देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में बजट खर्च को लेकर धीमी गति वाले डिवीजन को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. इस दौरान तय समय पर पूरा बजट खर्च करने के लिए कहा गया है और NTPS लागू करने के लिए अधिकारियों को 15 दिनों का वक्त दिया गया. प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने अधिकारियों को निर्देशों का पालन करने और इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड वन विभाग बजट खर्च को लेकर कई बार सवालों के घेरे में रहता है. पिछले वित्तीय वर्ष में भी वन विभाग विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं में बजट खर्च नहीं कर पाया और स्थिति यह रही कि वित्तीय वर्ष गुजरने के बाद एक बड़ी रकम जस की तस बनी रही.
प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने की बैठक: प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान समय पर पैसा खर्च करने के निर्देश जारी किए हैं. इस दौरान अधिकारियों से अब तक हुए बजट खर्च की जानकारी भी ली गई. साथ ही जिन डिवीजन में बजट खर्च को लेकर सुस्त रवैया अपनाया जा रहा था, उन्हें कड़े शब्दों में पूरा बजट समय पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक के दौरान यह भी पाया गया कि कई डिवीजन बजट खर्च को लेकर अपेक्षाकृत प्रगति नहीं कर रहे हैं. ऐसे में कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट को बजट खर्च की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए.
अधिकारियों को 15 दिन का अल्टीमेटम: प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने नेशनल ट्रांजिट परमिट सिस्टम पर भी बात की और अधिकारियों को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस सिस्टम को जल्द से जल्द पूरे प्रदेश में लागू किया जाए. राज्य में अभी चार प्रभागों में ही इस व्यवस्था को शुरू किया जा सका है, जबकि बाकी प्रभाग इसे लागू करवाने में कामयाब नहीं हुए. दरअसल भारत सरकार द्वारा नेशनल ट्रांजिट परमिट सिस्टम के तहत ऑनलाइन व्यवस्था की गई है, जिससे लकड़ियों के परिवहन को लेकर काम आसान हो सके और पारदर्शी व्यवस्था बनी रहे.
परिवहन व्यवस्था को आसान करेगा नेशनल ट्रांजिट परमिट सिस्टम: प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने बताया कि यह व्यवस्था राज्य में परिवहन व्यवस्था को आसान करेगी और पारदर्शिता भी लाएगी. ऐसे में अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही 15 दिन का वक्त भी दिया गया है.
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