अजमेर: सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रही. अजमेर में 4 हजार सफाई कर्मचारी चार दिन से हड़ताल पर है. इस कारण शहर में सफाई व्यवस्था ठप हो गई. जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं. घर-घर कचरा संग्रहण भी नहीं हो रहा. गुरुवार को सफाई कर्मचारियों ने अनूठा प्रदर्शन करते हुए कोविड थीम पर पीपीई कीट पहनकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से रैली निकाली.
अजमेर में सफाई कर्मचारियों की चार दिन से चल रही हड़ताल से हालात विकट हो गए हैं. सड़कों पर जगह-जगह कचरा बिखरा पड़ा है.कई जगह पर गंदगी के ढेर लगे हैं. घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य भी ठप है. लोग घर का कचरा अब सड़कों पर फैंकने लगे हैं. दुर्गंध से लोग परेशान है. वही दूसरी ओर सफाईकर्मी भी अपनी मांगों पर अड़े हैं. सफाईकर्मी गुरुवार को नगर निगम परिसर में लामबंद हुए.सफाईकर्मियों ने कोविड 19 से बचाव के लिए पहने जाने वाले पीपी कीट को पहनकर रैली निकाली. शहर के बीच विभिन्न मार्गों से सफाई कर्मचारियों ने रैली निकाली.
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वाल्मीकि समाज को मिले अधिकार: राजस्थान सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी विजय डगा ने बताया कि रैली के माध्यम से सरकार को संदेश दिया गया है कि कोरोना काल में वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों को कोरोना योद्धा बनाया गया था. उस वक्त वाल्मीकि समाज ही ऐसा था, जिसने देशभर में लोगों की जान बचाने का काम किया था. जब लोग अपनों के ही शव के हाथ नहीं लगा पा रहे थे, तब पीपीई किट पहनकर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों ने शवों का अंतिम संस्कार करवाया था. उस दौर में वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मी एकजुट होकर सेवाएं नहीं देते तो बीमारी और भी विकराल रूप ले लेती. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. डगा ने कहा कि शासन और प्रशासन ने वाल्मीकि समाज की मांग को अनसुना किया तो जल्द ही प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.