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12वीं के छात्र को अनाज तौलने का जिम्मा सौंप सरकारी गोदाम का एजीएम हुआ नदारद, डीएसओ ने कहा - देखेंगे - Government grain warehouse Giridih

AGM missing from government grain warehouse. सरकारी अनाज गोदामों में अनियमितता की शिकायतें आए दिन सामने आती रहती हैं. मंत्री बन्ना गुप्ता भी ऐसे मामलों पर सख्त हैं. इसके बावजूद इन गोदामों में लापरवाही हो रही है. गिरिडीह शहर के गोदाम में एजीएम खुद गायब रहते हैं और उनके भाई-भतीजा अनाज तौलने का काम करते हैं. अब सोचिए, जिस जिले का विधायक मंत्री हो, जहां मुख्यमंत्री की पत्नी विधायक हो, जहां विधायक सुदीव्य कुमार और विनोद सिंह जैसे दिग्गज नेता हों. जो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का गृह जिला हो, तो अगर ऐसा कृत्य खुलेआम उस जिले में हो तो इसे आप क्या कहेंगे.

grain warehouse Giridih
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 14, 2024, 9:27 AM IST

Updated : Aug 14, 2024, 11:44 AM IST

गिरिडीह: सरकारी अनाज, गोदाम और गड़बड़झाला. यह नई बात नहीं है. वर्षों से झारखंड में गरीबों के अनाज पर डाका एक सुनियोजित तरीके से डाला जाता रहा है. गोदाम से अनाज के निकलने, उसके डीलर के पास पहुंचने से पहले गाड़ी समेत गायब होने का प्रकरण भी कई दफा सामने आ चुका है. ऐसी गड़बड़ी पर शायद जिम्मेदार भी गंभीर नहीं होते हैं. खैर, जिम्मेदार अपनी जिम्मेवारी सही से निभाए या नहीं यह उनका विषय है. लेकिन इस बार गिरिडीह सदर के गोदाम में हो रही ऐसी ही एक गड़बड़ी की खबर हम बता रहे हैं. हम बता रहे हैं कि कैसे एक एजीएम (असिस्टेंट गोदाम मैनेजर) अपनी जवाबदेही को छोड़कर लापता हो जाता है और गोदाम में अनाज को तौलने, उसका हिसाब सरकारी खाते में चढ़ाने और फिर डोर स्टेप डिलीवरी के वाहन पर बोरियों को रखवाने का काम बाहरियों और बच्चे को दे देता है.

अनाज गोदाम में बच्चे से कराया जा रहा काम (ईटीवी भारत)

यह पूरा मामला गिरिडीह प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित सरकारी अनाज के गोदाम से जुड़ा हुआ है. दरअसल, मंगलवार की शाम को सदर प्रखंड उप प्रमुख कुमार सौरव प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित सरकारी अनाज के गोदाम में आ पहुंचे. यहां जब वे पहुंचे तो देखा कि एजीएम संजय गोदाम में नहीं हैं. वहीं ऑपरेटर संजीत भी लापता है. एक टेबल पर एक लड़का चावल की बोरियों का वजन करवा रहा है. वहीं थोड़ी दूरी पर दूसरे टेबल पर एक युवक भी अनाज की बोरियों का वजन करवा कर गाड़ी में न सिर्फ रखवा रहा है बल्कि सरकारी रजिस्टर में एंट्री भी कर रहा है.

एक ने गर्व से कहा - भाई हैं हम

इस दौरान मौके पर पहुंचे उपप्रमुख के साथ मौजूद मिडियाकर्मियों ने एक युवक से पूछा कि आप कौन हैं और गोदाम के अंदर कैसे हैं? इस सवाल पर युवक ने गर्व से कहा मैं एजीएम साहब संजय का भाई विपिन हूं, उसने कहा कि एजीएम साहब डीएसओ के पास गए हैं. यहां विपिन ने अपने एजीएम भाई का बचाव भी किया. उसने बताया कि अभी तो भैया यहीं पर थे, अचानक डीएसओ ने बुला लिया.

