जयपुर. जेडीए के इतिहास में जो काम 40-42 सालों में नहीं हुआ, वो बीते दो महीने में हुआ है. अब फाइलों की पेंडेंसी पूरी तरह खत्म हो गई है, ये एक बहुत बड़ा परिवर्तन है. ये कहना है चीफ सेक्रेटरी सुधांश पंत का. पंत सोमवार को एक बार फिर जेडीए का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. पंत के पहुंचने के कुछ समय बाद जेडीसी मंजू राजपाल और सचिव हेमपुष्पा शर्मा पहुंचे. इससे पहले सीएस ने जेडीए में फाइलों को खंगाला और राजकाज पोर्टल पर भी ऑनलाइन जांच की. सुधांश पंत के अचानक जेडीए पहुंचने से अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. वहां उपस्थित कर्मचारी एक-दूसरे को सूचना देने में जुट गए. सुधांश पंत ने यहां तकरीबन आधा घंटे फाइलों को देखा और अधिकारियों की मीटिंग भी ली. हालांकि इस बार उन्होंने जेडीए वर्क पर संतुष्टि जाहिर की, लेकिन अभी भी लापरवाही बरत रहे अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की बात भी कही.
पेंडेंसी खत्म हो रही है : साल 2010 में जेडीए आयुक्त रह चुके सुधांश पंत ने जयपुर विकास प्राधिकरण पर लगातार निगरानी बरत रहे है. सोमवार को पंत दूसरी बार जेडीए का औचक निरिक्षण करने पहुंचे. जेडीए के निरीक्षण के दौरान चीफ सेक्रेटरी सुधांश पंत ने कहा कि जेडीए के इतिहास में जो अब तक नहीं हुआ वो पिछले दो महीने में हुआ है. 1982 से लेकर अब तक जेडीए के इतिहास में जो फाइल पेंडिंग रहती थी, अब यहां फाइलों का तुरंत निस्तारण होते हुए पेंडेंसी खत्म हो रही है. सुधांशु पंत ने जेडीए सचिव हेमपुष्पा शर्मा की कार्य प्रणाली की तारीफ करते हुए कहा कि सचिव की फाइल निस्तारण का समय मात्र 9 घंटे है. जिस स्पीड से अब जेडीए काम हो रहा है, आगामी एक दो महीने में ये पूरी तरह स्पीड पकड़ लेगा और बड़ा बदलाव नजर आएगा. पहले जहां फाइलें पड़ी-पड़ी इधर-उधर खो जाती थी, मिलती नहीं थी, फाइलों में रखे दस्तावेज नहीं मिलते थे, अब वो समस्या खत्म हो गई और सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है.
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जेडीए में आया काफी सुधार : सीएस ने बताया कि फाइलों की ऑनलाइन प्रक्रिया होने से यहां आने वाले लोगों को भी सुविधा हो रही है और कार्य करने वाले अधिकारी- कर्मचारियों को भी इससे मदद मिल रही है. इससे जेडीए की कार्य करने की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है. सीएस सुधांश पंत ने कहा कि खुशी इस बात की कि पहली विजिट के बाद जेडीए में काफी सुधार नजर आ रहा है. वो जब सुबह 9:08 पर जेडीए पहुंचे यहां 30 से 40 कमरों में गए वहां कोई भी फाइल की लंबी पेंडेंसी नहीं थी. 2 महीने के दौरान जेडीसी और उनकी टीम ने सभी फाइलों को राजकाज पर ऑनलाइन कर दिया है. इससे फाइलों की पेंडेंसी कम हो गई.
कोई कार्य लंबित ना रहे : सुधांश पंत ने कहा कि एक साधारण मीटिंग ली है और सभी अधिकारियों से रूबरू होकर उन्हें ये बताया कि जेडीए हमारे लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है. आम लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, उनके काम समय पर पूर्ण हों. विकास के कार्य अच्छे से हों, सभी अधिकारी मेहनत और लगन से कार्य करें और कोई कार्य लंबित ना रहे. जेडीए के हित में फैसले हों, ताकि काम अच्छे से संपादित हो सके. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में ही लगातार औचक निरीक्षण का दौर चल रहा है. इससे कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. इस दौरान सीएस ने जेडीए में अधिकारी-कर्मचारियों की कमी को लेकर कहा कि जेडीसी अपने स्तर पर मैनेज करके अच्छा काम कर रही हैं, लेकिन आचार संहिता के बाद जून तक जेडीए में हो रही कमियों की पूर्ति की जाएगी, जो भी ह्यूमन रिसोर्स की कमी है, उसको पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.