बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद राज्य शासन की ओर से सुकमा में कवासी लखमा को आवंटित बंगला खाली करने का आदेश दिया गया था. जिसके खिलाफ पूर्व मंत्री लखमा ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए आज बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन के आदेश पर स्टे लगा दिया है.
बिलासपुर हाईकोर्ट में आदेश को दी चुनौती : पूर्व मंत्री कवासी लखमा को सुकमा एसपी बंगला के पास आवास आवंटित किया गया था, जिसे खाली करने का आदेश जारी किया गया है. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद उन्हें दूसरी जगह आवास आवंटित करने का आदेश जारी किया गया है. कोंटा विधायक कवासी लखमा ने एडवोकेट अविनाश के मिश्रा के माध्यम से बिलासपुर हाईकोर्ट में आदेश को चुनौती दी.
बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदेश पर लगाया स्टे: कोंटा विधायक कवासी लखमा ने बिलासपुर हाईकोर्ट को बताया कि नक्सलियों के हिट लिस्ट में होने की वजह से उन्हें सुकमा एसपी बंगला के पास आवास आवंटित किया गया था. ताकि सुकमा एसपी बंगले के साथ साथ उनके बंगले की सुरक्षा भी कड़ी रहेगी. बिलासपुर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को आवास आवंटन नियम प्रस्तुत करने को कहा था. जिसके बाद आज मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने बंगला खाली करने के आदेश पर स्टे दिया है.
नक्सलियों के हिट लिस्ट में हैं लखमा : बस्तर के कोंटा विधानसभा से पूर्व मंत्री कवासी लखमा छह बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. इसी वजह से नक्सली उन्हें अपनी हिट लिस्ट में रखे हैं. कवासी लखमा पर नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए राज्य शासन ने जेट प्लस सुरक्षा दी है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुकमा एसपी बंगला से लगा हुआ आवास आवंटित किया गया. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद उन्हें दूसरी जगह आवास आवंटित करने का आदेश जारी किया गया. इस मकान को मंत्री केदार कश्यप भी आवंटित कराना चाह रहे हैं. प्रशासन की ओर से मंत्री केदार कश्यप के नाम पर उस आवास का आवंटन भी कर दिया गया है. इसी आदेश पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगाई है.