अलीगढ़ः डेंगू के डंक से अब मौतें नहीं होंगी. इस डंक को जड़ से खत्म करने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. जल्द ही देश में कोरोना की तरह ही डेंगू की वैक्सीन (Dengue Vaccine) भी उपलब्ध होगी. इसके लिए क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trials) चल रहे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है.
सिंगल डोज होगी वैक्सीनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएनएमसीएच में टीबी और श्वसन रोग विभाग के अध्यक्ष और प्रोजेक्ट डेंगीऑल के प्रधान अन्वेषक प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत में डेंगू वैक्सीन का पहले चरण का तृतीय क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है. टीकाकरण कराने वालों के लिए प्रतिभागियों का दो साल का फालोअप प्रस्तावित किया गया है. इसके बाद डेंगू की सिंगल डोज वैक्सीन बाजारो में आएगी.
अभी कोई टीका उपलब्ध नहीं है: उन्होंने बताया कि भारत में डेंगू के खिलाफ फिलहाल कोई एंटीवायरल या लाइसेंस प्राप्त टीका उपलब्ध नहीं है. एक प्रभावी टीका विकसित करने की जटिलता को व्यक्तिगत रूप से सभी चार सीरोटाइप के लिए अच्छी प्रभावकारिता की आवश्यकता से चुनौती दी जाती है. सभी चार सीरोटाइप भारत के कई हिस्सों में प्रसारित/सह-परिचालित पाए जाते हैं.
शुरुआती परिणाम आशाजनक रहेः उन्होंने बताया कि एक टेट्रावैलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन (टीवी003/टीवी005) एनआईएच, यूएसए द्वारा विकसित किया गया था और दुनिया भर में प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षणों में बड़े पैमाने पर अध्ययन किया गया था. सभी चार सीरोटाइप के लिए परिणाम आशाजनक थे. स्ट्रेन को भारत में तीन कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिनमें से पैनेसिया बायोटेक विकास के सबसे उन्नत चरण में है. पैनेसिया ने स्वयं का एक पूर्ण विकसित वैक्सीन फॉर्मूलेशन विकसित करने के लिए काम किया है। कंपनी के पास इस कार्य पर एक प्रक्रिया पेटेंट है.
पहला चरण कब पूरा हुआ थाः भारतीय वैक्सीन फॉर्मूलेशन के साथ चरण प्रथम और द्वितीय का क्लिनिकल परीक्षण पहले 2018-19 में पूरा किया गया था. प्रोफेसर शमीम ने बताया कि परीक्षण के आशाजनक परिणामों के आधार पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने भारत के 18 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में फैले 19 स्थानों पर 10,335 से अधिक स्वस्थ वयस्कों पर पूर्ण चरण तृतीय क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए पैनेशिया बायोटेक के साथ साझेदारी की है.
डेंगू वैक्सीन ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन कौन करा सकता है: उन्होंने बताया कि डेंगू वैक्सीन ट्रायल के लिए 16 से 60 साल तक के व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. ट्रायल से पहले हेल्थ चेकअप किया जाएगा. वालंटियर मेडिकल कॉलेज की पुरानी ओपीडी के फर्स्ट फ्लोर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है. वालंटियर को सिर्फ एक ही वैक्सीन लगती है जिसका फॉलोअप 2 साल तक रहेगा. उन्होंने बताया कि अलीगढ़ से लगभग 545 वॉलंटियर के रजिस्ट्रेशन करने हैं जिसके लिए अभी तक लगभग 300 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि पूरे देश में 18 जगह इस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल हो रहे हैं. इसमें 10535 लोगों को भाग लेना है.
डेंगू बुखार के लक्षण क्या हैः डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं. कुछ गंभीर मामलों में रक्तस्राव और सदमा होता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है.
ये लक्षण भी खतरनाकः तेज बुखार, सिरदर्द, दाने और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द भी डेंगू के लक्षणों में शामिल हैं. इसके अलावा मतली और उल्टी भी हो सकता है. गंभीर मामलों में गंभीर रक्तस्राव और शॉक सिंड्रोम लगता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है.
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