छिंदवाड़ा (महेंद्र राय/पीयूष सिंह राजपूत) : मध्य प्रदेश में ऐसे कई पर्यटन स्थल हैं जहां की खूबसूरती लोगों को आश्चर्यचकित कर देती है. उन्हीं में से एक है पातालकोट, जहां प्रकृति ने मानो एक अलग ही व्यवस्था कर रखी है. जमीन से 3 हजार फीट नीचे बसे पातालकोट से सनराइज और सनसेट देखकर ऐसा लगता है, जैसे सूरज पाताल से ही निकल रहा हो. यहां की प्राकृतिक सुंदरता के बीच अब एमपी टूरिज्म विभाग होम स्टे की व्यवस्था भी शुरू कर रहा है.
पातालकोट व्यू पॉइंट में बन रहे होम स्टे
देश-विदेश के पर्यटकों के लिए पातालकोट हमेशा से आकर्षण और उत्सुकता का विषय रहा है. यहां व्यू पॉइंट से सूर्योदय व सूर्यास्त देखना अपने आप में बहुत रोमांचकारी अनुभव रहता है, लेकिन रात में रुकने की व्यवस्था न होने के कारण पर्यटक इससे वंचित रह जाते थे. अब मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की पहल पर पर्यटक प्रकृति के बीच रात भी गुजार सकेंगे. दरअसल, पातालकोट के व्यू पांइट वाले गांव बीजाढ़ाना में टूरिज्म बोर्ड ने 12 होम स्टे स्वीकृत किए हैं और परार्थ समिति के माध्यम से इनका निर्माण भी शुरू करवा दिया गया है.
जुलाई से शुरू हो जाएंगे पातालकोट में होम स्टे
जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी बलराम राजपूत ने बताया, '' मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने परार्थ समिति के माध्यम से बीजाढ़ाना को पर्यटन ग्राम के रूप में चयनित किया है और 12 हितग्राहियों का चयन होम स्टे बनाने के लिए किया गया है. बीजाढ़ाना में पांच से अधिक ले आउट करके होम स्टे निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया गया है, जिससे जुलाई तक होम स्टे बनकर पर्यटकों के लिए उपलब्ध हो जाएं.''
होम स्टे से सीधे दिखेगा सनराइज-सनसेट
सभी होम स्टे के लिए पहाड़ियों पर ऐसे स्थान चुने जा रहे हैं, जहां से सूर्योदय व सूर्यास्त का मनमोहक नजारा देखा जा सकेगा. बीजाढ़ाना में होम स्टे बन जाने से पातालकोट में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और आदिवासी अंचल में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. बीजाढ़ाना के पास ही रातेड़ बेस कैंप है, जहां पर तामिया एडवेंचर फेस्टिवल का आयोजन होता है. इस फेस्टिवल में देश भर से पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे पर्यटकों के रुकने के लिए आने वाले सालों में होम स्टे भी एक बेहतर विकल्प होगा, जो बहुत किफायती दामों पर उपलब्ध हो जाता है.
होम स्टे का कितना होगा चार्ज
आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इन होम स्टे का चार्ज कितना होगा तो हम आपको बता दें होम स्टे में एक दिन यानि 24 घंटे का चार्ज 3000 रुपए है. एक रूम में दो लोग रह सकते हैं. जिसका किराया तीन हजार रुपए होगा. सावरवानी होम स्टे के मालिक कमलेश यदुवंशी "वहीं इस पैसे में आपको नाश्ता, लंच और डिनर भी मिलेगा.
खाने में मिलेंगे ये आइटम
सबसे खास बात यह है कि यहां का खाना बाकी होटलों से अलग होगा. आपको यहां बिल्कुल आदिवासी टच का भोजन मिलेगा. जैसे नाश्ता में महुआ की पुड़ी, कोदो-कुटकी की खिचड़ी या उपमा, कोदो-कुदकी की खीर. वहीं लंच में मक्के की रोटी और टमाटर की चटनी (जिसे आदिवासी भेजरा की चटनी भी कहते हैं, यानि देसी छोटे टमाटर की चटनी) कोदो का भात और मीठे में महुए का लड्डू. ऐसा ही मिलता-जुलता डिनर आपको मिलेगा."
पातालकोट के बारे में
- पातालकोट मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से लगभग 78 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पर्वत श्रृंखला के नीचे का इलाका है.
- इसका नाम 'पाताल' शब्द यानी 'धरती के नीचे से' से लिया गया है.
- छिंदवाड़ा डॉट निक के मुताबिक पतालाकोट जिन पहाड़ियों से घिरा है वहां की चट्टानें आर्कियन ईयोन युग की हैं.
- आर्कियन ईयोन युग यानी चट्टानें 2500 मिलियन वर्ष से भी ज्यादा पुरानी हैं. इसी घाटी के बीच में दूधी नदी बहती है.
- पातालकोट में जमीन से करीब 3000 फीट नीचे जड़मादल, हर्रा कछार, सेहरा पचगोल, सुखा भंडारमऊ जैसे कुल 12 गांव हैं.
- इन गांवों में दिन के वक्त भी शाम जैसा नजारा होता है. कारण यह है कि ये गांव जमीन में काफी नीचे की ओर हैं और चारों ओर पहाड़ों से घिरे हैं.
- इनमें से कई गांवों तक धूप नहीं पहुंचती और दोपहर 3 बजे ही रात होने लगती हैं.
- पातालकोट में इस वर्ष भी एडवेंचर फेस्ट का आयोजन किया गया. यहां टूरिज्म के साथ ट्राइबल कल्चर के विकास पर भी फोकस किया गया.
क्या होता है होम स्टे?
जैसा की नाम है 'होम स्टे' होम यानी घर. होमस्टे होटल की तरह ही होते हैं, लेकिन इनमें आपको घर जैसा माहौल मिलता है. ये होटलों की तरह बहुत लग्जीरियस नहीं होते बल्कि आपको सुकून के साथ किफायती दामों में किसी लोकेशन पर रुकने का ऑपशन देते हैं. होम स्टे किसी पर्यटन क्षेत्र में वहां के कल्चर और संस्कृति से भी लोगों को रूबरू कराते हैं. इन दिनों मध्य प्रदेश सरकार होम स्टे कॉन्सेप्ट को काफी प्रमोट कर रही है. छिंदवाड़ा का पातालकोट इसका एक और उदाहरण बनने जा रहा है.
कैसे पहुंचें पातालकोट?
पातालकोट जाने के लिए आप मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले पहुंच सकते हैं. यहां आप ट्रेन या बाय रोड पहुंच सकते हैं. छिंदवाड़ा जंक्शन के अलावा यहां नजदीकी रेलवे स्टेशन जुन्नारदेव व पांढुर्णा हैं. वहीं नजदीकी एयरपोर्ट नागपुर (133 किमी) है. छिंदवाड़ा से पातालकोट की दूरी 78 किमी है, जिसके लिए लोकल बस और बाय कार पहुंचा जा सकता है. पातालकोट में हर मौसम में जाया जा सकता है, हालांकि, बारिश के वक्त यहां विशेष सावधानी बरतनी होती है. पातालकोट से 20 किमी की दूरी पर ही तामिया हिल स्टेशन भी है.
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