लखनऊ: राजधानी लखनऊ के सरोजिनी नगर के कालिया खेड़ ग्राम में एलडीए टीम जब साल 2012-13 में एक्वायर की गई जमीन पर कब्जा लेने पहुंची तो मौके पर जमकर बवाल हो गया. एलडीए की टीम को ग्रामीणों के जबरदस्त गुस्से का सामना करना पड़ा. इस दौरान कुछ महिलाएं जेसीबी की आगे लेट गई. एलडीए के साथ पहुंची पुलिस की टीम के साथ ग्रामीणों की जमकर झड़प भी हो गई. जिसके बाद एलडीए प्रशासन की ओर से फिलहाल कब्जा लेने का कार्य रोक दिया गया है. किसानों और एलडी अधिकारियों के बीच वार्ता चल रही है. वार्ता होने के बाद ही आगे की जमीन पर कब्जा किया जाएगा.
एलडीए अधिकारियों ने बताया कि साल 2012-13 में करीब 300 एकड़ भूमि इंडिया की ओर से मोहन रोड योजना के लिए एक्वायर की गई थी. जिसका मुआवजा साल 2015-16 में किसानों को दे दिया गया है. वहीं किसान अब जमीन पर कब्जा करने नहीं दे रहे हैं. जबकि किसानों की जो फसल इस वक्त लगी है. उसका मुआवजा भी मौके पर एलडीए और राजेश टीम की ओर से दिया जा रहा है.
वहीं किसानों का कहना है कि एलडीए की ओर से अभी गांव के करीब 276 मकान लिए जा रहे हैं. उसको मुआवजा नहीं दिया गया है, ना ही फसलों और पेड़ों का मुआवजा दिया गया है. जिसको लेकर ग्रामीणों और एलडीए प्रशासन के बीच जमकर झड़प हुई. जेसीबी से खेतों पर कब्जा किए जाने से नाराज होकर गांव की कुछ महिलाएं जेसीबी के आगे लेट गई. जिसके चलते काफी देर तक काम बाधित रहा.
एलडीए अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि करीब 2012-13 में 300 एकड़ भूमि मोहन रोड एलडीए योजना के लिए एक्वायर की गई थी. जिसका मुआवजा 2015 - 16 में ग्रामीण को दे दिया गया है. मौके पर जो भी फसले हैं उनका मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है जो मकान का सर्वे किया गया है उनका मुआवजा बनने के बाद ही मकान तोड़े जाएंगे.
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