बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में हिमाचल भवन के कुर्की वाले आदेश पर बोले सीएम, मैनें अभी नहीं पढ़ा HC का फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.