धनबादः आरपीएफ द्वारा रेस्क्यू किए गए 12 साल के बालक ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. बालक के बयान से मदरसों पर सवाल उठने लगे हैं. सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने ईटीवी भारत से बताया कि बालक के अनुसार मदरसों में उसे प्रताड़ित किया जाता था. बालक ने सीडब्ल्यूसी को दिए गए बयान में बताया कि मदरसों में न सिर्फ उसके साथ मारपीट की जाती थी, बल्कि अन्य बच्चों की भी पिटाई की जाती थी.सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने कहा कि जिन मदरसों के नाम सामने आए हैं, वहां बड़े स्तर पर जांच की जरूरत है.
भूली के पास से बालक को किया गया था रेस्क्यू
चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने बताया कि भूली के पास से 12 साल के बालक को आरपीएफ ने रेस्क्यू किया था. इसके बाद आरपीएफ ने बालक को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया. बालक ने पूछताछ में बताया कि वह कोलकाता और बिहार के मदरसा में रह चुका है और वर्तमान में धनबाद के आरा मोड़ स्थित मदरसा में रहता है, जहां उसके साथ मारपीट की गई. बालक ने बताया कि उसे उसके पिता ने बिहार के नवादा और कोलकाता के नारायणपुर स्थित मदरसा में रखवाया था.
बालक मदरसा में नहीं करना चाहता है पढ़ाई
बालक ने बताया कि अब वह मदरसा में पढ़ाई नहीं करना चाहता है. वह गणित और विज्ञान की पढ़ाई कर ऊंची तालीम पाना चाहता है, लेकिन उसके पिता उसे हाफिज बनाना चाहते हैं.
धनबाद के मदरसा से भागा था बालक
पिछले दो सप्ताह से धनबाद के वासेपुर स्थित आरा मोड़ के तेगिया मदरसा में वह रह रहा था. इसी मदरसे से भागकर बच्चा कोलकाता जा रहा था. इस दौरान आरपीएफ ने उसे रेस्क्यू किया.बालक ने बताया कि धनबाद के आरा मोड़ स्थित तेगिया मदरसा में उसके ऊपर जुल्म ढाए गए हैं. उसके साथ मारपीट की गई.
केस को किया गया गिरिडीह ट्रांसफर
फिलहाल केस को धनबाद सीडब्ल्यूसी ने गिरिडीह ट्रांसफर कर दिया है. धनबाद सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी कहा कि बालक ने जिन मदरसों का जिक्र किया है सभी की जांच करायी जाएगी. साथ ही उन्होंने सभी मदरसों की जांच की जरूरत पर जोर दिया है.
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