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'चुर्री' ने छीना किसानों का चैन! भरतपुर की 300 हेक्टेयर सौंफ की फसल पर बीमारी का प्रकोप, इतना हुआ नुकसान - सौंफ की फसल पर बीमारी का प्रकोप

Alternaria blight disease increases farmers worries, भरतपुर में 'चुर्री' ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. मौजूदा आलम यह है कि जिले की 300 हेक्टेयर सौंफ की फसल इस बीमारी की चपेट में है और इससे करीब 20% फसल को नुकसान होने की बात कही जा रही है.

Alternaria blight disease increases farmers worries
Alternaria blight disease increases farmers worries
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 16, 2024, 5:30 PM IST

कृषि विभाग (उद्यान) के उपनिदेशक जनकराज मीणा

भरतपुर. जिले के किसानों की झोली भरने वाली सौंफ की फसल पर इस बार चुर्री (अल्टरनेरिया ब्लाइट) का प्रकोप है. फसल में लगे चुर्री रोग की वजह से करीब 20% तक फसल में नुकसान हुआ है. फसल में लगी चुर्री बीमारी के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं. वहीं, सौंफ की फसल में बीमारी को देखते हुए कृषि अधिकारियों ने भी किसानों को सचेत करते हुए बीमारी से बचाव के उपाय बताने के साथ ही जागरूक करना शुरू कर दिया है.

कड़ाके की सर्दी ने दिया चुर्री का मर्ज : कृषि विभाग (उद्यान) के उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि इस बार जिले में करीब 300 हेक्टेयर में सौंफ की फसल की बुआई हुई है. इस बार फसल अच्छी हुई है, लेकिन कड़ाके की सर्दी के चलते सौंफ की फसल में अल्टरनेरिया ब्लाइट रोग लग गया है. इससे जिले भर में सौंफ की करीब 20% फसल इस रोग की चपेट में है.

इसे भी पढ़ें - तापमान बढ़ने के साथ ही सरसों की फसलों में बढ़ा मोयले का प्रकोप, कृषि विभाग ने दी किसानों को ये सलाह

क्या अल्टरनेरिया रोग : उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि लंबे समय तक तापमान में गिरावट रहने की वजह से सौंफ में अल्टरनेरिया ब्लाइट रोग लग जाता है. इस रोग के कारण सौंफ की फसल के फूल में फंगस लग जाती है और कुछ समय बाद फूल भूरा व कला पड़कर सूखकर गिर जाता है. यदि समय पर रोग का उपचार नहीं किया जाए तो फसल की पैदावार को काफी प्रभावित कर सकता है. जब फूल सूख जाता है और उसे हाथ से मसला जाता है तो वो आवाज करता है, जिसकी वजह से इस रोग को लोग चुर्री रोग भी बोलते हैं.

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सौंफ की फसल

कमेटी ने किया निरीक्षण : उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि सौंफ फसल के प्रभावित गांवों के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी में सहायक प्राध्यापक (पौध व्याधि) डॉ आर एन शर्मा, सहायक निदेशक (पौध संरक्षण) डॉ हब्बल सिंह एवं कृषि अधिकारी उद्यान हरेंद्र सिंह शामिल हैं. कमेटी ने सीदपुर ,नगला अंडौआ, नगला झामरा ,बीरमपुर आदि गांव में सौंफ फसल का निरीक्षण किया. निरीक्षण में सौंफ फसल में अल्टरनरिया ब्लाइट का प्रकोप देखा गया है. फसल में करीब 20% का नुकसान है.

इसे भी पढ़ें - जोधपुर में लहलहा उठी आंवले की फसल, अनुसंधान केन्द्र ने 20 किस्म के आंवले किए तैयार

ऐसे करें बचाव : उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि किसान को सलाह दी जाती है कि इस तरह के लक्षण सौंफ फसल पर दिखाई दें, तो तुरंत प्रभाव से कार्बेंडाजिम और मैंकोजेब दवाई का 2 मिलीलीटर प्रति लीटर या अजोक्सीस्ट्रोविन व डाइफेनकोनाजोल की एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर प्रभावित फसल पर छिड़काव कर दें. इससे रोग से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. साथ ही फसल में हल्की सिंचाई भी की जा सकती है. किसान ज्यादा सिंचाई भी ना करें क्योंकि ज्यादा नामी से यह रोग बढ़ने का खतरा रहता है.

