जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के अधिकारियों को आम जनता की छोटी से छोटी समस्या को भी प्राथमिकता के साथ पूरा करने की नसीहत दी. सीएम ने कहा कि कई अधिकारी घड़ी की सुई देखकर काम करते है, लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए. समास्या का समाधान ही हमारा कर्तव्य होना चाहिए. मुर्गी के टकले के घाव को भी बड़ा समझें. समस्या बड़ी-छोटी नहीं होती, हर व्यक्ति के लिए उसकी अपनी अहमियत होती है. हम अधिकारियों में भेदभाव नहीं करते हैं. हम किसी तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं है, लेकिन अधिकारी को आम जनता की छोटी से छोटी परेशानी को भी प्राथमिकता से लेना चाहिए. सीएम ने इस दौरान आरएएस एसोसिएशन की मांगों में शामिल अधिकारियों के संसाधनों की समस्या के बहाने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा.
समस्या छोटी या फिर बड़ी नहीं होती : मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैंने कई अधिकारीयों के साथ काम किया है. उनके सामने भी कई बार फील्ड में कई तरह की परेशानी आती है. जनता के गुस्से का सामना सीधे आपको करना होता है, लेकिन समस्या का समाधान हमारा कर्तव्य है. जनता की परेशानी को समझना होगा. वहीं, कभी समस्या छोटी या फिर बड़ी नहीं होती है. मुर्गी के लिए टकले का घाव भी बड़ा होता है. हमारे लिए समस्या छोटी हो सकती, लेकिन उस व्यक्ति का छोटा सा काम उसे रात-रातभर सोने नहीं देता. जब हम उस काम को करते हैं तो उसका परिवार खुश होता है. एक अधिकारी को समझना होगा कि कोई व्यक्ति बार-बार आ रहा है तो वो वैसे ही नहीं आ रहा है. वो परेशान है. उसकी परेशानी को समझना होगा.
इसे भी पढ़ें - खनिज नीति के लिए सरकार ने मांगे सुझाव, जानें कैसे सरकार तक पहुंचाएं आपनी बात - Mineral Policy 2024
सीएम ने कहा कि अगर आप ऊपर देखोगे तो आसमान दिखाई देगा, लेकिन जब आप पीछे और नीचे देखोगे तो अतीत दिखाई देगा. इसके बाद सीएम ने अपनी पहली प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार बनने के साथ ही हमने सबसे पहले पानी-बिजली को प्राथमिकता दी. हमारी सरकार ने नदी से नदी को जोड़ने काम किया. इस बार अच्छी बारिश हुई है, कमोबेश सभी बांध भर गए हैं. बांधों से पानी ओवरफ्लो होकर निकल रहा है, लेकिन हम जल्द ही इस पानी को भी बहने से रोकने के लिए मैकेनिज्म तैयार करेंगे. साथ ही सीएम ने कहा कि अगले दो साल में हम राजस्थान को बिजली देने वाला राज्य बनाएंगे.
एक घंटे आम आदमी से मिले : सीएम ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैं हर दिन 7 से 9 बजे तक हर उस व्यक्ति से बात करता हूं, जो मेरे मोबाइल पर दिन भर में मुझसे बात करने के लिए फोन किया हो. आम जनता से सीधे जुड़ाव रखना चाहिए. हर अधिकारी को एक घंटे उस आदमी से मिलना चाहिए, जो आप के पास काम लेकर आता है. इस नियम को हर अधिकारी पालन करने लग जाए तो समस्या लेकर आने वाले लोगों की संख्या में कमी दिखाई देगी.
इसे भी पढ़ें - सीएम भजनलाल बोले- प्रकृति का संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी, 50 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य, अगले वर्ष ग्रीन बजट होगा पेश
सीएम ने कहा कि जब कोई भी SDM, ADM गांव जाते हैं तो वो उन मामलों की फाइलों को भी साथ लेकर जाए जो वर्षों से पेंडिंग पड़ी है. कई केस ऐसे होते हैं, जो आपसी बातचीत से खत्म किए जा सकते हैं. अधिकारी गांव में इस तरह के मामलों में दोनों पक्षों से बात करें तो निश्चित ही समस्या का समाधान होगा. प्रशासनिक कार्यों में कुशलता दिखाने के साथ मानवीय संवेदनाओं का भी समावेश होना चाहिए. अधिकारी मॉनिटरिंग का सिस्टम भी बनाए, ताकि आम जनता को लाभ मिल सके.
घड़ी देखकर न करें काम : आरएएस एसोसिएशन की मांगों का जिक्र करते हुए सीएम ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को निशाने पर लिया. सीएम ने कहा कि एसोसिएशन ने जो गाड़ी, दफ्तर की कमी के बारे में बताया था, उस समस्या को भी मैं महसूस करता हूं, लेकिन अति तो कर दी न, जहां जरूरत थी, वहीं खुलना चाहिए था न ?. ऐसा नहीं किया, जो किया उस पर विचार नहीं करना चाहिए था? बिना सोचे समझे ही कर दिया.
इसके बाद सीएम भजनलाला ने कहा कि पिछली सरकार में पसंद, न पसंद बहुत चलता था. खैर, हम कोई पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हैं. किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा, लेकिन जनता के साथ भी भेदभाव नहीं हो. जनता के काम के लिए अधिकारियों को काम करना है. किसी भी अधिकारी के साथ राजनीतिक प्रताड़ना नहीं होगी, लेकिन काम का मूल्यांकन होगा. इसके बाद सीएम ने कहा कि कई अधिकारी घड़ी की सुई देख काम करते हैं. 6 बजने से पहले चले जाते हैं.
इसे भी पढ़ें - सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर घमासान : जूली ने सीएम भजनलाल को लिखा पत्र, कहा- पात्र लोगों को नहीं मिल रही पेंशन - Conflict Over Pension
एसोसिएशन ने रखी ये मांग : आरएएस एसोसिएशन के अधिवेशन के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत एसोसिएशन की महासचिव नीतू राजेश्वर ने किया. उसके बाद अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने स्वागत भाषण के साथ मुख्यमंत्री के सामने कुछ मांगें रखी, जिसमें उपखंड मुख्यालय पर संसाधनों की कमी, SDM की सुरक्षा, प्रमोशन में लगे राइडर में रियायत देने, सुपर टाइम स्केल में प्रमोशन करने के साथ ही एसीआर में लगी रोक को हटाने और कुछ विभागों में आरएएस के पदों को खत्म करने के मामलों को भी उठाया.
खराड़ी ने कहा कि आरएएस सरकार की रीड की हड्डी होते हैं, इस लिए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहेगी. प्रदेश की जनता को सुशासन मिले इसको लेकर सभी अधिकारी दिन-रात काम करेंगे.