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दुकानों पर नींबू-मिर्चा बांधने वाले बच्चों ने खंभे की रोशनी में की पढ़ाई, यूपी बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन पास; अब ये है सपना - up board result

दुकानों पर नींबू-मिर्चा बांधने वाले गरीब बच्चों ने खंभे की रोशनी में पढ़ाई कर यूपी बोर्ड परीक्षा में सफलता अर्जित की है. चलिए जानते हैं इनके बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 21, 2024, 8:00 AM IST

आगराः आगरा की झुग्गी-झोपड़ी और मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है. इससे बच्चों का जोश सातवें आसमान पर है. ये सफलता आगरा के चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता के मार्गदर्शन और मदद से संभव हुई. हर कोई इन बच्चों के हौसले को बढ़ा रहा है.

बता दें कि पंचकुइयां में शिक्षा विभाग के कार्यालय परिसर में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवार का मुख्य काम शनिवार को शहरभर में नीबू मिर्च बांधने का है. इससे लोगों के कारोबार, दुकान और मकान को किसी की बुरी नजर ना लगे. ये बदहाल जिंदगी जी रहे हैं. इन परिवारों के कई बच्चे भीख मांगने का काम करते थे. इन परिवारों की हालत को देखकर चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस आए आगे. उन्होंने हर परिवार से बात की. बच्चों को पढाई के बारे में बताया. उन्हें उज्जवल भविष्य के सपने दिखाए जिसके बेहतर रिजल्ट आने लगे हैं.

दरअसल, चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर एक लडके शेर अली खान और तीन लड़कियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी. लड़के ने 12वीं और तीन लड़कियों ने 10वीं की परीक्षा दी. शेर अली खान ने 12वीं में 66 फीसदी पाए हैं. इसके साथ ही करीना, निर्जला और कामिनी ने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है.

सेना में भर्ती होकर देश सेवा का सपना
शेर अली खान ने बताया कि मैं आर्मी में भर्ती हूंगा. मैं सैनिक बनकर देश सेवा करना चाहता हूं. इसके साथ ही करीना ने डॉक्टर बनकर गरीब तबके तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचा सकूं. इसके साथ ही 10वीं करने वाली निर्जला ने पुलिस और कामिनी ने शिक्षक बनने की इच्छा जताई है.

सानिया ने बिखेरी प्रतिभा की महक
इसके साथ ही वजीरपुरा निवासी सानिया के पिता अबूलाला की दरगाह पर फूल बेचते हैं. आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़कर सानिया भी फूल बेचती है. नरेश पारस बताते हैं कि समझाकर सानिया की पढाई शुरू कराई. उसका सेंट जोंस इंटर कॉलेज में दोबारा दाखिला कराया. उसकी फीस भरने का काम किया. बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कराई. आज सानिया ने फर्स्ट डिवीजन से 12वीं की परीक्षा पास की. सानिया का सपना वकील बनना है.

बालिका वधू बनने जा रही बहनों को मुक्त कराया, 12वीं की परीक्षा पास की
चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि देवरी रोड निवासी चार भाई बहनों के माता पिता की बीमारी से मौत हो गई. रिश्तेदार बड़ी बहनों को बालिका वधू बनाना चाहते थे. दोनों बहनों का राजस्थान में सौदा कर दिया था. जब मुझे पता चला तो मैंने प्रशासन की मदद से मुक्त कराया. दोनों बहनों ने पढ़ाई लिखाई शुरू की. दोनों बहनों ने इस साल 12वीं की परीक्षा पास की.


ये भी पढ़ेंः यूपी बोर्ड परीक्षा में बेटियों ने बढ़ाया मान, जानिए टॉप 10 में शामिल छात्राओं ने कैसे की तैयारी?

आगराः आगरा की झुग्गी-झोपड़ी और मलिन बस्ती में रहने वाले बच्चों ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन किया है. इससे बच्चों का जोश सातवें आसमान पर है. ये सफलता आगरा के चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता के मार्गदर्शन और मदद से संभव हुई. हर कोई इन बच्चों के हौसले को बढ़ा रहा है.

बता दें कि पंचकुइयां में शिक्षा विभाग के कार्यालय परिसर में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवार का मुख्य काम शनिवार को शहरभर में नीबू मिर्च बांधने का है. इससे लोगों के कारोबार, दुकान और मकान को किसी की बुरी नजर ना लगे. ये बदहाल जिंदगी जी रहे हैं. इन परिवारों के कई बच्चे भीख मांगने का काम करते थे. इन परिवारों की हालत को देखकर चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस आए आगे. उन्होंने हर परिवार से बात की. बच्चों को पढाई के बारे में बताया. उन्हें उज्जवल भविष्य के सपने दिखाए जिसके बेहतर रिजल्ट आने लगे हैं.

दरअसल, चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर एक लडके शेर अली खान और तीन लड़कियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा दी. लड़के ने 12वीं और तीन लड़कियों ने 10वीं की परीक्षा दी. शेर अली खान ने 12वीं में 66 फीसदी पाए हैं. इसके साथ ही करीना, निर्जला और कामिनी ने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है.

सेना में भर्ती होकर देश सेवा का सपना
शेर अली खान ने बताया कि मैं आर्मी में भर्ती हूंगा. मैं सैनिक बनकर देश सेवा करना चाहता हूं. इसके साथ ही करीना ने डॉक्टर बनकर गरीब तबके तक चिकित्सा सेवाएं पहुंचा सकूं. इसके साथ ही 10वीं करने वाली निर्जला ने पुलिस और कामिनी ने शिक्षक बनने की इच्छा जताई है.

सानिया ने बिखेरी प्रतिभा की महक
इसके साथ ही वजीरपुरा निवासी सानिया के पिता अबूलाला की दरगाह पर फूल बेचते हैं. आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़कर सानिया भी फूल बेचती है. नरेश पारस बताते हैं कि समझाकर सानिया की पढाई शुरू कराई. उसका सेंट जोंस इंटर कॉलेज में दोबारा दाखिला कराया. उसकी फीस भरने का काम किया. बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कराई. आज सानिया ने फर्स्ट डिवीजन से 12वीं की परीक्षा पास की. सानिया का सपना वकील बनना है.

बालिका वधू बनने जा रही बहनों को मुक्त कराया, 12वीं की परीक्षा पास की
चाइल्ड एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि देवरी रोड निवासी चार भाई बहनों के माता पिता की बीमारी से मौत हो गई. रिश्तेदार बड़ी बहनों को बालिका वधू बनाना चाहते थे. दोनों बहनों का राजस्थान में सौदा कर दिया था. जब मुझे पता चला तो मैंने प्रशासन की मदद से मुक्त कराया. दोनों बहनों ने पढ़ाई लिखाई शुरू की. दोनों बहनों ने इस साल 12वीं की परीक्षा पास की.


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