रायपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में 'कल्पनाएं: बेहतर भारत की' कार्यक्रम में एनआईटी, आईआईटी और आईआईएम के छात्रों को संबोधित किया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है.
रायपुर में छात्रों को उपराष्ट्रपति का संदेश: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्र-छात्राओं से कहा "आप सभी देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में पढ़ हैं. इन संस्थानों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की शिक्षा दी जा रही है. देश में एआई मशीन लर्निंग, ग्रीन हाईड्रोजन जैसी नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है. उपराष्ट्रति ने कहा कि भारत जब 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब यह एक सशक्त और विकसित भारत का सपना केवल लक्ष्य नहीं बल्कि सुनिश्चित गंतव्य बन चुका होगा."
स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल करने का आह्वान: उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत युवाओं की बदौलत फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने के लिए छात्रों को प्रेरित किया. वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि बाहर की चीजों का इस्तेमाल न कर देश का हर आम आदमी भारत को सशक्त बनाने में योगदान दे सकता है.
राज्यपाल रमेन डेका ने कहा "एक मजबूत भारत को आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ वैश्विक रूप से जुड़ा होना चाहिए. नवाचार और उद्यमिता की एक मजबूत संस्कृति को बढ़ावा देकर इस विजन को साकार किया जा सकता है. टिकाऊ कृषि के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाकर, आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देकर और अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में निवेश करके, छत्तीसगढ़ समावेशी और सतत विकास का एक प्रकाश स्तंभ बन सकता है."
कौशल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देना जरूरी: राज्यपाल ने कहा "हमारे युवा कल के निर्माता हैं. उन्हें ऐसे कौशल से परिपूर्ण किया जाना चाहिए जो पारंपरिक ज्ञान को अत्याधुनिक तकनीकों के साथ एकीकृत करते हैं. कौशल विकास कार्यक्रम और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना एक लचीली अर्थव्यवस्था और एकजुट समाज की नींव रखेगा. हमारे युवाओं को वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए उद्योग-संबंधी शिक्षा और अग्रणी अनुसंधान संस्थानों को बढ़ावा देना होगा."
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि समृद्ध भारत के निर्माण के लिए हमें हमारे गौरवशाली इतिहास और सनातन परंपराओं का गहरा अध्ययन और इसकी गहरी समझ विकसित करनी होगी. भारत देश प्राचीनकाल से ही विश्वगुरु रहा है. तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों की ख्याति पूरी दुनिया में थी. जो समाज अपने अतीत की घटनाओं से शिक्षा ग्रहण करता है, वही समाज समृद्ध भविष्य के स्वप्न को साकार करता है.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बेहतर भारत के निर्माण के लिए हमें देश के समक्ष उपस्थित चुनौतियों को समझना होगा. आज चाहे सेमीकंडक्टर हो या स्पेस टेक्नोलॉजी, हमारे देश में बड़ी तेजी से आत्मनिर्भर होने की दिशा में अपना कदम बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए हम ग्रीन जीडीपी पर काम कर रहे हैं. कार्बन उत्सर्जन कम करने के उपायों के साथ हम ग्रीन स्टील को बढ़ावा दे रहे हैं. जहां चुनौती उपस्थित होती है, वहीं संभावनाएं भी छिपी होती हैं.
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इस अवसर पर एनआईटी परिसर में बनने वाले गर्ल्स हॉस्टल की आधारशिला रखी. एनआईटी परिसर में बनने वाला गर्ल्स हॉस्टल एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से निर्मित किया जाएगा.
कार्यक्रम में उपराष्ट्रति की धर्मपत्नी सुदेश धनखड़, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर एनआईटी सुरेश हावरे, सीएमडी एसईसीएल डॉ. पीएस मिश्रा, आईआईटी डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश, आईआईएम के डायरेक्टर प्रो. आर.के. ककानी, एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. एनव्ही रमन्ना राव सहित एनआईटी, आईआईएम और आईआईटी के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहे.