जयपुर. राज्य बाल संरक्षण आयोग की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों के हितों की रक्षा करें और उन्हें एक अच्छा एनवायरमेंट उपलब्ध कराएं, लेकिन जब वही आयोग के सदस्यों का विवाद जब उन्हीं बच्चों के सामने आए तो क्या कहेंगे ? कुछ ऐसा ही माजरा राजधानी में उस वक्त देखने को मिला जब परीक्षा से पहले बच्चों को तनाव मुक्त कराने के लिए आयोग की ओर से कार्यशाला आयोजित की गई थी. कार्यशाला में अध्यक्ष के अलावा अन्य एक सदस्य को जब मंच पर बोलने का मौका नहीं मिला तो उन्होंने मंच पर ही माइक पकड़कर अपनी नाराजगी जताना शुरू कर दिया. खास बात यह है आयोग के आपसी विवाद से बच्चों के बीच क्या संदेश गया ?
बच्चों के सामने मंच पर भड़की गर्ग : दरअसल, विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान होने वाले भय/तनाव/व्याकुलता से मुक्त करने और परीक्षा के प्रति उनमें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से राज्य स्तरीय परीक्षा पर्व कार्यशाला का आयोजन किया गया था. कार्यशाला के दौरान अतिथियों और अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का भाषण हो गया, लेकिन एक अन्य आयोग की सदस्य संगीता गर्ग को बोलने का मौका नहीं मिला तो वो मंच पर ही भड़क गईं.
संगीता गर्ग ने माइक लिया और मंच पर ही आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल पर नाराजगी जताते हुए कहा- "ऐसा पहली बार नहीं है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. इससे पहले भी उदयपुर सहित अन्य कार्यक्रमों में इसी तरह से उन्हें नजरअंदाज किया गया." आयोग के सदस्यों का अपना एक प्रोटोकॉल होता है, लेकिन उसकी कोई पालन नहीं की जाती है. संगीता गर्ग के अचानक इस तरह से मंच पर नाराजगी जताने से बच्चे और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अचंभित हो गए. कुछ समय के लिए माहौल जहां बच्चों को तनाव मुक्त करने का होना चाहिए था, वहां पर तनाव वाला बन गया.
एक साल से अपमानित कर रही हैं : बाल आयोग की सदस्य संगीता गर्ग ने ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल पर आरोप लगाया कि जब से वह आयोग की सदस्य बनी हैं, तब से उनके साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है. कई बार कार्यक्रमों में उन्हें बैठने तक के लिए कुर्सी नहीं दी जाती थी और न ही आयोग में रहते हुए सदस्य के तौर पर कुछ काम करने की अनुमति, लेकिन आज तो हद हो गई जब बच्चों को मोटिवेट करने के लिए कार्यशाला रखी गई. उसमें 11 से 2 बजे तक का समय था. आयोग की अध्यक्ष 1 बजे आती है और 15 मिनट का अपना भाषण देकर 1:15 बजे कार्यक्रम को समाप्त करवा देती है और मुझे बोलने तक का मौका नहीं दिया गया. गर्ग ने कहा कि इस तरह से अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैं अपनी नाराजगी खुले मंच पर जता गई.
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अध्यक्ष ने कही ये बात : जब बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल पर आरोप लगे तो ईटीवी भारत ने उनसे इस पूरे मामले पर फोन पर बात की बेनीवाल ने कहा कि परीक्षा पूर्व विद्यार्थी को तनाव मुक्त करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी. कार्यशाला में सभी को बोलने का मौका दिया गया था, लेकिन कार्यक्रम बच्चों के लिए था. इसलिए सभी को संक्षिप्त में अपनी बात पूरी करने के लिए कहा गया. आयोग की एक सदस्य ने जिस तरह से खुले मंच पर विद्यार्थी के सामने अपनी नाराजगी जताई वह ठीक नहीं थी. इस तरह की घटना की निंदा करती हूं. उन्हें कोई बात बुरी भी लग रही थी तो वह मंच पर ना बोलकर ऑफिस में बैठ कर बात करनी चाहिए थी. इस तरह से खुले मंच पर बच्चों के सामने बोलना अच्छी बात नहीं है.