अच्छी आय का स्रोत है सौंफ : नगला अंडौआ निवासी किसान गोविंद ने बताया कि जिले में सौंफ की फसल की पैदावार अच्छी होती है. प्रति हैक्टेयर करीब 10 क्विंटल तक सौंफ की पैदावार हो जाती है. मंडी में भी सौंफ का भाव 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक मिल जाता है. यानी सौंफ की फसल से एक हैक्टेयर में 2 लाख रुपए तक की आय हो जाती है.

कृषि विभाग (उद्यान) के उपनिदेशक जनकराज मीणा

भरतपुर. जिले के किसानों की झोली भरने वाली सौंफ की फसल पर इस बार चुर्री (अल्टरनेरिया ब्लाइट) का प्रकोप है. फसल में लगे चुर्री रोग की वजह से करीब 20% तक फसल में नुकसान हुआ है. फसल में लगी चुर्री बीमारी के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं. वहीं, सौंफ की फसल में बीमारी को देखते हुए कृषि अधिकारियों ने भी किसानों को सचेत करते हुए बीमारी से बचाव के उपाय बताने के साथ ही जागरूक करना शुरू कर दिया है.

कड़ाके की सर्दी ने दिया चुर्री का मर्ज : कृषि विभाग (उद्यान) के उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि इस बार जिले में करीब 300 हेक्टेयर में सौंफ की फसल की बुआई हुई है. इस बार फसल अच्छी हुई है, लेकिन कड़ाके की सर्दी के चलते सौंफ की फसल में अल्टरनेरिया ब्लाइट रोग लग गया है. इससे जिले भर में सौंफ की करीब 20% फसल इस रोग की चपेट में है.

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क्या अल्टरनेरिया रोग : उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि लंबे समय तक तापमान में गिरावट रहने की वजह से सौंफ में अल्टरनेरिया ब्लाइट रोग लग जाता है. इस रोग के कारण सौंफ की फसल के फूल में फंगस लग जाती है और कुछ समय बाद फूल भूरा व कला पड़कर सूखकर गिर जाता है. यदि समय पर रोग का उपचार नहीं किया जाए तो फसल की पैदावार को काफी प्रभावित कर सकता है. जब फूल सूख जाता है और उसे हाथ से मसला जाता है तो वो आवाज करता है, जिसकी वजह से इस रोग को लोग चुर्री रोग भी बोलते हैं.

Alternaria blight disease increases farmers worries
सौंफ की फसल

कमेटी ने किया निरीक्षण : उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि सौंफ फसल के प्रभावित गांवों के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी में सहायक प्राध्यापक (पौध व्याधि) डॉ आर एन शर्मा, सहायक निदेशक (पौध संरक्षण) डॉ हब्बल सिंह एवं कृषि अधिकारी उद्यान हरेंद्र सिंह शामिल हैं. कमेटी ने सीदपुर ,नगला अंडौआ, नगला झामरा ,बीरमपुर आदि गांव में सौंफ फसल का निरीक्षण किया. निरीक्षण में सौंफ फसल में अल्टरनरिया ब्लाइट का प्रकोप देखा गया है. फसल में करीब 20% का नुकसान है.

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ऐसे करें बचाव : उपनिदेशक जनकराज मीणा ने बताया कि किसान को सलाह दी जाती है कि इस तरह के लक्षण सौंफ फसल पर दिखाई दें, तो तुरंत प्रभाव से कार्बेंडाजिम और मैंकोजेब दवाई का 2 मिलीलीटर प्रति लीटर या अजोक्सीस्ट्रोविन व डाइफेनकोनाजोल की एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर प्रभावित फसल पर छिड़काव कर दें. इससे रोग से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है. साथ ही फसल में हल्की सिंचाई भी की जा सकती है. किसान ज्यादा सिंचाई भी ना करें क्योंकि ज्यादा नामी से यह रोग बढ़ने का खतरा रहता है.

अच्छी आय का स्रोत है सौंफ : नगला अंडौआ निवासी किसान गोविंद ने बताया कि जिले में सौंफ की फसल की पैदावार अच्छी होती है. प्रति हैक्टेयर करीब 10 क्विंटल तक सौंफ की पैदावार हो जाती है. मंडी में भी सौंफ का भाव 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक मिल जाता है. यानी सौंफ की फसल से एक हैक्टेयर में 2 लाख रुपए तक की आय हो जाती है.

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