रांचीः झारखंड में उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान बेहोशी के बाद काल के गाल में समा गए अभ्यार्थियों के परिजनों के जख्मों पर सरकार ने मरहम लगाने की कोशिश की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में चार-चार लाख रुपए का चेक प्रदान किया है. साथ ही मॉब लिंचिंग के पीड़ित परिवारों को भी आर्थिक सहायता राशि का चेक दिया गया है.
झारखंड में पिछले कुछ वर्षों में मॉब लिंचिंग की अलग-अलग घटनाओं के दौरान अपनों को खोने वाले 28 पीड़ित परिवारों को भी मुख्यमंत्री ने चार-चार लाख रुपए का चेक सौंपा है. मुख्यमंत्री ने सभी पीड़ित परिवारों के प्रति सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त की और भरोसा दिलाया कि मुसीबत की घड़ी में ऐसे परिवारों के साथ सरकार खड़ी रहेगी. उन्होंने विश्वास दिलाया कि ऐसे परिवारों को अन्य रूप से मदद पहुंचाने के लिए भी कोई ना कोई रास्ता जरुर निकाला जाएगा.
दरअसल, पिछले दिनों उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान 18 से ज्यादा अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी. इसको लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सरकार को जमकर घेरा था. भाजपा ने सभी पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग की थी. इस दौरान भाजपा ने अपने स्तर से पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता पहुंचाई थी.
आज का दिन मेरे लिए भावनात्मक रूप से बहुत कठिन रहा। झारखण्ड उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा में जान गंवाने वाले 15 युवाओं के परिवारों से मिला। साथ ही, मॉब लिंचिंग के शिकार हुए 28 लोगों और 1 घायल व्यक्ति के परिजनों से भी मुलाकात की।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 7, 2024
इन सभी पीड़ित परिवारों को कुल ₹1 करोड़ 82… pic.twitter.com/wC6mx7Qn0H
इस कार्यक्रम को लेकर राजधानी के प्रोजेक्ट भवन में एक शोक सभा का आयोजन किया गया. इसमें मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री हफीजुल हसन, कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, डीजी हेडक्वार्टर आर के मलिक समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
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