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लखनऊ में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को मिलेगा बेहतर इलाज, बनेगा स्पेशल सेंटर - congenital heart disease treatment

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 8:56 AM IST

जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को आने वाले दिनों में और बेहतर इलाज मिलेगा. इसके लिए एक स्पेशल सेंटर बनाने की तैयारी चल रही है. एसजीपीजीआईएमएस और सलोनी हार्ट सेंटर के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी मिल गई हैं.

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SGPGIMS और सलोनी हार्ट सेंटर के बीच हुआ समझौता (photo credit- etv bharat)

लखनऊ: जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को आने वाले दिनों में और बेहतर इलाज मिल सकेगा. एसजीपीजीआईएमएस और सलोनी हार्ट सेंटर के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी मिल गई हैं. जिसके परिणामस्वरूप जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए एक विशेष केंद्र की स्थापना होगी. ऐसे बच्चों के लिए यह बड़ी मदद होगी और उनका इलाज लखनऊ में ही संभव हो सकेगा. मंगलवार को मुख्य सचिव और एसजीपीजीआईएमएस के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एसजीपीजीआईएमएस की 101 वीं शासी निकाय की बैठक आयोजित की गई है.

शासी निकाय ने गामा नाइफ की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की, जिससे लाखों मरीजों को उनके इलाज के लिए नॉन इनवेसिव प्रोसीजर प्राप्त होगा. इसके अलावा शासी निकाय ने एसजीपीजीआई के लिए अतिरिक्त 292 सुरक्षा गार्ड बढ़ाने की अनुमति प्रदान की. अधिक सुरक्षा गार्ड और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाया जा रहा है.

छात्रों और डॉक्टरों को तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने में मदद करने के लिए चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट एवं क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट पदों की भी अनुमति दी. बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन, रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी मौजूद रहें.

लोहिया संस्थान के नवीन कैंपस में एक हजार बेड का अस्पताल को मिली स्वीकृति: शहीद पथ स्थित लोहिया संस्थान के नवीन कैम्पस में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के लिए एक हजार बेड का अस्पताल और छात्र-छात्राओं के प्रशिक्षण के लिए टीचिंग ब्लॉक के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसी के तहत शासी निकाय ने संस्थान में स्किल इनोवेशन एवं सिमुलेशन सेंटर और बोन बैंक की स्थापना के लिए स्वीकृत प्रदान की है. मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के शासी निकाय की 40 वीं बैठक सम्पन्न हुई.

इसे भी पढ़े-लोहिया संस्थान में नई व्यवस्था; भर्ती मरीजों को बेड पर मिलेंगी दवाएं व सर्जिकल उपकरण, जानिए कब से लागू होगा डोजियर सिस्टम - Lohia Institute Dossier System


बैठक में संस्थान में कार्यरत नवीन पेंशन योजना से आच्छादित नियमित शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मियों के लिए सेवानैवृत्तिक लाभ, मृत्यु उपादान एवं सेवाकाल के दौरान मृत्यु, विकलांगता, बीमारी और चोट के कारण सेवानिवृत्ति की दशा में देय सेवानैवृत्तिक लाभों सम्बन्धी प्रस्तावों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को प्रेषित करने के लिए निर्देश दिया गया.

शासी निकाय द्वारा संस्थान में गैर-शैक्षणिक विशेषज्ञों के मानदेय को बढ़ाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गयी. इसी के तहत शासी निकाय द्वारा संस्थान में प्रस्तावित 11 पीडीसीसी और तीन पीडीएफ कोर्सेज को शुरु करने की स्वीकृति दी गयी. साथ ही संस्थान में संचालित पीडीसीसी और पीडीएफ कोर्सेज के लिए विद्या परिषद द्वारा अनुमोदित नियमों को अनुमोदन प्रदान किया गया.

बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. बृजेश राठौर, निदेशक राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रो. डॉक्टर सीएम सिंह, डीन प्रोफेसर डाक्टर प्रधुम्मन सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. एसके सिंह मौजूद रहें.

यह भी पढ़े-लोहिया संस्थान में बनेगा नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस सेल, जानें क्या मिलेंगी सुविधाएं

लखनऊ: जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को आने वाले दिनों में और बेहतर इलाज मिल सकेगा. एसजीपीजीआईएमएस और सलोनी हार्ट सेंटर के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी मिल गई हैं. जिसके परिणामस्वरूप जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए एक विशेष केंद्र की स्थापना होगी. ऐसे बच्चों के लिए यह बड़ी मदद होगी और उनका इलाज लखनऊ में ही संभव हो सकेगा. मंगलवार को मुख्य सचिव और एसजीपीजीआईएमएस के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एसजीपीजीआईएमएस की 101 वीं शासी निकाय की बैठक आयोजित की गई है.

शासी निकाय ने गामा नाइफ की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की, जिससे लाखों मरीजों को उनके इलाज के लिए नॉन इनवेसिव प्रोसीजर प्राप्त होगा. इसके अलावा शासी निकाय ने एसजीपीजीआई के लिए अतिरिक्त 292 सुरक्षा गार्ड बढ़ाने की अनुमति प्रदान की. अधिक सुरक्षा गार्ड और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाया जा रहा है.

छात्रों और डॉक्टरों को तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने में मदद करने के लिए चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट एवं क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट पदों की भी अनुमति दी. बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन, रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी मौजूद रहें.

लोहिया संस्थान के नवीन कैंपस में एक हजार बेड का अस्पताल को मिली स्वीकृति: शहीद पथ स्थित लोहिया संस्थान के नवीन कैम्पस में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के लिए एक हजार बेड का अस्पताल और छात्र-छात्राओं के प्रशिक्षण के लिए टीचिंग ब्लॉक के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसी के तहत शासी निकाय ने संस्थान में स्किल इनोवेशन एवं सिमुलेशन सेंटर और बोन बैंक की स्थापना के लिए स्वीकृत प्रदान की है. मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के शासी निकाय की 40 वीं बैठक सम्पन्न हुई.

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बैठक में संस्थान में कार्यरत नवीन पेंशन योजना से आच्छादित नियमित शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मियों के लिए सेवानैवृत्तिक लाभ, मृत्यु उपादान एवं सेवाकाल के दौरान मृत्यु, विकलांगता, बीमारी और चोट के कारण सेवानिवृत्ति की दशा में देय सेवानैवृत्तिक लाभों सम्बन्धी प्रस्तावों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के माध्यम से वित्त विभाग को प्रेषित करने के लिए निर्देश दिया गया.

शासी निकाय द्वारा संस्थान में गैर-शैक्षणिक विशेषज्ञों के मानदेय को बढ़ाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गयी. इसी के तहत शासी निकाय द्वारा संस्थान में प्रस्तावित 11 पीडीसीसी और तीन पीडीएफ कोर्सेज को शुरु करने की स्वीकृति दी गयी. साथ ही संस्थान में संचालित पीडीसीसी और पीडीएफ कोर्सेज के लिए विद्या परिषद द्वारा अनुमोदित नियमों को अनुमोदन प्रदान किया गया.

बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. बृजेश राठौर, निदेशक राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रो. डॉक्टर सीएम सिंह, डीन प्रोफेसर डाक्टर प्रधुम्मन सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. एसके सिंह मौजूद रहें.

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