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आपदा में संजीवनी का काम कर रही सिविल डिफेंस, 54 से अधिक लोगों की बचाई जान - rescue operation by Civil Defence

जयपुर की सिविल डिफेंस की टीम बारिश के इस मौसम में सराहनीय कार्य कर रही है. आपदा प्रबंधन के दौरान यह टीम न केवल पुलिस बल्कि प्रशासन के लिए भी एक सपोर्ट सिस्टम के रूप में उभरी है. जयपुर की इस टीम ने इस सीजन में अब तक 54 से अधिक लोगों की जान बचाई है.

rescue operation by Civil Defence
आपदा में संजीवनी का कार्य कर रही सिविल डिफेंस (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 7, 2024, 2:24 PM IST

54 से अधिक लोगों की बचाई जान (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर: जिले की सिविल डिफेंस की टीम आपदा में संजीवनी का कार्य कर रही है. 15 जून से अब तक मानसून सीजन में सिविल डिफेंस की टीम ने ना केवल 54 से अधिक लोगों की जान बचाई, बल्कि कई बड़े रेस्क्यू को भी अंजाम दिया है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में सिविल डिफेंस की टीम 24 घंटे तैनात रहती है और जैसे ही कोई आपदा की सूचना आती है तो तुरंत ही रवाना हो जाती है. मौके पर पहुंचकर टीम अपने संसाधनों से बचाव कार्य शुरू कर देती है.

सिविल डिफेंस की टीम वैसे तो 12 महीने तैनात रहती है, लेकिन मानसून के समय उन्हें अधिक सतर्क रहना पड़ता है. मानसून के समय अन्य हादसों के साथ जल भराव, बाढ़, मिट्टी कटाव जैसी आपदाएं आती है और उन आपदाओं में क्विक रिस्पांस टीम की तरह सिविल डिफेंस कार्य करती है.

पढ़ें: गड़बड़ी के आरोपों के बाद सिविल डिफेंस स्वयं सेवक भर्ती स्थगित

30 से ज्यादा रेस्क्यू आपरेशन: सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर अमित शर्मा ने बताया कि आपदा प्रबंधन का एक बेहतर उदाहरण सिविल डिफेंस है, जो अपने कार्यों से आमजन को राहत देने का कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि मानसून के दौर की बात करें तो 15 जून से अब तक सिविल डिफेंस ने लगभग 30 से ज्यादा रेस्क्यू आपरेशन्स को अंजाम दिया है. इन आपरेशन्स में सिविल डिफेंस टीम ने 54 से अधिक लोगों की जान बचाई है. इन आपरेशन्स के दौरान करीब 14 शव भी निकाले हैं. सिविल डिफेंस ने जल भराव, आगजनी व अन्य हादसों दौरान इन रेस्क्यू को अंजाम दिया है. उन्होंने बताया कि जल भराव या अन्य हादसों के दौरान सिविल डिफेंस लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का कार्य भी करता है.

प्रशिक्षित सिविल डिफेंस वालंटियर : डिप्टी कंट्रोलर शर्मा ने बताया कि कलेक्ट्रेट में तो सिविल डिफेंस की टीम रहती ही है. इसके अलावा जयपुर के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों प्रशिक्षित सिविल डिफेंस के वालंटियर रहते हैं. यह अपने आसपास आपदा के समय आम जनता की सहायता करते हैं. यह कार्य उन्हें ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाता है. डिप्टी कंट्रोलर ने दावा किया कि जयपुर बहुत बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद अपने उपलब्ध संसाधनों के जरिए सिविल डिफेंस बेहतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि हाल ही में किए गए बड़े रेस्क्यू की बात की जाए तो 1 अगस्त को जब जयपुर में भारी बारिश हुई तो वीकेआई रोड नंबर 17 में एक बेसमेंट में पानी भर गया था. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर्स ने बड़ी मशक्कत कर तीन लोगों के शव बाहर निकाले. शर्मा ने बताया कि यह रेस्क्यू बड़ा कठिन था फिर भी हमारे ट्रेड वॉलिंटियर्स ने इस कार्य को अंजाम दिया. करीब 25 फीट नीचे बेसमेंट में पानी भरा हुआ था. यहां से ये शव बाहर निकाले गए थे.

16 लोगों की जान बचाई : उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले मानसरोवर के मुहाना इलाके में एक बिल्डिंग में आगजनी की घटना हुई थी. वहां भी सिविल डिफेंस की टीम ने करीब 16 लोगों की जान बचाई थी. इसी तरह से मानसून के दौरान गलता कुंड में भी करीब सात से अधिक लोगों की जान सिविल डिफेंस ने अब तक बचाई है. गलता कुंड में हर समय सिविल डिफेंस के वालंटियर तैनात रहते हैं ताकि कोई भी हादसा हो तो आमजन की जान बचाई जा सके. गलता कुंड में अलग-अलग जगह से लोग नहाने और कावड़ यात्रा के लिए आते हैं.

