रांचीः प्रवर्तन निदेशालय के समन की अवहेलना मामले में सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से मिली राहत अगली सुनवाई तक बरकरार रहेगी. जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने मामले में ईडी को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को निर्धारित की गई है.
सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने अदालत से पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक बढ़ाने की मांग की. उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए अदालत ने पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री को हाईकोर्ट से 16 जनवरी तक राहत मिली है.
अदालत ने मामले में ईडी से जवाब तलब किया है. सीएम हेमंत सोरेन को 16 जनवरी तक के लिए एमपी-एमएलए की अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी गई है. सीएम की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और दीपांकर राय ने न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में पक्ष रखा. सीएम के अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने ईटीवी भारत को बताया कि ईडी की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई थी.
आपको बता दें कि 4 दिसंबर को पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए 16 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की थी. इससे पहले ईडी के समन की अवहेलना मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें सशरीर पेश होने को कहा था. सीएम की ओर से व्यक्तिगत पेशी से छूट का आग्रह करते हुए याचिका दायर की गई थी, जिसे 26 नवंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज करते हुए 4 दिसंबर को सशरीर पेशी का आदेश दिया था. इसी को सीएम की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
ईडी की ओर से 19 फरवरी को हेमंत सोरेन के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में शिकायत वाद दर्ज कराया गया था. ईडी की दलील थी कि जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 10 बार समन जारी किए गये थे, लेकिन वे सिर्फ 8वें समन पर 20 जनवरी को और 10वें समन पर 31 जनवरी को एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए आए थे. शेष आठ समन की अवहेलना की गई थी.
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