छिन्दवाड़ा: बड़ी दिवाली और देव दिवाली के बाद अब छिंदवाड़ा में शुक्रवार को नाग दीपावली मनाई गई. मध्य प्रदेश के एकमात्र जिले छिंदवाड़ा में नाग दीपावली मनाई जाती है. इसमें नाग देवता की पूजा की जाती है और दीपक जलाए जाते है. इसके अलावा नाग दीपावली में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. छिंदवाड़ा में 30 सालों से नाग दीपावली मनाई जा रही हैं. यह हर साल देव दिवाली के बाद शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन ये मनाई जाती है. मान्यता है कि नाग दीपावली मनाने से वंश वृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है.
सुबह से होती है नाग देवता की पूजा
संत गजानन समिति के अध्यक्ष आनंद बक्शी ने बताया, " शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग दीपावली मनाई जाती है. मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां नाग दीपावली का आयोजन किया जाता है. इसमें महिलाएं मुख्य रूप से वंश वृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना करती है. सुबह से ही नाग देवता की पूजा अर्चना का कार्यक्रम शुरू हो जाता है."
नाग देवता की बनाई जाती है रंगोली
नाग दीपावली के दिन महिलाएं सुबह से व्रत रखती है और मंदिर में पूजा करती हैं. इसके बाद शाम को नाग देवता की गजानन मंदिर के बाहर रंगोली बनाई जाती है. साथ ही रंगोली के ऊपर हजारों दीपक जलाए जाते हैं, जिससे नाग देवता जीवंत लगते हैं. संत गजानन समिति के आनंद बक्शी ने बताया, "मंदिर में स्वयंभू नाग देवता विराजमान है, इसलिए गजानन मंदिर में नाग दीपावली का आयोजन किया जाता है."
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छिंदवाड़ा में मनाई जाती है नाग दीपावली
आनंद बक्शी ने बताया, " पिछले 30 सालों से संत गजानन मंदिर में नाग दीपावली मनाई जाती है. पहले छोटे रूप में इसका आयोजन होता था, अब दिव्य और भव्य रूप में नाग दीपावली का आयोजन किया जाने लगा है. मध्य प्रदेश का एकमात्र छिंदवाड़ा जिला है, जहां पर नाग दीपावली मनाई जाती है. बता दें कि नाग दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के 20 दिन बाद मनाई जाती है. हालांकि, नाग दीपावली महाराष्ट्र में ज्यादा प्रचलित है."