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कौशल विकास एवं रोजगार कॉन्क्लेव का आयोजन, सुझावों और विचारों को नीति में किया जाएगा शामिल

सीएम धामी ने देहरादून में कौशल विकास एवं रोजगार कॉन्क्लेव में भाग लिया. कॉन्क्लेव में जनरेशन इंडिया और सरकार के बीच एमओयू भी साइन हुआ.

DOON UNIVERSITY CONCLAVE
देहरादून में कौशल विकास एवं रोजगार कॉन्क्लेव का आयोजन (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

देहरादूनः उत्तराखंड के युवाओं का स्किल डेवलपमेंट और रोजगार से जोड़ने को लेकर देहरादून के एक विश्वविद्यालय में मंगलवार को कौशल विकास एवं रोजगार कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. आयोजित कॉन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सीएम धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कॉन्क्लेव के दौरान जनरेशन इंडिया और उत्तराखंड सरकार के बीच एमओयू भी साइन किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्क्लेव हमारे युवाओं के कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. कॉन्क्लेव युवाओं को उनकी क्षमता के अनुसार सशक्त बनाने में मददगार साबित होगा. साथ ही युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करेगा.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के 13 आईटीआई संस्थानों में दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ 20 अल्पकालिक पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं. साथ ही, आईटीआई काशीपुर में इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में एक 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित किया गया है. फिलिप्स के सहयोग से आईटीआई हरिद्वार में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए एक 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित किया गया है. अशोक लेलैंड कंपनी के साथ भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके तहत अशोक लेलैंड हर साल, प्रदेश के एक हजार युवाओं को अपने प्लांट में इंटर्नशिप और रोजगार प्रदान करेगा.

आयोजित कॉन्क्लेव में तमाम सत्रों के जरिए राज्य के प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर्स, जैसे- आयुष, वैलनेस, पर्यटन, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण, वन आधारित आजीविका, डिजिटल मार्केटिंग, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, अक्षय ऊर्जा समेत अन्य विषयों पर चर्चा किया गया. ऐसे में इस कॉन्क्लेव से आने वाले विचार और सुझाव को कौशल विकास के लिए तैयार की जाने वाली नीतियों में शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा विदेशी प्लेसमेंट नीति के तहत राज्य के युवाओं को विदेशी भाषाओं समेत तमाम कौशलों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है. ताकि प्रदेश के युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें.

सीएम धामी ने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर सरकार कार्य कर रही है. दो साल में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1.3 गुना वृद्धि हुई है. राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं. राज्य में विभिन्न क्षेत्रों के लिए 30 नई नीतियां बनाई हैं. उत्तराखंड राज्य युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रिम राज्य बनकर उभरा है. राज्य में एक साल में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है. राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में अगले पांच सालों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने के साथ-साथ कौशल विकास और रोजगार पैदा करने में भी बेहतर काम करेंगे.

सीएम ने कहा कि कौशल विकास को राज्य के प्रमुख एजेंडे में शामिल कर कई योजनाओं और नीतियों को लागू किया गया है. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के जरिए युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हजारों युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. तकनीकी नवाचार और वैश्विक परिवर्तन के चलते रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं. इसके लिए प्रदेश के युवाओं को 'फ्यूचर-रेडी' बनाना होगा. इस दिशा में युवाओं को 'डिमांड बेस्ड स्किल ट्रेनिंग' देने के लिए तमाम उद्योगों और कॉरपोरेट संस्थानों के साथ समझौते किए गए हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यशाला में जो मंथन होगा उससे काफी बेहतर चीजें निकल आएंगी, कि प्रदेश के युवाओं को किन सेक्टर में प्रशिक्षण देना है ताकि वो अच्छा रोजगार प्राप्त कर सके और आने वाले समय में उनका जीवन बेहतर हो सके. साथ ही कहा कि साल 2015 में प्रधानमंत्री ने डेवलेपमेंट का विभाग खोला था, जिसका उद्देश्य यही था कि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ना था. आने वाले समय में युवा न सिर्फ रोजगार खोलने वाले न बने बल्कि रोजगार देने वाले भी बने.

कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि उत्तराखंड के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि प्रदेश के युवाओं की स्किल और रोजगार को कैसे डेवलप किया जाए. इसके लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. साल 2014 के बाद देश में स्किल डेवलेपमेंट पर चर्चा शुरू हुई जिसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है. क्योंकि पीएम ने स्किलिंग, रिस्किलिंग और उपस्किलिंग पर बात कही थी. साथ ही इसके लिए पीएम ने स्किल डेवलेपमेंट विभाग भी अलग से बनाया, ताकि युवाओं के स्किल को बढ़ाने के साथ ही रोजगार पैदा किया जा सके. युवाओं के स्किल को डेवलप करने के साथ ही रोजगार के लिए नीतियां बनाई जाएगी.

