शिमला: हिमाचल की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश के संपन्न लोगों से बिजली के मीटरों पर वर्तमान में मिल रही 125 यूनिट सब्सिडी को छोड़ने की अपील की है. सीएम ने उनके नाम बिजली के मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी को स्वेच्छा से छोड़ने का ऐलान भी कर दिया है.
सीएम के नाम पर पांच बिजली मीटर
मुख्यमंत्री के नाम निजी तौर पर कुल पांच बिजली के मीटर हैं. ये जानकारी खुद सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी. उन्होंने पांचों बिजली के मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता को आवश्यक प्रपत्र सौंपा.
वहीं, कैबिनेट मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री का अनुसरण करते हुए बिजली के मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने के लिए फॉर्म भरे हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा "हमारी सरकार साल 2032 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. मुझे मेरे नाम पर पांच मीटरों पर 625 यूनिट बिजली अनुदान के रूप में मिल रही थी. वहीं, छानबीन में पता लगा है कि प्रदेश में ऐसे कुछ लोग हैं जिनके नाम पर 100 बिजली के मीटर भी हैं."
सब्सिडी पर गरीबों का हक
सीएम ने कहा बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी पर गरीबों का हक है. सीएम ने नैतिक आधार पर संपन्न नागरिकों को राज्य के विकास में सहयोग के लिए सब्सिडी छोड़ने की अपील की. उन्होंने संपन्न उपभोक्ताओं को बोर्ड के बिजली ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से, हेल्पलाइन नंबर 1100 या 1912 पर कॉल करके या अपने नजदीकी बिजली उप-विभाग में जाकर स्वेच्छा से अपनी सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
सरकार सब्सिडी पर सालाना खर्च करती है 2200 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा सरकार बिजली सब्सिडी पर सालाना 2200 करोड़ रुपये और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर 200 करोड़ रुपये मासिक खर्च करती है. सब्सिडी जरूरतमंदों के लिए आरक्षित होनी चाहिए. इससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी. वहीं, जो वर्तमान में प्रदेश के लोगों को 125 यूनिट प्रत्येक बिजली के मीटर पर सब्सिडी मिल रही है. वह पूर्व की जयराम सरकार ने दी थी.
ये भी पढ़ें: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा हिमाचल का ये संस्थान, दृष्टिबाधितों की पेंशन बढ़ाने की भी घोषणा