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5 साल में विद्युत उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य, केंद्रीय पूल से उत्तराखंड को मिली 100 मेगावाट बिजली - Uttarakhand Energy Department

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 2, 2024, 6:50 PM IST

Updated : Jul 2, 2024, 8:28 PM IST

Uttarakhand Energy Department देहरादून में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा विभाग के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की. इसी बीच अधिकारियों को बिजली उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Uttarakhand Energy Department
सीएम ने अधिकारियों के साथ की बैठक (photo-ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में विद्युत आपूर्ति की एक बड़ी समस्या है. खासकर गर्मियों के सीजन में बिजली की खपत को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग को महंगे दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती है. प्रदेश में बिजली की समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में ऊर्जा विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. मीटिंग में सीएम ने अधिकारियों को राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए.

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीनों निगम 5 साल में प्रदेश में विद्युत उत्पादन को दोगुना करने के लिए समन्वय बनाकर साथ में काम करें और परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा करें. उत्तराखंड निर्माण की मूल अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन शामिल रहा है. लिहाजा, ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य करने की जरूरत है. साथ ही मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए सभी ट्रांसफार्मर का सेफ्टी ऑडिट करने के भी निर्देश दिए गए.

सीएम धामी ने कहा कि वर्तमान में जिन लघु जलविद्युत परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए. सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप के जरिए विद्युत उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिए अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार दिया जाए और राज्य में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ भी लोगों को अधिक से अधिक मिले, इसके लिए काम किया जाए. इसके अलावा, नये बिजली घरों के निर्माण और ट्रांसमिशन लाइन अपडेट करने की कार्रवाई भी जल्द से जल्द की जाए. लाइन लॉस को कम करने के लिए भी प्रभावी योजना पर काम करने और विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने की योजनाओं पर तेजी से काम करने की बात कही.

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 121 मेगावाट क्षमता की 06 लघु जलविद्युत परियोजनाएं आंवटित की गई हैं, जिनमें से 24 मेगावाट की मेलेखेत और 21 मेगावाट की खुटानी जल विद्युत परियोजना 2026 तक पूरी हो जाएंगी, जबकि 22.80 मेगावाट की बर्नीगाड और 06 मेगावाट की रयात जल विद्युत परियोजना पर अगले दो सालो में काम शुरू किया जाएगा. राज्य में पम्प स्टोरेज प्रोजक्ट के तहत 200 मेगावाट की लखवाड़-ब्यासी, 150 मेगावाट की ब्यासी- कट्टा पत्थर और 168 मेगावाट की कालागढ़ परियोजना पर प्राथमिक फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. एक-एक मेगावाट की तिलोथ, खटीमा और ढ़करानी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के तहत विकसित किये जा रहे हैं.

100 मेगावाट विद्युत का विशिष्ट आवंटन: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा केंद्र से 100 मेगावाट विद्युत का विशिष्ट आवंटन किया गया है. यह आवंटन इस माह 4 जुलाई से 31 जुलाई तक के लिये किया गया है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का आभार जताया है. बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले माह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट कर राज्य में विद्युत उत्पाद एवं आपूर्ति से संबंधित विषयों पर चर्चा की थी और राज्य को केंद्रीय पूल से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपेक्षा की थी.

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देहरादून: उत्तराखंड में विद्युत आपूर्ति की एक बड़ी समस्या है. खासकर गर्मियों के सीजन में बिजली की खपत को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग को महंगे दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती है. प्रदेश में बिजली की समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में ऊर्जा विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. मीटिंग में सीएम ने अधिकारियों को राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए.

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीनों निगम 5 साल में प्रदेश में विद्युत उत्पादन को दोगुना करने के लिए समन्वय बनाकर साथ में काम करें और परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा करें. उत्तराखंड निर्माण की मूल अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन शामिल रहा है. लिहाजा, ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य करने की जरूरत है. साथ ही मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए सभी ट्रांसफार्मर का सेफ्टी ऑडिट करने के भी निर्देश दिए गए.

सीएम धामी ने कहा कि वर्तमान में जिन लघु जलविद्युत परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए. सरकारी भवनों में सोलर रूफटॉप के जरिए विद्युत उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिए अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार दिया जाए और राज्य में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ भी लोगों को अधिक से अधिक मिले, इसके लिए काम किया जाए. इसके अलावा, नये बिजली घरों के निर्माण और ट्रांसमिशन लाइन अपडेट करने की कार्रवाई भी जल्द से जल्द की जाए. लाइन लॉस को कम करने के लिए भी प्रभावी योजना पर काम करने और विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने की योजनाओं पर तेजी से काम करने की बात कही.

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 121 मेगावाट क्षमता की 06 लघु जलविद्युत परियोजनाएं आंवटित की गई हैं, जिनमें से 24 मेगावाट की मेलेखेत और 21 मेगावाट की खुटानी जल विद्युत परियोजना 2026 तक पूरी हो जाएंगी, जबकि 22.80 मेगावाट की बर्नीगाड और 06 मेगावाट की रयात जल विद्युत परियोजना पर अगले दो सालो में काम शुरू किया जाएगा. राज्य में पम्प स्टोरेज प्रोजक्ट के तहत 200 मेगावाट की लखवाड़-ब्यासी, 150 मेगावाट की ब्यासी- कट्टा पत्थर और 168 मेगावाट की कालागढ़ परियोजना पर प्राथमिक फिजीबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. एक-एक मेगावाट की तिलोथ, खटीमा और ढ़करानी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के तहत विकसित किये जा रहे हैं.

100 मेगावाट विद्युत का विशिष्ट आवंटन: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा केंद्र से 100 मेगावाट विद्युत का विशिष्ट आवंटन किया गया है. यह आवंटन इस माह 4 जुलाई से 31 जुलाई तक के लिये किया गया है. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का आभार जताया है. बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले माह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट कर राज्य में विद्युत उत्पाद एवं आपूर्ति से संबंधित विषयों पर चर्चा की थी और राज्य को केंद्रीय पूल से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपेक्षा की थी.

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Last Updated : Jul 2, 2024, 8:28 PM IST
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