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अरविंद केजरीवाल ने CAA पर उठाए सवाल, पड़ोसी देश के गरीबों को लाकर क्यों बसाना चाहते हैं?

Kejriwal raised questions on CAA: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने सीएए पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सीएए को तब लेकर आई है, जब लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं. वहीं, बीजेपी नेता मंजिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा व अन्य नेताओं ने भी सीएए को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 11, 2024, 10:22 PM IST

नई दिल्ली: देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू हो गया है. इसको लेकर अधिसूचना जारी होने से अब वर्षों से भारत में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी. इससे वे लोग जहां खुश हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल इसके औचित्य व लागू करने के समय को लेकर सवाल उठाने लगे हैं. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि दस साल देश पर राज करने के बाद चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आई है. ऐसे वक्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोजगार युवा रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग सीएए लाये हैं. कह रहे हैं कि तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी. यानि ये पड़ोसी देशों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं. क्यों? अपना वोट बैंक बनाने के लिए. जब हमारे युवाओं के पास रोजगार नहीं है तो पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों को रोजगार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनाएगा? क्या बीजेपी उनको रोजगार देगी? क्या बीजेपी उनके लिए घर बनाएगी?

उन्होंने आगे लिखा कि पिछले दस सालों में 11 लाख से ज्यादा व्यापारी और उद्योगपति इनकी नीतियों और अत्याचारों से तंग आकर देश छोड़कर चले गये. उन्हें वापिस लाने की बजाय ये पड़ोसी देश के गरीबों को लाकर भारत में बसाना चाहते हैं. क्यों? सिर्फ अपना वोट बैंक बनाने के लिए? पूरा देश CAA का विरोध करता है. पहले हमारे बच्चों को नौकरी दो, पहले हमारे लोगों को घर दो. फिर दूसरे देशों के लोगों को हमारे देश में लाना.

पोस्ट में आगे लिखा है कि पूरी दुनिया में हर देश दूसरे देशों के गरीबों को अपने देश में आने से रोकता है, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के रोजगार कम होते हैं. बीजेपी शायद दुनिया की अकेली पार्टी है जो पड़ोसी देशों के गरीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ये गंदी राजनीति कर रही है. ये देश के खिलाफ है. खासकर असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के लोग इसका सख्त विरोध करते हैं, जो बांग्लादेश से होने वाले माइग्रेशन के शिकार रहे हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज खतरे में है. बीजेपी ने असम और पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है. लोग इसका लोक सभा चुनाव में जवाब देंगे.

यह भी पढ़ें- CAA पर दिल्ली वालों ने दी प्रतिक्रिया, कहा- सरकार का ये कदम स्वागत योग्य

बीजेपी ने कही ये बात: वहीं, दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सीएए का स्वागत है. CAA विरोधी हिंसा में पूरा देश और ख़ास तौर पर दिल्ली को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी. स्वाधीनता और विभाजन के बाद जो वादा अविभाजित भारत के हिंदुओं, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी नागरिकों के साथ किया गया था उसे आखिर मोदी सरकार ने पूरा किया.

उनके अलावा बीजेपी नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि लंबे समय से सीएए लागू करने की मांग को पूरा किया गया. इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का दिल से धन्यवाद करते हैं, क्योंकि जितने भी लोग पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से यहां आए उनको धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया गया, उन्हें उन देशों को मजबूरी में छोड़ना पड़ा, क्योंकि उन्होंने देश तो छोड़ा लेकिन अपने धर्म को नहीं छोड़ा. वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व अन्य नेताओं ने भी सीएए पर प्रतिक्रिया दी है.

यह भी पढ़ें-CAA की अधिसूचना जारी होने पर सीलमपुर, शाहीनबाग सहित संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ी सुरक्षा, डीसीपी ने की ये अपील

नई दिल्ली: देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू हो गया है. इसको लेकर अधिसूचना जारी होने से अब वर्षों से भारत में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिल सकेगी. इससे वे लोग जहां खुश हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल इसके औचित्य व लागू करने के समय को लेकर सवाल उठाने लगे हैं. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि दस साल देश पर राज करने के बाद चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आई है. ऐसे वक्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोजगार युवा रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग सीएए लाये हैं. कह रहे हैं कि तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी. यानि ये पड़ोसी देशों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं. क्यों? अपना वोट बैंक बनाने के लिए. जब हमारे युवाओं के पास रोजगार नहीं है तो पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों को रोजगार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनाएगा? क्या बीजेपी उनको रोजगार देगी? क्या बीजेपी उनके लिए घर बनाएगी?

उन्होंने आगे लिखा कि पिछले दस सालों में 11 लाख से ज्यादा व्यापारी और उद्योगपति इनकी नीतियों और अत्याचारों से तंग आकर देश छोड़कर चले गये. उन्हें वापिस लाने की बजाय ये पड़ोसी देश के गरीबों को लाकर भारत में बसाना चाहते हैं. क्यों? सिर्फ अपना वोट बैंक बनाने के लिए? पूरा देश CAA का विरोध करता है. पहले हमारे बच्चों को नौकरी दो, पहले हमारे लोगों को घर दो. फिर दूसरे देशों के लोगों को हमारे देश में लाना.

पोस्ट में आगे लिखा है कि पूरी दुनिया में हर देश दूसरे देशों के गरीबों को अपने देश में आने से रोकता है, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के रोजगार कम होते हैं. बीजेपी शायद दुनिया की अकेली पार्टी है जो पड़ोसी देशों के गरीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ये गंदी राजनीति कर रही है. ये देश के खिलाफ है. खासकर असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के लोग इसका सख्त विरोध करते हैं, जो बांग्लादेश से होने वाले माइग्रेशन के शिकार रहे हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज खतरे में है. बीजेपी ने असम और पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है. लोग इसका लोक सभा चुनाव में जवाब देंगे.

यह भी पढ़ें- CAA पर दिल्ली वालों ने दी प्रतिक्रिया, कहा- सरकार का ये कदम स्वागत योग्य

बीजेपी ने कही ये बात: वहीं, दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सीएए का स्वागत है. CAA विरोधी हिंसा में पूरा देश और ख़ास तौर पर दिल्ली को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी. स्वाधीनता और विभाजन के बाद जो वादा अविभाजित भारत के हिंदुओं, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी नागरिकों के साथ किया गया था उसे आखिर मोदी सरकार ने पूरा किया.

उनके अलावा बीजेपी नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि लंबे समय से सीएए लागू करने की मांग को पूरा किया गया. इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का दिल से धन्यवाद करते हैं, क्योंकि जितने भी लोग पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से यहां आए उनको धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया गया, उन्हें उन देशों को मजबूरी में छोड़ना पड़ा, क्योंकि उन्होंने देश तो छोड़ा लेकिन अपने धर्म को नहीं छोड़ा. वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व अन्य नेताओं ने भी सीएए पर प्रतिक्रिया दी है.

यह भी पढ़ें-CAA की अधिसूचना जारी होने पर सीलमपुर, शाहीनबाग सहित संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ी सुरक्षा, डीसीपी ने की ये अपील

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