यह भी पढ़ें: गड़बड़ी के आरोपों के बाद सिविल डिफेंस स्वयं सेवक भर्ती स्थगितउन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले

अब तक 250 शिकायतें : अमित शर्मा ने बताया कि 15 जून के बाद मानसून सीजन में जयपुर जिला कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में 250 शिकायतें आ चुकी है, जिसमें आगजनी, जल भराव मिट्टी कटाव और किसी के पानी में बह जाने जैसी शिकायतें शामिल है. कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में पुलिस कंट्रोल रूम से भी आपदा की सूचना आती है. साथ ही आमजन भी कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर आपदा की शिकायत कर सकते हैं. शर्मा ने बताया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित है. यहां के नंबर 0141-2204475 और 0141-2204476 है. यदि कोई भी आपात स्थिति में है तो वह इस नंबर पर कॉल कर सूचना दे सकता है और यहां से उसे राहत दी जाएगी.

सिविल डिफेंस ने अब तक इन खतरनाक रेस्क्यू को दिया अंजाम

  1. 8 जुलाई को अजमेर रोड पर कमला नेहरू नगर में हादसे के बाद एक ट्रक ड्राइवर ट्रक में फस गया था. कटर की सहायता से ट्रक की बॉडी को काटकर ड्राइवर को बाहर निकाल गया.
  2. 10 जुलाई को वीकेआई में एक बॉटलिंग प्लांट में आग लगी थी, जिसके बाद 10 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.
  3. 18 जुलाई को जयपुर के रिद्धि-सिद्धि चौराहे पर एक ऐसी प्लांट में आग लगी थी. वहां फंसे चार लोगों को फायर ब्रिगेड की टीम और सिविल डिफेंस ने संयुक्त रेस्क्यू कर बाहर निकाला था.
  4. 1 अगस्त को वीकेआई रोड नंबर 17 पर बेसमेंट में पानी भर गया था. सिविल डिफेंस की टीम ने 25 फीट नीचे पानी में जाकर 3 शव बाहर निकाले थे.
  5. 2 अगस्त को मानसरोवर स्थित मुहाना क्षेत्र में आग लगने से एक बहु मंजिला इमारत में धुआं ही धुआं हो गया था, जिसके बाद सिविल डिफेंस की टीम ने 16 लोगों को सकुशल नीचे उतारा था.
  6. 4 अगस्त को हरमाड़ा क्षेत्र में एक पानी से भरे गहरे गड्ढे में दो बच्चे डूब गए थे. पानी में कई तरह की झाड़ियां और पेड़ थे. सिविल डिफेंस ने काफी मशक्कत के बाद डेड बॉडी बाहर निकाली.

54 से अधिक लोगों की बचाई जान (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर: जिले की सिविल डिफेंस की टीम आपदा में संजीवनी का कार्य कर रही है. 15 जून से अब तक मानसून सीजन में सिविल डिफेंस की टीम ने ना केवल 54 से अधिक लोगों की जान बचाई, बल्कि कई बड़े रेस्क्यू को भी अंजाम दिया है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में सिविल डिफेंस की टीम 24 घंटे तैनात रहती है और जैसे ही कोई आपदा की सूचना आती है तो तुरंत ही रवाना हो जाती है. मौके पर पहुंचकर टीम अपने संसाधनों से बचाव कार्य शुरू कर देती है.

सिविल डिफेंस की टीम वैसे तो 12 महीने तैनात रहती है, लेकिन मानसून के समय उन्हें अधिक सतर्क रहना पड़ता है. मानसून के समय अन्य हादसों के साथ जल भराव, बाढ़, मिट्टी कटाव जैसी आपदाएं आती है और उन आपदाओं में क्विक रिस्पांस टीम की तरह सिविल डिफेंस कार्य करती है.

पढ़ें: गड़बड़ी के आरोपों के बाद सिविल डिफेंस स्वयं सेवक भर्ती स्थगित

30 से ज्यादा रेस्क्यू आपरेशन: सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर अमित शर्मा ने बताया कि आपदा प्रबंधन का एक बेहतर उदाहरण सिविल डिफेंस है, जो अपने कार्यों से आमजन को राहत देने का कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि मानसून के दौर की बात करें तो 15 जून से अब तक सिविल डिफेंस ने लगभग 30 से ज्यादा रेस्क्यू आपरेशन्स को अंजाम दिया है. इन आपरेशन्स में सिविल डिफेंस टीम ने 54 से अधिक लोगों की जान बचाई है. इन आपरेशन्स के दौरान करीब 14 शव भी निकाले हैं. सिविल डिफेंस ने जल भराव, आगजनी व अन्य हादसों दौरान इन रेस्क्यू को अंजाम दिया है. उन्होंने बताया कि जल भराव या अन्य हादसों के दौरान सिविल डिफेंस लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का कार्य भी करता है.

