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पातालकोट में पाया जाता है घोस्ट-ट्री, इंसानों की तरह दिखने वाले पेड़ से चमकता है जंगल - PATALKOT FOREST GHOST TREE

पातालकोट के जंगल में मौजूद है भूतिया पेड़. आदिवासियों के लिए करता है दवाई का काम. छिंदवाड़ा से महेन्द्र राय की रिपोर्ट.

PATALKOT forest GHOST TREE
पातालकोट के जंगल में मौजूद है भूतिया पेड़ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 10:07 PM IST

छिंदवाड़ा (महेन्द्र राय): सतपुड़ा के घने जंगल में बसा पातालकोट अपने अंदर कई रहस्यों को समेटे हुए है. पातालकोट की खूबसूरती मानो एक अलग ही दुनिया का एहसास कराती है. यहां कई ऐसी रहस्यमयी पेड़-पौधे और वनस्तपतियां हैं जिसके बारे में अभी बहुत कुछ जानना बाकी है. एक ऐसा ही अजूबा सामने आया है, जिसको देखकर एक बार तो आंखें ठिठक जाती हैं. दरअसल, पातालकोट के घने जंगल में एक अनोखा पेड़ देखने को मिला है, जिसको भूतिया पेड़ कहा जाता है. आदिवासी इसकी छाल को औषधि के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

स्टकुलिया यूरेन्स मालवेसी परिवार का है पौधा

तामिया के वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी नितिन दत्ता ने बताया कि "पातालकोट स्थित चिमटीपुर जाने वाली सड़क के मोड़ पर यह पेड़ (घोस्ट ट्री) है, जो किसी कलाकृति जैसा नजर आता है. यह स्टकुलिया यूरेन्स मालवेसी परिवार के पौधे की एक प्रजाति है. यह प्रजाती मूल रूप से भारत में पाई जाती है. यह एक मध्यम आकार का पेड़ है, जिसका तना हल्के रंग का होता है. इसे आमतौर पर मराठी में भूतिया (भूत का पेड़) कहा जाता है."

CHHINDWARA PATALKOT FOREST
छिंदवाड़ा से 78 किमी दूर सतपुड़ा के जंगल में स्थित है पातालकोट (ETV Bharat)

समाजसेवी नितिन दत्ता ने बताया कि "तामिया और पातालकोट के जंगल में पहले यह पेड़ काफी मात्रा में पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे इंसानों की आबादी बढ़ती गई और जंगलों का दायरा कम हो गया. जिस वजह से यह पेड़ अब इक्का-दुक्का ही तामिया और पातालकोट के जंगलों में बचे हैं."

PATALKOT HAUNTED TREE
जमीन से लगभग 1700 फीट नीचे यह जगह बसी हुई है यह जगह (ETV Bharat)

कैसा दिखता है भूतिया पेड़

वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि "यह पेड़ स्टकुलिया यूरेन्स मालवेसी परिवार की एक प्रजाति है. माना जाता है कि इसका जन्म भारत के पर्णपाती जंगलों में ही हुआ है. रात के अंधेरे में भी यह पेड़ चांदी की तरह चमकता है और अलग-अलग तरह की कलाकृतियों में इसे प्रकृति बनाती है. जिससे यह अद्भुत और मानव संरचना जैसा दिखता है. दूर से देखने पर है पेड़ मानो कोई मनुष्य या फिर जीवंत आकृति जैसा लगता है. इसलिए इसे भूतिया पेड़ कहा जाता है."

STACULIA URENS MALVACEAE TREE
पातालकोट में कई औषधीय युक्त पेड़ मौजूद हैं (ETV Bharat)

आदिवासियों के लिए औषधि का करता है काम

पातालकोट में पाया जाना है वाला यह पेड़ आम लोगों के लिए रहस्य का विषय हो सकता है, लेकिन यहां की भारिया जनजाति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. पातालकोट की जड़ी-बूटियां बेचकर लोगों का इलाज करने वाले वैद्य अमृत लाल भारती ने बताया कि "इस पेड़ की छाल को निकालने पर इसमें से गोंद निकलता है. यह गोंद प्रसव के बाद महिलाओं को खिलाने पर उनके लिए प्रोटीन का काम करता है, जो स्तनपान करने वाले बच्चों के लिए बहुत अच्छा होता है. इसके साथ ही इस पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से हार्ट अटैक जैसी बीमारियां होने का खतरा भी नहीं रहता."

