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कमलनाथ के लिए संजीवनी बन सकता है ये चुनाव, बीजेपी ने शुरू की तैयारी - Last Chance for Kamalnath - LAST CHANCE FOR KAMALNATH

कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ के लिए अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव राजनीतिक संजीवनी साबित हो सकते हैं छिंदवाड़ा में एक बार फिर कमलनाथ बीजेपी के बीच मुकाबला देखने को मिले सकता है क्योंकि अमरवाड़ा विधानसभा में 10 जुलाई को उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. बीजेपी ने इसे लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है.

LAST CHANCE FOR KAMALNATH
कमलनाथ के लिए संजीवनी बन सकता है ये उपचुनाव (Etv Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 10:51 AM IST

Updated : Jun 13, 2024, 11:29 AM IST

छिंदवाड़ा. 1980 से छिंदवाड़ा में राजनीति कर रहे कमलनाथ को लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हार का मुंह दिखा दिया था. उनके बेटे नकुलनाथ को भाजपा के विवेक बंटी साहू ने एक लाख से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी लेकिन 44 साल बाद हार का मुंह देखने वाले कमलनाथ के लिए ये राजनीति का अंत नहीं है. यहां अमरवाड़ा विधानसभा चुनाव उनके लिए वापसी का एक आखिरी मौका साबित हो सकता है.

अमरवाड़ा में क्यों हो रहे उपचुनाव?

दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले अमरवाड़ा कांग्रेस के विधायक कमलेश प्रताप शाह ने विधायकी और कांग्रेस दोनों से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद खाली हुई सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है. इसके लिए बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू और कांग्रेस से बीजेपी में आए अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश प्रताप शाह सीएम डॉ. मोहन यादव से भोपाल में मिले. यहां उप चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई. वहीं अमरवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव की तैयारी के लिए बीजेपी ने काम करना भी शुरू कर दिया है.

bjp ready for amarwada by election
सीएम मोहन यादव के साथ नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू व अन्य (etv bharat)

कमलनाथ के पास एक आखिरी मौका

विधानसभा चुनाव के पहले तक मध्य प्रदेश की राजनीति के मुखिया रहे कमलनाथ चुनाव के बाद से पार्टी में हाशिये पर चल रहे थे. हालांकि, उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान छिन्दवाड़ा में ही अपने बेटे नकुलनाथ को चुनाव जिताने के लिए फोकस किया था. लोकसभा में मिली हार के बाद कमलनाथ और अलग थलग पड़ गए हैं और अपना गढ़ न बचा पाने पर उन्हें पार्टी के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में कमलनाथ के सामने खुद को साबित करने के लिए एक और मौका है. अगर अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस चुनाव जीतती है तो एक कमलनाथ के लिए राजनीतिक संजीवनी साबित होगी.

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कमलनाथ की एक और 'अग्निपरीक्षा', छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव कार्यक्रम घोषित

बीजेपी ने शुरू किया काम, कांग्रेस प्रत्याशी की तलाश में

अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी तय है और सिर्फ औपचारिक एलान बाकि है. यहां कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक कमलेश प्रताप बीजेपी से मैदान में होंगे. लेकिन कांग्रेस अभी भी प्रत्याशी की तलाश में जुटी हुई है. कांग्रेस के पास जिला पंचायत सदस्य चंपालाल कुरचे, युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एकलव्य अहिके जैसे नेता भी रेस में हैं.

छिंदवाड़ा. 1980 से छिंदवाड़ा में राजनीति कर रहे कमलनाथ को लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हार का मुंह दिखा दिया था. उनके बेटे नकुलनाथ को भाजपा के विवेक बंटी साहू ने एक लाख से ज्यादा वोटों से करारी शिकस्त दी लेकिन 44 साल बाद हार का मुंह देखने वाले कमलनाथ के लिए ये राजनीति का अंत नहीं है. यहां अमरवाड़ा विधानसभा चुनाव उनके लिए वापसी का एक आखिरी मौका साबित हो सकता है.

अमरवाड़ा में क्यों हो रहे उपचुनाव?

दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले अमरवाड़ा कांग्रेस के विधायक कमलेश प्रताप शाह ने विधायकी और कांग्रेस दोनों से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद खाली हुई सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होना है. इसके लिए बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू और कांग्रेस से बीजेपी में आए अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश प्रताप शाह सीएम डॉ. मोहन यादव से भोपाल में मिले. यहां उप चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई. वहीं अमरवाड़ा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव की तैयारी के लिए बीजेपी ने काम करना भी शुरू कर दिया है.

bjp ready for amarwada by election
सीएम मोहन यादव के साथ नवनिर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू व अन्य (etv bharat)

कमलनाथ के पास एक आखिरी मौका

विधानसभा चुनाव के पहले तक मध्य प्रदेश की राजनीति के मुखिया रहे कमलनाथ चुनाव के बाद से पार्टी में हाशिये पर चल रहे थे. हालांकि, उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान छिन्दवाड़ा में ही अपने बेटे नकुलनाथ को चुनाव जिताने के लिए फोकस किया था. लोकसभा में मिली हार के बाद कमलनाथ और अलग थलग पड़ गए हैं और अपना गढ़ न बचा पाने पर उन्हें पार्टी के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में कमलनाथ के सामने खुद को साबित करने के लिए एक और मौका है. अगर अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस चुनाव जीतती है तो एक कमलनाथ के लिए राजनीतिक संजीवनी साबित होगी.

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अमरवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी तय है और सिर्फ औपचारिक एलान बाकि है. यहां कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक कमलेश प्रताप बीजेपी से मैदान में होंगे. लेकिन कांग्रेस अभी भी प्रत्याशी की तलाश में जुटी हुई है. कांग्रेस के पास जिला पंचायत सदस्य चंपालाल कुरचे, युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एकलव्य अहिके जैसे नेता भी रेस में हैं.

Last Updated : Jun 13, 2024, 11:29 AM IST
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