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सहकारिता विभाग की योजनाओं को लागू करने में विज्ञान और तकनीक का होगा इस्तेमाल, जानें वजह - Uttarakhand Cooperative Department

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 31, 2024, 9:27 PM IST

Review Meeting Held In Dehradun आज सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में संबंधित अधिकारियों को कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देने और योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि सहकारिता विभाग की लंबे समय से चल रही तमाम योजनाओं को सही ढंग से लागू करने के लिए बेहतर प्रयास करने की जरूरत है, ताकि तमाम योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को मिल सके.

Review Meeting Held In Dehradun
देहरादून में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक हुई (photo- ETV Bharat)

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की. बैठक के दौरान धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए की विभाग की योजनाओं से जनता को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इसके लिए नियोजन विभाग के सहयोग से काम करें.

सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार की तमाम जन कल्याणकारी योजनाएं एक बेहतर गेम चेंजर साबित हो, इस दिशा में काम करने की जरूरत है. सहकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही तमाम योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूह को दी जा रही लोन की धनराशि की सीमा में वृद्धि से संबंधित प्रस्ताव लाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को बेहतर बनाया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में मौजूद बंजर भूमि चिन्हित कर तमाम क्लस्टरों के जरिए उसे खेती योग्य बनाने का प्रयास करें, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक पद्धतियों के जरिए कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका का अवसर देना और रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है.

सीएम ने मिल्लेट्स, सब्जियां, दाल, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों-फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने समेत तमाम जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश दिए. साथ ही राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत मत्स्य पालन, मौन पालन और मशरूम उत्पादन के लिए तय लक्ष्यों को बढ़ावा देने को कहा. इसके अलावा तमाम परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियों का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए.

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार की ओर से 85 करोड़ रुपए की ब्याज प्रतिपूर्ति के लिए बजट का प्रावधान किया गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब एक लाख 90 हजार सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के तहत अभी तक कुल 9,60,510 लाभार्थियों और 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं. इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार की तमाम जन कल्याणकारी योजनाएं एक बेहतर गेम चेंजर साबित हो, इस दिशा में काम करने की जरूरत है. सहकारिता विभाग की ओर से चलाई जा रही तमाम योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूह को दी जा रही लोन की धनराशि की सीमा में वृद्धि से संबंधित प्रस्ताव लाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को बेहतर बनाया जाए.

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में मौजूद बंजर भूमि चिन्हित कर तमाम क्लस्टरों के जरिए उसे खेती योग्य बनाने का प्रयास करें, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक पद्धतियों के जरिए कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका का अवसर देना और रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है.

सीएम ने मिल्लेट्स, सब्जियां, दाल, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों-फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने समेत तमाम जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश दिए. साथ ही राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत मत्स्य पालन, मौन पालन और मशरूम उत्पादन के लिए तय लक्ष्यों को बढ़ावा देने को कहा. इसके अलावा तमाम परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियों का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए.

सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार की ओर से 85 करोड़ रुपए की ब्याज प्रतिपूर्ति के लिए बजट का प्रावधान किया गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब एक लाख 90 हजार सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. योजना के तहत अभी तक कुल 9,60,510 लाभार्थियों और 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं. इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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