चित्रकूट : बनारस की तर्ज पर चित्रकूट की मंदाकिनी नदी के रामघाट का भी कायाकल्प किया जाएगा. इसे विकसित करने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है. 18.30 करोड़ की लागत से इसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा. यह वही घाट है जहां भगवान राम ने वनवास के समय माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वक्त बिताया था. यहां भगवान राम ने महान संत तुलसीदास को दर्शन भी दिया था.
प्रभु श्री राम की धर्मनगरी चित्रकूट के घाट को कायाकल्प योजना के तहत बनारस की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. पर्यटन विभाग ने चित्रकूट मंडल के पर्यटन केंद्रों के सौंदर्यीकरण और विकास की रूपरेखा भी तैयार कर ली है. इस परियोजना में चित्रकूट का चर्चित स्थल रामघाट भी शामिल है. इसके तहत रामघाट में मार्गों का चौड़ीकरण किया जाएगा. सांस्कृतिक व शहरी कायाकल्प के मद्देनजर मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित इस घाट को चमकाया जाएगा. इससे यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है.
स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी. रामघाट में लगे पुराने पत्थरों को बदला जाएगा. इसके अलावा अन्य भी कई कार्य कराए जाने हैं. दो साल में ये कार्य पूरे हो जाएंगे. चित्रकूट जिलाधिकारी शिवशरण अप्पा जी एन ने ईटीवी भारत को बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से यूपी सरकार की मंशा के अनुरूप रामघाट पर कई कार्य कराए जाने हैं. बनारस की तर्ज पर इसकी तस्वीर बदलने की पूरी कोशिश रहेगी. जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.