12वीं में पढ़ते हैं, एजीएम साहब के गांव से हैं

वहीं लड़के से बात की गई. लड़के ने खुद को कक्षा 12वीं का विद्यार्थी बताया. उसने कहा कि वह यहां पर वजन करवाता है और फिर रजिस्टर में मेंटेन भी करता है. इस विद्यार्थी ने बताया कि उसे संजय यादव ने काम पर रखा है, हर रोज वह सुबह 10:30 बजे आ जाता है और फिर देर शाम को घर जाता है. इनसे जब पूछा गया कि एजीएम कहां गए तो बोले हमको नहीं पता.

डीएसओ ने कहा देखते हैं

इधर गोदाम से एजीएम के साथ ऑपरेटर के नदारद रहने, रिश्तेदार के साथ-साथ 12वीं के छात्र को अनाज को तौलने, रजिस्टर में वजन लिखने का जिम्मा सौंपने के प्रकारण पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी से बात की गई. डीएसओ ने कहा कि देखेंगे. वहीं लापता एजीएम से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल के साथ-साथ व्हाट्सप्प बंद मिला.

भाई-भतीजा के साथ मिलकर लूट : उप प्रमुख

उप प्रमुख कुमार सौरव ने कहा कि तनख्वाह भी एजीएम ले और फिर भाई-भतीजा को सरकारी गोदाम की चाबी देकर खुद फरार हो जाए. यह लापरवाही नहीं है बल्कि गरीब के अनाज पर सुनियोजित तरीके से डाका डालने की साजिश है. यहां प्रत्येक बोरी अनाज भी कम तोलने की शिकायत है. इसकी जांच तो हो ही, सबसे पहले एजीएम पर कार्रवाई हो और यह भी जांच की जाए कि किसके आदेश पर गैर सरकारी कर्मियों को इस तरह के संवेदनशील कार्यों में लगाया गया था. उन्होंने कहा कि वे लगभग एक घंटे तक गोदाम में रहे लेकिन एजीएम नहीं आया. हालांकि ऑपरेटर गोदाम पहुंचा परंतु लापता होने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सका.

यह मामला अभी एक सरकारी कर्मचारी द्वारा की गई गड़बड़ी को लेकर सामने आया है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ऐसे कई और सरकारी कर्मचारी भी हो सकते हैं जो अपनी जगह दूसरों से काम करवा रहे हों. जरूरत है कि सरकार और प्रशासन ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. फिलहाल डीएसओ ने कहा है कि वे देखेंगे.

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गिरिडीह: सरकारी अनाज, गोदाम और गड़बड़झाला. यह नई बात नहीं है. वर्षों से झारखंड में गरीबों के अनाज पर डाका एक सुनियोजित तरीके से डाला जाता रहा है. गोदाम से अनाज के निकलने, उसके डीलर के पास पहुंचने से पहले गाड़ी समेत गायब होने का प्रकरण भी कई दफा सामने आ चुका है. ऐसी गड़बड़ी पर शायद जिम्मेदार भी गंभीर नहीं होते हैं. खैर, जिम्मेदार अपनी जिम्मेवारी सही से निभाए या नहीं यह उनका विषय है. लेकिन इस बार गिरिडीह सदर के गोदाम में हो रही ऐसी ही एक गड़बड़ी की खबर हम बता रहे हैं. हम बता रहे हैं कि कैसे एक एजीएम (असिस्टेंट गोदाम मैनेजर) अपनी जवाबदेही को छोड़कर लापता हो जाता है और गोदाम में अनाज को तौलने, उसका हिसाब सरकारी खाते में चढ़ाने और फिर डोर स्टेप डिलीवरी के वाहन पर बोरियों को रखवाने का काम बाहरियों और बच्चे को दे देता है.