छिंदवाड़ा (महेन्द्र राय): सतपुड़ा के घने जंगल में बसा पातालकोट अपने अंदर कई रहस्यों को समेटे हुए है. पातालकोट की खूबसूरती मानो एक अलग ही दुनिया का एहसास कराती है. यहां कई ऐसी रहस्यमयी पेड़-पौधे और वनस्तपतियां हैं जिसके बारे में अभी बहुत कुछ जानना बाकी है. एक ऐसा ही अजूबा सामने आया है, जिसको देखकर एक बार तो आंखें ठिठक जाती हैं. दरअसल, पातालकोट के घने जंगल में एक अनोखा पेड़ देखने को मिला है, जिसको भूतिया पेड़ कहा जाता है. आदिवासी इसकी छाल को औषधि के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

स्टकुलिया यूरेन्स मालवेसी परिवार का है पौधा

तामिया के वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी नितिन दत्ता ने बताया कि "पातालकोट स्थित चिमटीपुर जाने वाली सड़क के मोड़ पर यह पेड़ (घोस्ट ट्री) है, जो किसी कलाकृति जैसा नजर आता है. यह स्टकुलिया यूरेन्स मालवेसी परिवार के पौधे की एक प्रजाति है. यह प्रजाती मूल रूप से भारत में पाई जाती है. यह एक मध्यम आकार का पेड़ है, जिसका तना हल्के रंग का होता है. इसे आमतौर पर मराठी में भूतिया (भूत का पेड़) कहा जाता है."

CHHINDWARA PATALKOT FOREST
छिंदवाड़ा से 78 किमी दूर सतपुड़ा के जंगल में स्थित है पातालकोट (ETV Bharat)

समाजसेवी नितिन दत्ता ने बताया कि "तामिया और पातालकोट के जंगल में पहले यह पेड़ काफी मात्रा में पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे इंसानों की आबादी बढ़ती गई और जंगलों का दायरा कम हो गया. जिस वजह से यह पेड़ अब इक्का-दुक्का ही तामिया और पातालकोट के जंगलों में बचे हैं."

PATALKOT HAUNTED TREE
जमीन से लगभग 1700 फीट नीचे यह जगह बसी हुई है यह जगह (ETV Bharat)

कैसा दिखता है भूतिया पेड़

वनस्पति शास्त्र विशेषज्ञ डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि "यह पेड़ स्टकुलिया यूरेन्स मालवेसी परिवार की एक प्रजाति है. माना जाता है कि इसका जन्म भारत के पर्णपाती जंगलों में ही हुआ है. रात के अंधेरे में भी यह पेड़ चांदी की तरह चमकता है और अलग-अलग तरह की कलाकृतियों में इसे प्रकृति बनाती है. जिससे यह अद्भुत और मानव संरचना जैसा दिखता है. दूर से देखने पर है पेड़ मानो कोई मनुष्य या फिर जीवंत आकृति जैसा लगता है. इसलिए इसे भूतिया पेड़ कहा जाता है."

STACULIA URENS MALVACEAE TREE
पातालकोट में कई औषधीय युक्त पेड़ मौजूद हैं (ETV Bharat)

आदिवासियों के लिए औषधि का करता है काम

पातालकोट में पाया जाना है वाला यह पेड़ आम लोगों के लिए रहस्य का विषय हो सकता है, लेकिन यहां की भारिया जनजाति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. पातालकोट की जड़ी-बूटियां बेचकर लोगों का इलाज करने वाले वैद्य अमृत लाल भारती ने बताया कि "इस पेड़ की छाल को निकालने पर इसमें से गोंद निकलता है. यह गोंद प्रसव के बाद महिलाओं को खिलाने पर उनके लिए प्रोटीन का काम करता है, जो स्तनपान करने वाले बच्चों के लिए बहुत अच्छा होता है. इसके साथ ही इस पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से हार्ट अटैक जैसी बीमारियां होने का खतरा भी नहीं रहता."

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