पटना: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है. 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल मेंं अंतिम सांस ली. उनके निधन से देश में शोक का माहौल है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत तमाम दलों के नेताओं ने दुख जताया है.
'भारत ने एक अनमोल रत्न खो दिया': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा, 'भारत ने एक अनमोल रत्न खो दिया. प्रसिद्ध उद्योगपति और पद्म विभूषण से सम्मानित श्री रतन टाटा जी की निधन की खबर अत्यंत दुःखद और असहनीय है. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही अपनी विनम्रता, दयालुता और समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्हें आम लोगों से भी भरपूर प्रेम मिला है. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में उच्च स्थान दें और दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करें. ॐ शांति!'
प्रख्यात उद्योगपति एवं टाटा संस के पूर्व चेयरमैन, पद्म विभूषण रतन टाटा जी का निधन दुःखद। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता, सहजता और सादगी भरे जीवन से सबको प्रेरित किया। उन्होंने अपने कार्यों से देश की अर्थव्यवस्था में अपना सराहनीय योगदान दिया। रतन टाटा जी के निधन से उद्योग जगत को अपूरणीय…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 10, 2024
'रतन टाटा ने दूसरों के लिए जीवन जिया': वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'मानवीय मूल्यों व परोपकार में गहरी आस्था रखने वाले बड़े उद्योगपति, विजनरी लीडर, ईमानदारी, नैतिकता, दयालुता और सद्भावना की मिसाल श्री रतन टाटा जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं. वो ऐसे उद्योगपति थे, जो हमेशा औरों के लिए जिए. उन्होंने अनुकरणीय जीवन जिया. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें.'
मानवीय मूल्यों व परोपकार में गहरी आस्था रखने वाले बड़े उद्योगपति, विजनरी लीडर, ईमानदारी, नैतिकता, दयालुता और सद्भावना की मिसाल श्री रतन टाटा जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 9, 2024
वो ऐसे उद्योगपति थे जो हमेशा औरों के लिए जिए। उन्होंने अनुकरणीय जीवन जिया। ईश्वर उन्हें… pic.twitter.com/mgP2cyqYFn
कौन थे रतन टाटा?: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के पुत्र थे. उन्होंने स्कूली पढ़ाई मुंबई से की. इसके बाद वे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी चले गए. वहां से उन्होंने आर्किटेक्चर में बीएस किया. 1961-62 में वह टाटा समूह से जुड़े. बाद में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम से मैनेजमेंट की डिग्री ली और 1991 में वे टाटा ग्रुप के चैयरमेन बने. साल 2012 में वह रिटायर हो गए थे लेकिन इसके बावजदू वह लगातार सक्रिय दिखते थे. उनकी उपलब्धियों में 1 लाख रुपये की नैनो कार की लॉन्चिंग, फोर्ड समूह की लग्जरी कार बनाने वाली जगुआर और लैंड रोवर खरीदना शामिल है.
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