अनाज गोदाम में बच्चे से कराया जा रहा काम (ईटीवी भारत)

यह पूरा मामला गिरिडीह प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित सरकारी अनाज के गोदाम से जुड़ा हुआ है. दरअसल, मंगलवार की शाम को सदर प्रखंड उप प्रमुख कुमार सौरव प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित सरकारी अनाज के गोदाम में आ पहुंचे. यहां जब वे पहुंचे तो देखा कि एजीएम संजय गोदाम में नहीं हैं. वहीं ऑपरेटर संजीत भी लापता है. एक टेबल पर एक लड़का चावल की बोरियों का वजन करवा रहा है. वहीं थोड़ी दूरी पर दूसरे टेबल पर एक युवक भी अनाज की बोरियों का वजन करवा कर गाड़ी में न सिर्फ रखवा रहा है बल्कि सरकारी रजिस्टर में एंट्री भी कर रहा है.

एक ने गर्व से कहा - भाई हैं हम

इस दौरान मौके पर पहुंचे उपप्रमुख के साथ मौजूद मिडियाकर्मियों ने एक युवक से पूछा कि आप कौन हैं और गोदाम के अंदर कैसे हैं? इस सवाल पर युवक ने गर्व से कहा मैं एजीएम साहब संजय का भाई विपिन हूं, उसने कहा कि एजीएम साहब डीएसओ के पास गए हैं. यहां विपिन ने अपने एजीएम भाई का बचाव भी किया. उसने बताया कि अभी तो भैया यहीं पर थे, अचानक डीएसओ ने बुला लिया.

12वीं में पढ़ते हैं, एजीएम साहब के गांव से हैं

वहीं लड़के से बात की गई. लड़के ने खुद को कक्षा 12वीं का विद्यार्थी बताया. उसने कहा कि वह यहां पर वजन करवाता है और फिर रजिस्टर में मेंटेन भी करता है. इस विद्यार्थी ने बताया कि उसे संजय यादव ने काम पर रखा है, हर रोज वह सुबह 10:30 बजे आ जाता है और फिर देर शाम को घर जाता है. इनसे जब पूछा गया कि एजीएम कहां गए तो बोले हमको नहीं पता.

डीएसओ ने कहा देखते हैं

इधर गोदाम से एजीएम के साथ ऑपरेटर के नदारद रहने, रिश्तेदार के साथ-साथ 12वीं के छात्र को अनाज को तौलने, रजिस्टर में वजन लिखने का जिम्मा सौंपने के प्रकारण पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी से बात की गई. डीएसओ ने कहा कि देखेंगे. वहीं लापता एजीएम से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल के साथ-साथ व्हाट्सप्प बंद मिला.

भाई-भतीजा के साथ मिलकर लूट : उप प्रमुख

उप प्रमुख कुमार सौरव ने कहा कि तनख्वाह भी एजीएम ले और फिर भाई-भतीजा को सरकारी गोदाम की चाबी देकर खुद फरार हो जाए. यह लापरवाही नहीं है बल्कि गरीब के अनाज पर सुनियोजित तरीके से डाका डालने की साजिश है. यहां प्रत्येक बोरी अनाज भी कम तोलने की शिकायत है. इसकी जांच तो हो ही, सबसे पहले एजीएम पर कार्रवाई हो और यह भी जांच की जाए कि किसके आदेश पर गैर सरकारी कर्मियों को इस तरह के संवेदनशील कार्यों में लगाया गया था. उन्होंने कहा कि वे लगभग एक घंटे तक गोदाम में रहे लेकिन एजीएम नहीं आया. हालांकि ऑपरेटर गोदाम पहुंचा परंतु लापता होने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे सका.

यह मामला अभी एक सरकारी कर्मचारी द्वारा की गई गड़बड़ी को लेकर सामने आया है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ऐसे कई और सरकारी कर्मचारी भी हो सकते हैं जो अपनी जगह दूसरों से काम करवा रहे हों. जरूरत है कि सरकार और प्रशासन ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. फिलहाल डीएसओ ने कहा है कि वे देखेंगे.

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Last Updated : Aug 14, 2024, 11:44 AM IST
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