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CM हेल्पलाइन में 5 सालों में 459682 शिकायतें हुई दर्ज, 426145 शिकायतों का हुआ निस्तारण, इतना आया खर्च

CM Helpline Portal प्रदेश की जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 पोर्टल बनाया गया है. जहां लोगों की शिकायतों को सुनकर उनका निराकरण किया जा रहा है. यही नहीं पूर्व में मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 को और सशक्त बनाये जाए के भी निर्देश दिए थे. जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लग सके.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 6, 2024, 9:07 AM IST

हल्द्वानी: लोगों की समस्याओं की शिकायतों की समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने सीएम हेल्पलाइन जारी किया है.जिसके तहत लोग अपनी शिकायतों को मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं. सीएम पोर्टल पर मिलने वाले शिकायतों के समाधान के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों की बैठक भी लेते हैं. जिसका नतीजा है कि सीएम पोर्टल पर मिलने वाले शिकायतों को मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से लेते हैं और शिकायतों का जल्द निराकरण भी किया जा रहा है.

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सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी

आरटीआई कार्यकर्ता हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गई जानकारी के अनुसार सीएम हेल्पलाइन पर 1 अप्रैल 2019 से 18 जनवरी तक 4 लाख 59 हजार 682 शिकायतें प्राप्त हुई है और 4 लाख 26 हजार 145 शिकायतों का निस्तारण हुआ है. 33 हजार 537 शिकायतें गतिमान हैं. आरटीआई से यह भी जानकारी मिली है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल 1905 का तकनीकी संचालन किया जाता है एवं इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले समस्त प्रकारों के अग्रिम कार्रवाई संबंधित विभागों को भेजी जाती है. उक्त प्रकरणों पर की गई कार्रवाई संबंधित विभाग द्वारा की जाती है.

सीएम हेल्पलाइन पोर्टल के तहत वर्तमान में 9 कर्मी तैनात हैं. इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन कॉल सेंटर 1905 का संचालन किया जाता है जो निजी कंपनी के माध्यम से कराई जाती है. जिसके तहत 55 कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव एजेंट कार्य करते हैं.सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2019 से 2020 तक सीएम हेल्पलाइन पर 53 लाख 19 हजार 254 रुपए खर्च हुए हैं. जबकि 1 अप्रैल 2020 से 16 जून 2024 तक 7 करोड़ 40 लाख 72 हजार 424 रुपए खर्च हुए हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि कई बार अधिकारी आम आदमी की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. ऐसे में आम जनता मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपना शिकायत दर्ज करता है. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर उनकी शिकायतों का निराकरण भी होता है. ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि सीएम हेल्पलाइन को और अधिक गंभीरता से लेते हुए शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. जिससे लोगों को अपनी शिकायतों का समाधान जल्द मिल सके.

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हल्द्वानी: लोगों की समस्याओं की शिकायतों की समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने सीएम हेल्पलाइन जारी किया है.जिसके तहत लोग अपनी शिकायतों को मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं. सीएम पोर्टल पर मिलने वाले शिकायतों के समाधान के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अधिकारियों की बैठक भी लेते हैं. जिसका नतीजा है कि सीएम पोर्टल पर मिलने वाले शिकायतों को मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से लेते हैं और शिकायतों का जल्द निराकरण भी किया जा रहा है.

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सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी

आरटीआई कार्यकर्ता हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी गई जानकारी के अनुसार सीएम हेल्पलाइन पर 1 अप्रैल 2019 से 18 जनवरी तक 4 लाख 59 हजार 682 शिकायतें प्राप्त हुई है और 4 लाख 26 हजार 145 शिकायतों का निस्तारण हुआ है. 33 हजार 537 शिकायतें गतिमान हैं. आरटीआई से यह भी जानकारी मिली है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल 1905 का तकनीकी संचालन किया जाता है एवं इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले समस्त प्रकारों के अग्रिम कार्रवाई संबंधित विभागों को भेजी जाती है. उक्त प्रकरणों पर की गई कार्रवाई संबंधित विभाग द्वारा की जाती है.

सीएम हेल्पलाइन पोर्टल के तहत वर्तमान में 9 कर्मी तैनात हैं. इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन कॉल सेंटर 1905 का संचालन किया जाता है जो निजी कंपनी के माध्यम से कराई जाती है. जिसके तहत 55 कॉल सेंटर एग्जीक्यूटिव एजेंट कार्य करते हैं.सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2019 से 2020 तक सीएम हेल्पलाइन पर 53 लाख 19 हजार 254 रुपए खर्च हुए हैं. जबकि 1 अप्रैल 2020 से 16 जून 2024 तक 7 करोड़ 40 लाख 72 हजार 424 रुपए खर्च हुए हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि कई बार अधिकारी आम आदमी की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. ऐसे में आम जनता मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपना शिकायत दर्ज करता है. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर उनकी शिकायतों का निराकरण भी होता है. ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि सीएम हेल्पलाइन को और अधिक गंभीरता से लेते हुए शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए. जिससे लोगों को अपनी शिकायतों का समाधान जल्द मिल सके.

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