मिर्जापुर : सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संभल जाने से रोके जाने के बाद से कांग्रेस पार्टी भाजपा के खिलाफ यूपी में कैंडल मार्च निकाल रही है. मिर्जापुर जनपद में भी कांग्रेसी नेता कैंडल मार्च निकालने जा रहे थे. इस दौरान कांग्रेसी नेता और पुलिस में झड़प हो गई. कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि पुलिस कार्यकर्ताओं को जबरन थाने ले गई. कांग्रेसी नेताओं ने सीओ सिटी को बर्खास्त करने की मांग की.
संभल में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कैंडल मार्च निकाला जा रहा है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि मिर्जापुर के घंटाघर में गुरुवार को देर शाम कांग्रेस पार्टी के पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य व पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी, कांग्रेस वरिष्ठ नेता राजन पाठक, मीडिया प्रभारी छोटे खान के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकालने की तैयारी की जा रही थी. यह तैयारी लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा के नीचे बैठकर की जा रही थी.
इस दौरान पुलिस को पता चला कि कांग्रेसी नेता कैंडल मार्च निकालेंगे. पहले शहर कोतवाली पुलिस पहुंची. इसके बाद मामला नहीं संभला तो कटरा कोतवाली पुलिस को बुलाते हुए सीओ सिटी विवेक जावला भी पहुंच गए. आरोप है कि इस दौरान सीओ कांग्रेसी नेताओं को जबरन थाने ले आए. नाराज कांग्रेसी नेताओं ने जमकर नारेबाजी की. नगर मजिस्ट्रेट पहुंचने के बाद कार्रवाई करते हुए सभी नेताओं को छोड़ दिया गया.
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य व पूर्व विधायक भगवती प्रसाद चौधरी ने बताया कि संभल घटना को लेकर हम लोग शांति रूप से कैंडल मार्च निकालने जा रहे थे. लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा के नीचे बैठे थे. जबरन पुलिस ने कैंडल मार्च निकालने से रोक दिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस वालों ने हम नेताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया. जबरन गिरफ्तार कर थाने में लाकर बैठाया गया.
वहीं सिटी सीओ विवेक जावला का कहना है कि धारा 144 लगी हुई है. बिना परमिशन का कैंडल मार्च निकालने जा रहे थे. इनको रोका जा रहा था तो जबरन कर रहे थे. थाने लाया गया था, बाद में छोड़ दिया गया है.
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