ये भी पढ़ेंः महिलाओं को कौशल विकास के तहत दिया गया ड्रेस मेकर प्रशिक्षण, स्वरोजगार के माध्यम से होंगी स्वावलंबी

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देहरादूनः उत्तराखंड के युवाओं का स्किल डेवलपमेंट और रोजगार से जोड़ने को लेकर देहरादून के एक विश्वविद्यालय में मंगलवार को कौशल विकास एवं रोजगार कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. आयोजित कॉन्क्लेव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए सीएम धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कॉन्क्लेव के दौरान जनरेशन इंडिया और उत्तराखंड सरकार के बीच एमओयू भी साइन किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कॉन्क्लेव हमारे युवाओं के कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. कॉन्क्लेव युवाओं को उनकी क्षमता के अनुसार सशक्त बनाने में मददगार साबित होगा. साथ ही युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करेगा.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के 13 आईटीआई संस्थानों में दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ 20 अल्पकालिक पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं. साथ ही, आईटीआई काशीपुर में इलेक्ट्रिकल क्षेत्र में एक 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित किया गया है. फिलिप्स के सहयोग से आईटीआई हरिद्वार में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए एक 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित किया गया है. अशोक लेलैंड कंपनी के साथ भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसके तहत अशोक लेलैंड हर साल, प्रदेश के एक हजार युवाओं को अपने प्लांट में इंटर्नशिप और रोजगार प्रदान करेगा.

आयोजित कॉन्क्लेव में तमाम सत्रों के जरिए राज्य के प्रमुख ग्रोथ ड्राइवर्स, जैसे- आयुष, वैलनेस, पर्यटन, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण, वन आधारित आजीविका, डिजिटल मार्केटिंग, ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था, अक्षय ऊर्जा समेत अन्य विषयों पर चर्चा किया गया. ऐसे में इस कॉन्क्लेव से आने वाले विचार और सुझाव को कौशल विकास के लिए तैयार की जाने वाली नीतियों में शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा विदेशी प्लेसमेंट नीति के तहत राज्य के युवाओं को विदेशी भाषाओं समेत तमाम कौशलों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है. ताकि प्रदेश के युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें.

सीएम धामी ने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर सरकार कार्य कर रही है. दो साल में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1.3 गुना वृद्धि हुई है. राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं. राज्य में विभिन्न क्षेत्रों के लिए 30 नई नीतियां बनाई हैं. उत्तराखंड राज्य युवाओं को रोजगार देने में भी अग्रिम राज्य बनकर उभरा है. राज्य में एक साल में बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है. राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में अगले पांच सालों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने के साथ-साथ कौशल विकास और रोजगार पैदा करने में भी बेहतर काम करेंगे.

सीएम ने कहा कि कौशल विकास को राज्य के प्रमुख एजेंडे में शामिल कर कई योजनाओं और नीतियों को लागू किया गया है. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के जरिए युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हजारों युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. तकनीकी नवाचार और वैश्विक परिवर्तन के चलते रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं. इसके लिए प्रदेश के युवाओं को 'फ्यूचर-रेडी' बनाना होगा. इस दिशा में युवाओं को 'डिमांड बेस्ड स्किल ट्रेनिंग' देने के लिए तमाम उद्योगों और कॉरपोरेट संस्थानों के साथ समझौते किए गए हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यशाला में जो मंथन होगा उससे काफी बेहतर चीजें निकल आएंगी, कि प्रदेश के युवाओं को किन सेक्टर में प्रशिक्षण देना है ताकि वो अच्छा रोजगार प्राप्त कर सके और आने वाले समय में उनका जीवन बेहतर हो सके. साथ ही कहा कि साल 2015 में प्रधानमंत्री ने डेवलेपमेंट का विभाग खोला था, जिसका उद्देश्य यही था कि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ना था. आने वाले समय में युवा न सिर्फ रोजगार खोलने वाले न बने बल्कि रोजगार देने वाले भी बने.

कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि उत्तराखंड के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि प्रदेश के युवाओं की स्किल और रोजगार को कैसे डेवलप किया जाए. इसके लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. साल 2014 के बाद देश में स्किल डेवलेपमेंट पर चर्चा शुरू हुई जिसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है. क्योंकि पीएम ने स्किलिंग, रिस्किलिंग और उपस्किलिंग पर बात कही थी. साथ ही इसके लिए पीएम ने स्किल डेवलेपमेंट विभाग भी अलग से बनाया, ताकि युवाओं के स्किल को बढ़ाने के साथ ही रोजगार पैदा किया जा सके. युवाओं के स्किल को डेवलप करने के साथ ही रोजगार के लिए नीतियां बनाई जाएगी.

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