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मिलिए छिंदवाड़ा की पहली ड्रोन दीदी से, खेतों में फर्राटे से उड़ाती हैं ड्रोन, महिलाओं के लिए बनी मिसाल - chhindwara first drone didi

Chhindwara First Drone Pilot: मध्य प्रदेश की महिलाएं किसी भी मामले में अब पुरुषों से पीछे नहीं है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है छिंदवाड़ा कि महिला किसान विभा चंद्रहास सूर्यवंशी ने. वह जिले की पहली ड्रोन पायलट दीदी बन गई हैं, जो ड्रोन से खेतों में छिड़काव कर रही हैं.

Chhindwara First Drone Pilot
छिंदवाड़ा की पहली ड्रोन दीदी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 31, 2024, 1:12 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 1:29 PM IST

छिंदवाड़ा की पहली ड्रोन दीदी

छिंदवाड़ा। कृषि के क्षेत्र में मल्टीक्लाइमेट छिंदवाड़ा जिले की अलग पहचान है. यहां के किसान नित नए नवाचार के लिए पहचाने जाने लगे हैं. आधुनिक कृषि के क्षेत्र में अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. अमरवाड़ा ब्लॉक के ग्राम घोघरी की महिला किसान विभा चंद्रहास सूर्यवंशी जिले की पहली ड्रोन पायलट दीदी हो गई हैं. वे ड्रोन के जरिए खेती में दवाइयों और उर्वरकों का स्प्रे कर रही हैं. महिला समूहों के जरिए वे कृषि के इस अत्याधुनिक कार्य को अंजाम देने में जुटी हुई हैं.

Chhindwara First Drone Pilot
खेतों में फर्राटे से उड़ाती हैं ड्रोन

10 से 15 मिनट में एक एकड़ में छिड़काव

ड्रोन पायलट विभा सूर्यवंशी महिला किसानों को भी प्रेरणा दे रही हैं और नवीन तकनीकी अपनाकर कृषि कार्य को सरल बनाने पर जोर दे रही हैं. उनका कहना है कि ''इससे किसानों की लागत भी कम होगी. ड्रोन के माध्यम से 10 से 15 मिनट में एक एकड़ तक क्षेत्रफल में दवाओं का स्प्रे किया जा सकता है. इससे फसलों की बढ़त और पैदावार में सुधार होता है. साथ ही समय और मेहनत की बचत होती है. इसकी मदद से यूरिया की लागत कम हो जाती है. ये यूरिया के उपयोग की दक्षता को बढ़ाता है. यह पर्यावरण के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है. ड्रोन से यूरिया का छिड़काव पारंपरिक विधियों की तुलना में अधिक सुरक्षित है. क्योंकि यह हवा में यूरिया के प्रदूषण को कम करता है. ड्रोन से यूरिया का छिड़काव समान रूप से होता है, जिससे फसलों को यूरिया की समान मात्रा मिलती है.''

Chhindwara First Drone Pilot
ड्रोन से खेतों में छिड़काव

ग्वालियर से ली ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग

विभा सूर्यवंशी ने ग्वालियर में ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली है. यहां कई दिनों तक रहने के बाद ड्रोन की बारीकियां समझने के बाद ही वे छिंदवाड़ा जिले की पहली ड्रोन दीदी बनी हैं. ड्रोन पायलट दीदी अब जिले भर की महिलाओं को भी ट्रेनिंग दे रही हैं. ताकि महिलाएं भी कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तरीके से सहयोग प्रदान कर सकें. Namo Drone Didi Scheme

Also Read:

ड्रोन से क्या होगा फायदा

इफ्को के प्रतिनिधि सागर पाटीदार ने बताया कि ''ड्रोन के जरिए जो भी दवाई आप डालेंगे उसका असर ज्यादा होता है. स्पीड अधिक होने से इसकी कार्य दक्षता बढ़ती है. ड्रॉप लेट छोटे होते हैं, जिससे कम दवाई में ज्यादा फायदा ले सकते हैं. दवाओं का छिड़काव और नेनो यूरिया जिसे लिक्विड यूरिया भी कहते हैं उसका छिड़काव काफी आसानी से कर सकते हैं. नैनो यूरिया का इस्तेमाल कर खेती करना लाभकारी हो सकता है.

