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रामनगर में ऑपरेशन के बाद बच्चे को दिखाई देना हुआ बंद, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा - Ramnagar Government Hospital

Ramnagar hospital रामनगर सरकारी अस्पताल के नेत्र चिकित्सक पर 11 वर्षीय बच्चे के परिजनों ने इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. जिससे नाराज परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई. बताया जा रहा है कि बच्चे की एक आंख की रोशनी चली गई है.

Ramnagar hospital
रामनगर अस्पताल में परिजनों का हंगामा (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 29, 2024, 11:49 AM IST

ऑपरेशन के बाद बच्चे को दिखाई देना हुआ बंद (video- ETV Bharat)

रामनगर: सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार चर्चाओं में है. कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया था. लेकिन जब से यह अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हुआ, तभी से बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार सुर्खियों में है. दरअसल 11 वर्षीय बच्चे के परिजनों ने आंखों के डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि उनके बच्चे की आंख का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन से पहले बच्चे को उस आंख से दिखाई दे रहा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद बच्चे को आंख से दिखाई नहीं दे रहा है.

बता दें कि रामनगर के भवानीगंज क्षेत्र में रहने वाले सुनील कुमार के 11 वर्षीय बेटे आयुष की आंख में चोट लग गई थी. उसे उपचार के लिए परिजन अस्पताल लेकर गए थे. अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा बच्चे की आंख का ऑपरेशन किया गया. बच्चे को जिस आंख में चोट लगी थी, उस आंख से बच्चे को ऑपरेशन से पहले दिखाई दे रहा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद जब पट्टी खोली, तो उस आंख से कुछ भी नहीं दिखाई दिया. इसके बाद परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसकी आंख की रोशनी जा चुकी है. ऐसे में परिजनों ने चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है.

पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि लगातार इस प्रकार की घटनाएं होना ठीक नहीं है. इससे पहले भी उपचार के अभाव और लापरवाही के चलते कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कई बार इस अस्पताल को सरकारी तंत्र में चलाने के लिए धरना-प्रदर्शन किए गए, लेकिन सरकार जनता की समस्या को सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल के संचालक को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.

संजय नेगी ने बताया कि जब सीएमएस के सामने चिकित्सक को बुलाया गया, तो उल्टा चिकित्सक परिजनों पर भड़क गया और कहने लगा कि उसके द्वारा जो किया गया वह सही है. उन्होंने कहा कि चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आंदोलन किया जाएगा. वहीं, सीएमएस डॉक्टर चंद्रा पंत ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी और फिर उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा.

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ऑपरेशन के बाद बच्चे को दिखाई देना हुआ बंद (video- ETV Bharat)

रामनगर: सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार चर्चाओं में है. कुछ वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया था. लेकिन जब से यह अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हुआ, तभी से बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार सुर्खियों में है. दरअसल 11 वर्षीय बच्चे के परिजनों ने आंखों के डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि उनके बच्चे की आंख का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन से पहले बच्चे को उस आंख से दिखाई दे रहा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद बच्चे को आंख से दिखाई नहीं दे रहा है.

बता दें कि रामनगर के भवानीगंज क्षेत्र में रहने वाले सुनील कुमार के 11 वर्षीय बेटे आयुष की आंख में चोट लग गई थी. उसे उपचार के लिए परिजन अस्पताल लेकर गए थे. अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा बच्चे की आंख का ऑपरेशन किया गया. बच्चे को जिस आंख में चोट लगी थी, उस आंख से बच्चे को ऑपरेशन से पहले दिखाई दे रहा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद जब पट्टी खोली, तो उस आंख से कुछ भी नहीं दिखाई दिया. इसके बाद परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसकी आंख की रोशनी जा चुकी है. ऐसे में परिजनों ने चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई है.

पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने कहा कि लगातार इस प्रकार की घटनाएं होना ठीक नहीं है. इससे पहले भी उपचार के अभाव और लापरवाही के चलते कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कई बार इस अस्पताल को सरकारी तंत्र में चलाने के लिए धरना-प्रदर्शन किए गए, लेकिन सरकार जनता की समस्या को सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल के संचालक को सरकार का संरक्षण प्राप्त है.

संजय नेगी ने बताया कि जब सीएमएस के सामने चिकित्सक को बुलाया गया, तो उल्टा चिकित्सक परिजनों पर भड़क गया और कहने लगा कि उसके द्वारा जो किया गया वह सही है. उन्होंने कहा कि चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आंदोलन किया जाएगा. वहीं, सीएमएस डॉक्टर चंद्रा पंत ने बताया कि मामले की जांच की जाएगी और फिर उच्च अधिकारियों को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा.

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