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उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार परिवहन निगम ने कमाए 56 करोड़ रुपए, सीएम धामी ने किया सम्मानित

Earnings of Uttarakhand Transport Corporation उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार परिवहन निगम ने कमाई की है. अभी तक निगम घाटे में ही चल रही थी. इस बार निगम ने 56 करोड़ रुपए कमाकर दिए हैं. जिस पर सीएम धामी ने संबंधित अधिकारियों की पीठ थपथपाई है. जानिए उत्तराखंड परिवहन निगम का सफर और कितने घाटे में चल रही थी निगम...

Uttarakhand Transport Corporation
उत्तराखंड परिवहन निगम
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 23, 2024, 8:31 PM IST

देहरादून: साल 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन किया गया था. जिसके बाद से परिवहन निगम लगातार घाटे में चल रही थी. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो निगम में गठन के बाद वित्तीय वर्ष 2021-2022 तक परिवहन निगम 520 करोड़ रुपए के वित्तीय नुकसान में था. जबकि, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परिवहन निगम में न सिर्फ अपने वित्तीय नुकसान को पूरा किया. बल्कि, 27 करोड़ रुपए का मुनाफा भी कमाया था. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-2024 में परिवहन निगम ने रिकॉर्ड तोड़ 56 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है.

  • Dehradun | Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami honoured Transport Secretary Arvind Singh Hainki and Managing Director Dr Anand Srivastava with citations.

    CM said "The government has been working on good governance since day one. The Transport Corporation has emerged… pic.twitter.com/DBaa7X7mpl

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 23, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

56 करोड़ रुपए की कमाई करने पर सीएम धामी ने थपथपाई पीठ: उत्तराखंड परिवहन निगम के गठन के बाद पहली बार 56 करोड़ रुपए की कमाई करने की इस उपलब्धि पर सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी और प्रबंध निदेशक आनंद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. बता दें कि साल 2003 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड परिवहन निगम अस्तित्व में आया था. उस दौरान उत्तराखंड रोडवेज के हिस्से में नई और पुरानी 957 बसें आई थी. इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने सीमित संसाधनों के साथ रोडवेज का संचालन किया, लेकिन तात्कालिक प्रदेश की स्थिति और यूपी परिवहन निगम की बची हुई देनदारी के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार घाटे में चला गया.

Uttarakhand Transport Corporation
सीएम धामी ने किया सम्मानित
ये भी पढ़ेंः हांफती रोडवेज बसों को विभाग देगा राहत की 'सांस', जिलों में खुलेंगे चार्जिंग स्टेशन, लाई जाएंगी 200 CNG बसें

520 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था घाटा: वित्तीय वर्ष 2006-2007 इकलौता साल रहा, जब परिवहन निगम को 2 करोड़ 75 लाख रुपए का फायदा हुआ था, लेकिन उससे पहले और उसके बाद वित्तीय वर्ष 2021-2022 तक निगम लगातार घाटे की दलदल में डूबता रहा. परिवहन निगम को सबसे ज्यादा नुकसान कोरोना काल में हुआ. क्योंकि, इस कोरोना काल के दौरान परिवहन निगम को करीब 139 करोड़ 73 लाख रुपए का घाटा हुआ. जिसके चलते परिवहन निगम का कुल घाटा करीब 520 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. इसके बाद परिवहन निगम को घाटे से उभरने के लिए सरकार की ओर से सैकड़ों करोड़ रुपए की सहायता भी की गई.

20 साल के इतिहास में परिवहन निगम ने किया कमाल: जिसका नतीजा ये निकला कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 56 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम किया है. जिसके चलते सीएम धामी ने परिवहन निगम के अधिकारी को सम्मानित किया है. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं. पिछले 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम पहली बार घाटे से उभर कर बड़ा लाभ हासिल किया है. परिवहन निगम, आम जनता से सीधे जुड़ा हुआ विभाग है. लिहाजा, सरकार जनता की सुविधाओं को देखते हुए इसमें बेहतर सुधार ला रही है.
ये भी पढ़ेंः घाटे में फंसे उत्तराखंड परिवहन निगम को पथिक यात्री मोबाइल एप का सहारा, इस साल लग चुकी है 18 करोड़ से ज्यादा की चपत

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास 1350 बसें, खरीदे जाएंगे 330 नॉर्मल और 200 सीएनजी बसें: वहीं, परिवहन निगम के एमडी आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही निगम के बेड़े में 330 नई बसें जुड़ने जा रही है. वर्तमान समय में उत्तराखंड परिवहन निगम के पास 1350 बसें हैं. जिसका संचालन राज्य और दूसरे राज्य में किया जा रहा है. इनमें से 151 सीएनजी बसें दिल्ली रूट पर संचालित की जा रही है. ऐसे में आने वाले समय में निगम 200 सीएनजी बसें खरीदने जा रहा है. जिसको पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालित किया जाएगा. इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 130 नई बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है. इसके साथ ही निगम के घाटे से उभरने के बाद 8 बस स्टेशन तैयार किए गए हैं. जबकि 13 स्टेशन पर काम जारी है.

