चाईबासा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुआ शहीद दिवस के अवसर पर पश्चिमी सिंहभूम के गुआ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने गुआ गोलीकांड के अमर शहीदों की वेदी पर नमन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उसके बाद गुआ फुटबॉल मैदान में पूर्व निर्धारित जनसभा कार्यक्रम में करोड़ों रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन तथा परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने लाभुकों के बीच 103 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का वितरण किया. 153 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और 48 करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन हुआ. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 336 एकड़ भूमि का वन पट्टा भी वितरित किया.
'मेरे पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी कर रहा विपक्ष'
हेमंत ने कहा कि विपक्ष अब उनके पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड अजीब राज्य है, इस राज्य को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था. शायद इसीलिए चिड़िया माइंस का नाम भी रखा गया. उन्होंने कहा कि लेकिन अफसोस की बात है कि खनिज संपदा से भरपूर इस राज्य के लोगों की गिनती देश के सबसे गरीब लोगों में होती है. हमसे ज्यादा अमीर कोई राज्य नहीं है. प्रकृति ने इस धरती के नीचे इतना खजाना रखा है कि अगर सही नीति बनती तो यहां के लोग भूखे नहीं रहते. यहां के लोगों को आज भी भूखे सोना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि अगर सही योजना और नीति बनती तो यहां के लोग सबसे अमीर होते. लेकिन यहां के लोगों को मजदूर बनाकर रखा गया. झारखंड के मजदूर यहां के अलावा दूसरे राज्यों में काम करते हैं. दूसरे राज्यों के लोग यहां के लोगों को काम कराने के लिए ट्रेनों में ले जाते हैं. गलत नीतियों ने इस राज्य की यह हालत कर दी है. जब देश के नीति निर्माता ही इस अभिशाप को लेकर बैठे हों तो हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
'डबल इंजन की सरकार ने राज्य को दोनों हाथों से लूटा'
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब देश में डबल इंजन की सरकार होती है तो स्थिति का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है. डबल इंजन की सरकार ने इस राज्य को दोनों हाथों से लूटा. लेकिन यहां के लोगों की रगों में भी खून बह रहा है. उन्होंने कभी अपने अधिकार और स्वाभिमान से समझौता नहीं किया. चाहे उन्हें फांसी दी गई, गोली मारी गई या जेल में डाला गया.
'हमारे अपने लोगों ने ही लड़ाई छोड़ दी'
चंपाई सोरेन का नाम लिए बिना हेमंत ने कहा कि लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस लड़ाई को छोड़कर अलग राह पर चले गए. लेकिन हमने खुद को इकट्ठा किया और इस लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया. हेमंत ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि हमें अलग राज्य मिलेगा. अलग राज्य के आंदोलन पर लोग हंसते थे, लेकिन हमारी लड़ाई सफल रही और हमें अलग राज्य मिला. तब इन लोगों ने कहा कि अलग राज्य मिलने से क्या होगा. सत्ता हमारे हाथ में ही रहेगी और यही हुआ. जो लोग इस राज्य को चूस रहे थे, वही सत्ता में आ गए, फिर वही मंजर हो गया. एक बार फिर मुसीबतों और दुखों का पहाड़ हमारे सामने आ गया. लेकिन 2019 के चुनाव में आपकी सरकार बनी. असली झारखंडी सरकार बनी, लेकिन इसके बाद कोरोना आ गया, सब बंद हो गया.
'7 पूर्व सीएम मेरे पीछे पड़े हैं'
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही कोरोना आ गया. जब किसी तरह खत्म हुआ तो ईडी और जांच एजेंसियों को हमारे पीछे लगा दिया गया. इस चूहे-बिल्ली के खेल में दो साल लग गए, लेकिन जब उन्हें हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो उन्होंने हमें जबरन जेल में डाल दिया. सीएम हेमंत ने कहा कि अब क्या करेंगे? मुझे फांसी पर लटका देंगे. आज भी 7 पूर्व सीएम मेरे पीछे पड़े हैं. अब ये लोग मेरे पूरे परिवार को जेल भेजने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन एक सच्चा झारखंडी न तो जेल जाने से डरता है और न ही गोली खाने से, जितना खून इस धरती पर बहेगा, उतने ही वीर सपूत यहां पैदा होंगे.
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