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अब नाश्ते से होगा बच्चों का स्कूल में वेलकम, जान लीजिए कोरबा लिखने वाला है ये इतिहास

कोरबा छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला बनने वाला है जहां बच्चों को स्कूल में नाश्ता भी दिया जाएगा.

BREAKFAST PROVIDED AT SCHOOL
कोरबा लिखने वाला है ये इतिहास (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

कोरबा: छत्तीसगढ़ का कोरबा पहला ऐसा जिला बनने वाला है जहां बच्चों को हेल्दी ब्रेकफास्ट दिया जाएगा. सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान भोजन के पहले नाश्ता मिलेगा. कुछ महीने पहले खनिज न्यास मद से कोरबा शहरी क्षेत्र और पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के बच्चों को मिड डे मील के पहले नाश्ता देने की योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरु की गई. प्रशासन ने इसका फीडबैक लिया और पाया कि इस योजना का सकारात्मक असर हुआ है.

मिड डे मील से पहले मिलेगा नाश्ता: आंशिक तौर पर लागू करने के बाद इस योजना के तात्कालिक फीडबैक से उत्साहित जिला प्रशासन ने इसे संपूर्ण कोरबा जिले में लागू करने का निर्णय लिया है. आने वाले 4 नवंबर से कोरबा जिले के प्रत्येक मिडिल और प्राइमरी स्कूल में बच्चों को नाश्ता दिया जाएगा. कलेक्टर अजीत वसंत ने कोरबा शहरी और पोड़ी-उपरोड़ा के शासकीय विद्यालयों में संचालित नाश्ता वितरण योजना का आगामी 4 नवंबर से जिले के कटघोरा, पाली, करतला और कोरबा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में योजना प्रारंभ करने के निर्देश दिए.

कोरबा लिखने वाला है ये इतिहास (ETV Bharat)



डिस्टिक मिनिरल फंड से चलेगी योजना: यह योजना फिलहाल कोरबा जिले में ही किया जा रहा है. जिसके लिए करोड़ों की वित्तीय सहायता डीएमएफ(डिस्टिक मिनिरल फंड) से की जा रही है. जिले को कोयला और खनिज पदार्थ से भारी भरकम राजस्व मिलता है. जिसके कारण यहां औसतन 300 करोड़ का फंड प्रत्येक वर्ष डीएमएफ में मौजूद होता है. खनिज न्यास संस्थान के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं. प्रक्रियाओं के पालन के पश्चात इस फंड से विभिन्न तरह के विकास कार्य किए जाते हैं. फंड को जिले के विकास पर ही खर्च किया जाता है. इसी फंड के कारण कोरबा जिले में इस योजना को शुरू किया जा रहा है.

स्कूल में बढ़ी बच्चों की उपस्थिति: कोरबा शहरी क्षेत्र में इस योजना को आंशिक तौर पर लागू किया गया. जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पाया कि इस योजना को लागू करने के बाद स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ी है. उनकी उपस्थिति में इजाफा हुआ है. नाश्ता करने के लिए शिक्षकों को भी आधा घंटे पहले स्कूल बुलाया जाता है. कोशिश है कि बच्चे नाश्ता करके ठीक समय पर पढ़ाई भी कर सकें. स्कूलों में लेट लतीफ आने वाले शिक्षकों पर भी लगाम लगी है और स्कूल भी समय पर खुलने लगे हैं.


बच्चों के नाश्ते का मेन्यू

  • सोमवार और गुरुवार को बच्चों को नाश्ते में पोहा, साबूदाना या सूखी खिचड़ी दिया जाएगा.
  • मंगलवार और शुक्रवार को नाश्ते में भजिया, पूड़ी सब्जी मिलेगी.
  • बुधवार को बच्चों को नाश्ते में सेवई या हलवा दिया जाएगा.
  • प्रत्येक शनिवार को बच्चों को नाश्ते में अंकुरित चने या फिर अंकुरित मूंगफली मिलेगी.
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कोरबा: छत्तीसगढ़ का कोरबा पहला ऐसा जिला बनने वाला है जहां बच्चों को हेल्दी ब्रेकफास्ट दिया जाएगा. सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान भोजन के पहले नाश्ता मिलेगा. कुछ महीने पहले खनिज न्यास मद से कोरबा शहरी क्षेत्र और पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के बच्चों को मिड डे मील के पहले नाश्ता देने की योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरु की गई. प्रशासन ने इसका फीडबैक लिया और पाया कि इस योजना का सकारात्मक असर हुआ है.

मिड डे मील से पहले मिलेगा नाश्ता: आंशिक तौर पर लागू करने के बाद इस योजना के तात्कालिक फीडबैक से उत्साहित जिला प्रशासन ने इसे संपूर्ण कोरबा जिले में लागू करने का निर्णय लिया है. आने वाले 4 नवंबर से कोरबा जिले के प्रत्येक मिडिल और प्राइमरी स्कूल में बच्चों को नाश्ता दिया जाएगा. कलेक्टर अजीत वसंत ने कोरबा शहरी और पोड़ी-उपरोड़ा के शासकीय विद्यालयों में संचालित नाश्ता वितरण योजना का आगामी 4 नवंबर से जिले के कटघोरा, पाली, करतला और कोरबा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में योजना प्रारंभ करने के निर्देश दिए.

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डिस्टिक मिनिरल फंड से चलेगी योजना: यह योजना फिलहाल कोरबा जिले में ही किया जा रहा है. जिसके लिए करोड़ों की वित्तीय सहायता डीएमएफ(डिस्टिक मिनिरल फंड) से की जा रही है. जिले को कोयला और खनिज पदार्थ से भारी भरकम राजस्व मिलता है. जिसके कारण यहां औसतन 300 करोड़ का फंड प्रत्येक वर्ष डीएमएफ में मौजूद होता है. खनिज न्यास संस्थान के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं. प्रक्रियाओं के पालन के पश्चात इस फंड से विभिन्न तरह के विकास कार्य किए जाते हैं. फंड को जिले के विकास पर ही खर्च किया जाता है. इसी फंड के कारण कोरबा जिले में इस योजना को शुरू किया जा रहा है.

स्कूल में बढ़ी बच्चों की उपस्थिति: कोरबा शहरी क्षेत्र में इस योजना को आंशिक तौर पर लागू किया गया. जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने पाया कि इस योजना को लागू करने के बाद स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ी है. उनकी उपस्थिति में इजाफा हुआ है. नाश्ता करने के लिए शिक्षकों को भी आधा घंटे पहले स्कूल बुलाया जाता है. कोशिश है कि बच्चे नाश्ता करके ठीक समय पर पढ़ाई भी कर सकें. स्कूलों में लेट लतीफ आने वाले शिक्षकों पर भी लगाम लगी है और स्कूल भी समय पर खुलने लगे हैं.


बच्चों के नाश्ते का मेन्यू

  • सोमवार और गुरुवार को बच्चों को नाश्ते में पोहा, साबूदाना या सूखी खिचड़ी दिया जाएगा.
  • मंगलवार और शुक्रवार को नाश्ते में भजिया, पूड़ी सब्जी मिलेगी.
  • बुधवार को बच्चों को नाश्ते में सेवई या हलवा दिया जाएगा.
  • प्रत्येक शनिवार को बच्चों को नाश्ते में अंकुरित चने या फिर अंकुरित मूंगफली मिलेगी.
बच्चों को मिड डे मील में खिचड़ी खिलाने वाले प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक निलंबित, कलेक्टर का एक्शन - mid day meal in Balrampur
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