देहरादून: साल 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम का गठन किया गया था. जिसके बाद से परिवहन निगम लगातार घाटे में चल रही थी. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो निगम में गठन के बाद वित्तीय वर्ष 2021-2022 तक परिवहन निगम 520 करोड़ रुपए के वित्तीय नुकसान में था. जबकि, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परिवहन निगम में न सिर्फ अपने वित्तीय नुकसान को पूरा किया. बल्कि, 27 करोड़ रुपए का मुनाफा भी कमाया था. वहीं, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-2024 में परिवहन निगम ने रिकॉर्ड तोड़ 56 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है.

  • Dehradun | Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami honoured Transport Secretary Arvind Singh Hainki and Managing Director Dr Anand Srivastava with citations.

    CM said "The government has been working on good governance since day one. The Transport Corporation has emerged… pic.twitter.com/DBaa7X7mpl

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 23, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

56 करोड़ रुपए की कमाई करने पर सीएम धामी ने थपथपाई पीठ: उत्तराखंड परिवहन निगम के गठन के बाद पहली बार 56 करोड़ रुपए की कमाई करने की इस उपलब्धि पर सीएम धामी ने मंगलवार को सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी और प्रबंध निदेशक आनंद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. बता दें कि साल 2003 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड परिवहन निगम अस्तित्व में आया था. उस दौरान उत्तराखंड रोडवेज के हिस्से में नई और पुरानी 957 बसें आई थी. इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने सीमित संसाधनों के साथ रोडवेज का संचालन किया, लेकिन तात्कालिक प्रदेश की स्थिति और यूपी परिवहन निगम की बची हुई देनदारी के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम लगातार घाटे में चला गया.

Uttarakhand Transport Corporation
सीएम धामी ने किया सम्मानित
ये भी पढ़ेंः हांफती रोडवेज बसों को विभाग देगा राहत की 'सांस', जिलों में खुलेंगे चार्जिंग स्टेशन, लाई जाएंगी 200 CNG बसें

520 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था घाटा: वित्तीय वर्ष 2006-2007 इकलौता साल रहा, जब परिवहन निगम को 2 करोड़ 75 लाख रुपए का फायदा हुआ था, लेकिन उससे पहले और उसके बाद वित्तीय वर्ष 2021-2022 तक निगम लगातार घाटे की दलदल में डूबता रहा. परिवहन निगम को सबसे ज्यादा नुकसान कोरोना काल में हुआ. क्योंकि, इस कोरोना काल के दौरान परिवहन निगम को करीब 139 करोड़ 73 लाख रुपए का घाटा हुआ. जिसके चलते परिवहन निगम का कुल घाटा करीब 520 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. इसके बाद परिवहन निगम को घाटे से उभरने के लिए सरकार की ओर से सैकड़ों करोड़ रुपए की सहायता भी की गई.

20 साल के इतिहास में परिवहन निगम ने किया कमाल: जिसका नतीजा ये निकला कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 56 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम किया है. जिसके चलते सीएम धामी ने परिवहन निगम के अधिकारी को सम्मानित किया है. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं. पिछले 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम पहली बार घाटे से उभर कर बड़ा लाभ हासिल किया है. परिवहन निगम, आम जनता से सीधे जुड़ा हुआ विभाग है. लिहाजा, सरकार जनता की सुविधाओं को देखते हुए इसमें बेहतर सुधार ला रही है.
ये भी पढ़ेंः घाटे में फंसे उत्तराखंड परिवहन निगम को पथिक यात्री मोबाइल एप का सहारा, इस साल लग चुकी है 18 करोड़ से ज्यादा की चपत

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास 1350 बसें, खरीदे जाएंगे 330 नॉर्मल और 200 सीएनजी बसें: वहीं, परिवहन निगम के एमडी आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जल्द ही निगम के बेड़े में 330 नई बसें जुड़ने जा रही है. वर्तमान समय में उत्तराखंड परिवहन निगम के पास 1350 बसें हैं. जिसका संचालन राज्य और दूसरे राज्य में किया जा रहा है. इनमें से 151 सीएनजी बसें दिल्ली रूट पर संचालित की जा रही है. ऐसे में आने वाले समय में निगम 200 सीएनजी बसें खरीदने जा रहा है. जिसको पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालित किया जाएगा. इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 130 नई बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है. इसके साथ ही निगम के घाटे से उभरने के बाद 8 बस स्टेशन तैयार किए गए हैं. जबकि 13 स्टेशन पर काम जारी है.

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