बस्तर: शिक्षकों की कमी से जूझते छत्तीसगढ़ में पिछले साल शिक्षक भर्ती निकाली गई थी. इस भर्ती प्रक्रिया में हजारों छत्तीसगढ़ के युवक-युवतियों ने परीक्षा दिया था, ताकि वे छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में शिक्षक बने और शिक्षा की व्यवस्था को सुधारने का मौका उन्हें मिले. शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट निकली गई.
मेरिट लिस्ट में नहीं आया नाम: इस मेरिट लिस्ट में बस्तर के हजारों युवाओं का नाम आया, लेकिन उन्हें आज तक नौकरी नहीं मिल पाई है. ना ही अंतिम सूची भर्ती की निकाली गई, जिसके कारण बस्तर के युवा बेहद ही परेशान और चिंतित हैं. ये युवा इन दिनों दर-दर भटक रहे हैं. साथ ही अपनी मांगों को उच्च अधिकारियों, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तक रख रहे हैं. हालांकि उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है.
कई बार मंत्रालय के लगा चुके हैं चक्कर: पीड़ित परीक्षार्थी लखमू राम मरकाम ने बताया, " मैं शिक्षक भर्ती 2023 का छात्र हूं. इस भर्ती में वर्ग 2 के छात्रों का लिस्ट निकल गया, लेकिन आचार संहिता के कारण आगे का लिस्ट नहीं निकल रहा है. आगे की प्रकिया को कराने के लिए छात्र कई दफा मंत्रालय का चक्कर काटे हैं. विभागीय अधिकारियों से भी मिले हैं. साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिले, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहा है, जिसके कारण वे परेशान हैं.
फिलहाल छत्तीसगढ़ में 300 से अधिक स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है. वहीं, 6 हजार से अधिक स्कूल एकल शिक्षक के जरिए चल रहा है. यदि शिक्षकों की भर्ती जल्दी होती है तो स्कूलों में शिक्षकों को कमी दूर होगी.साथ ही नए शिक्षकों को सेवा का मौका मिलेगा."
यह शासन स्तर की समस्या है, जिसका समाधान शासन स्तर से ही होगा. -संजीव श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग
सूची नहीं निकलने से परीक्षार्थी परेशान: वहीं, एक अन्य पीड़ित परीक्षार्थी संध्या मंडावी ने कहा, " सूची नहीं निकलने के कारण हमें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दर-दर भटक रहे हैं. घरों में भी काफी सुनने को मिल रहा है. इसके साथ ही आने वाली अन्य भर्तियों के लिए तैयारी भी नहीं कर रहे हैं. अधिकरियों से मदद की गुहार लगाकर थक चुके हैं, लेकिन शिक्षक भर्ती वर्ग 2 का 6-7 लिस्ट नहीं निकल रहा है. इसके साथ ही पात्र-अपात्र का लिस्ट भी नहीं निकाला गया है. ना ही कितनी संख्या भर्ती की बची हुई है. यह भी नहीं बताया जा रहा है. कुल मिलाकर बस्तर संभाग सहित पूरे छत्तीसगढ़ के परीक्षार्थी लिस्ट नहीं निकलने से काफी परेशान हैं."
छत्तीसगढ़ में पिछले साल शिक्षक भर्ती को लेक परीक्षा आयोजित की गई था. इसमें मेरिट लिस्ट में नाम आने के बावजूद परीक्षार्थियों को नौकरी नहीं मिला है. मामले में शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तर ने शासन स्तर की समस्या होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. ऐसे में परीक्षा पास होने के बाद भी नौकरी न मिलने से परीक्षार्थी खासे परेशान हैं.