ड्रोन तकनीक में रूचि दिखा रही महिलाएं

कृषि के डिप्टी डायरेक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि ''ड्रोन का उपयोग किसानों के लिए लागत कम करने वाली तकनीक है. यह अच्छी बात है कि महिलाएं इसमें रूचि दिखा रही हैं. स्व सहायता समूहों के माध्यम से ड्रोन उपलब्ध कराने के प्रयास हो रहे हैं. ताकि उक्त तकनीक का किसान अधिक से अधिक प्रयोग कर उन्नत खेती कर सकें.

छिंदवाड़ा की पहली ड्रोन दीदी

छिंदवाड़ा। कृषि के क्षेत्र में मल्टीक्लाइमेट छिंदवाड़ा जिले की अलग पहचान है. यहां के किसान नित नए नवाचार के लिए पहचाने जाने लगे हैं. आधुनिक कृषि के क्षेत्र में अब महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. अमरवाड़ा ब्लॉक के ग्राम घोघरी की महिला किसान विभा चंद्रहास सूर्यवंशी जिले की पहली ड्रोन पायलट दीदी हो गई हैं. वे ड्रोन के जरिए खेती में दवाइयों और उर्वरकों का स्प्रे कर रही हैं. महिला समूहों के जरिए वे कृषि के इस अत्याधुनिक कार्य को अंजाम देने में जुटी हुई हैं.

Chhindwara First Drone Pilot
खेतों में फर्राटे से उड़ाती हैं ड्रोन

10 से 15 मिनट में एक एकड़ में छिड़काव

ड्रोन पायलट विभा सूर्यवंशी महिला किसानों को भी प्रेरणा दे रही हैं और नवीन तकनीकी अपनाकर कृषि कार्य को सरल बनाने पर जोर दे रही हैं. उनका कहना है कि ''इससे किसानों की लागत भी कम होगी. ड्रोन के माध्यम से 10 से 15 मिनट में एक एकड़ तक क्षेत्रफल में दवाओं का स्प्रे किया जा सकता है. इससे फसलों की बढ़त और पैदावार में सुधार होता है. साथ ही समय और मेहनत की बचत होती है. इसकी मदद से यूरिया की लागत कम हो जाती है. ये यूरिया के उपयोग की दक्षता को बढ़ाता है. यह पर्यावरण के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है. ड्रोन से यूरिया का छिड़काव पारंपरिक विधियों की तुलना में अधिक सुरक्षित है. क्योंकि यह हवा में यूरिया के प्रदूषण को कम करता है. ड्रोन से यूरिया का छिड़काव समान रूप से होता है, जिससे फसलों को यूरिया की समान मात्रा मिलती है.''

Chhindwara First Drone Pilot
ड्रोन से खेतों में छिड़काव

ग्वालियर से ली ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग

विभा सूर्यवंशी ने ग्वालियर में ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग ली है. यहां कई दिनों तक रहने के बाद ड्रोन की बारीकियां समझने के बाद ही वे छिंदवाड़ा जिले की पहली ड्रोन दीदी बनी हैं. ड्रोन पायलट दीदी अब जिले भर की महिलाओं को भी ट्रेनिंग दे रही हैं. ताकि महिलाएं भी कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तरीके से सहयोग प्रदान कर सकें. Namo Drone Didi Scheme

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ड्रोन से क्या होगा फायदा

इफ्को के प्रतिनिधि सागर पाटीदार ने बताया कि ''ड्रोन के जरिए जो भी दवाई आप डालेंगे उसका असर ज्यादा होता है. स्पीड अधिक होने से इसकी कार्य दक्षता बढ़ती है. ड्रॉप लेट छोटे होते हैं, जिससे कम दवाई में ज्यादा फायदा ले सकते हैं. दवाओं का छिड़काव और नेनो यूरिया जिसे लिक्विड यूरिया भी कहते हैं उसका छिड़काव काफी आसानी से कर सकते हैं. नैनो यूरिया का इस्तेमाल कर खेती करना लाभकारी हो सकता है.

ड्रोन तकनीक में रूचि दिखा रही महिलाएं

कृषि के डिप्टी डायरेक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि ''ड्रोन का उपयोग किसानों के लिए लागत कम करने वाली तकनीक है. यह अच्छी बात है कि महिलाएं इसमें रूचि दिखा रही हैं. स्व सहायता समूहों के माध्यम से ड्रोन उपलब्ध कराने के प्रयास हो रहे हैं. ताकि उक्त तकनीक का किसान अधिक से अधिक प्रयोग कर उन्नत खेती कर सकें.

Last Updated : Jan 31, 2024, 1:29 PM IST
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