प्रशिक्षित सिविल डिफेंस वालंटियर : डिप्टी कंट्रोलर शर्मा ने बताया कि कलेक्ट्रेट में तो सिविल डिफेंस की टीम रहती ही है. इसके अलावा जयपुर के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों प्रशिक्षित सिविल डिफेंस के वालंटियर रहते हैं. यह अपने आसपास आपदा के समय आम जनता की सहायता करते हैं. यह कार्य उन्हें ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाता है. डिप्टी कंट्रोलर ने दावा किया कि जयपुर बहुत बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद अपने उपलब्ध संसाधनों के जरिए सिविल डिफेंस बेहतर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि हाल ही में किए गए बड़े रेस्क्यू की बात की जाए तो 1 अगस्त को जब जयपुर में भारी बारिश हुई तो वीकेआई रोड नंबर 17 में एक बेसमेंट में पानी भर गया था. इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर्स ने बड़ी मशक्कत कर तीन लोगों के शव बाहर निकाले. शर्मा ने बताया कि यह रेस्क्यू बड़ा कठिन था फिर भी हमारे ट्रेड वॉलिंटियर्स ने इस कार्य को अंजाम दिया. करीब 25 फीट नीचे बेसमेंट में पानी भरा हुआ था. यहां से ये शव बाहर निकाले गए थे.

16 लोगों की जान बचाई : उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले मानसरोवर के मुहाना इलाके में एक बिल्डिंग में आगजनी की घटना हुई थी. वहां भी सिविल डिफेंस की टीम ने करीब 16 लोगों की जान बचाई थी. इसी तरह से मानसून के दौरान गलता कुंड में भी करीब सात से अधिक लोगों की जान सिविल डिफेंस ने अब तक बचाई है. गलता कुंड में हर समय सिविल डिफेंस के वालंटियर तैनात रहते हैं ताकि कोई भी हादसा हो तो आमजन की जान बचाई जा सके. गलता कुंड में अलग-अलग जगह से लोग नहाने और कावड़ यात्रा के लिए आते हैं.

यह भी पढ़ें: गड़बड़ी के आरोपों के बाद सिविल डिफेंस स्वयं सेवक भर्ती स्थगितउन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले

अब तक 250 शिकायतें : अमित शर्मा ने बताया कि 15 जून के बाद मानसून सीजन में जयपुर जिला कलेक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में 250 शिकायतें आ चुकी है, जिसमें आगजनी, जल भराव मिट्टी कटाव और किसी के पानी में बह जाने जैसी शिकायतें शामिल है. कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम में पुलिस कंट्रोल रूम से भी आपदा की सूचना आती है. साथ ही आमजन भी कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर आपदा की शिकायत कर सकते हैं. शर्मा ने बताया कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित है. यहां के नंबर 0141-2204475 और 0141-2204476 है. यदि कोई भी आपात स्थिति में है तो वह इस नंबर पर कॉल कर सूचना दे सकता है और यहां से उसे राहत दी जाएगी.

सिविल डिफेंस ने अब तक इन खतरनाक रेस्क्यू को दिया अंजाम

  1. 8 जुलाई को अजमेर रोड पर कमला नेहरू नगर में हादसे के बाद एक ट्रक ड्राइवर ट्रक में फस गया था. कटर की सहायता से ट्रक की बॉडी को काटकर ड्राइवर को बाहर निकाल गया.
  2. 10 जुलाई को वीकेआई में एक बॉटलिंग प्लांट में आग लगी थी, जिसके बाद 10 लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.
  3. 18 जुलाई को जयपुर के रिद्धि-सिद्धि चौराहे पर एक ऐसी प्लांट में आग लगी थी. वहां फंसे चार लोगों को फायर ब्रिगेड की टीम और सिविल डिफेंस ने संयुक्त रेस्क्यू कर बाहर निकाला था.
  4. 1 अगस्त को वीकेआई रोड नंबर 17 पर बेसमेंट में पानी भर गया था. सिविल डिफेंस की टीम ने 25 फीट नीचे पानी में जाकर 3 शव बाहर निकाले थे.
  5. 2 अगस्त को मानसरोवर स्थित मुहाना क्षेत्र में आग लगने से एक बहु मंजिला इमारत में धुआं ही धुआं हो गया था, जिसके बाद सिविल डिफेंस की टीम ने 16 लोगों को सकुशल नीचे उतारा था.
  6. 4 अगस्त को हरमाड़ा क्षेत्र में एक पानी से भरे गहरे गड्ढे में दो बच्चे डूब गए थे. पानी में कई तरह की झाड़ियां और पेड़ थे. सिविल डिफेंस ने काफी मशक्कत के बाद डेड बॉडी बाहर निकाली.
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