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छत्तीसगढ़ का पहला गोबर गैस प्लांट बंद होने की कगार पर, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप - छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण

Chhattisgarh First Cow Dung Gas Plant: बस्तर में बना छत्तीसगढ़ का पहला गोबर गैस प्लांट बंद होने की कगार पर है. इस प्लांट की बदहाली की वजह भी चौंकाने वाली है. यहां पर्याप्त मात्रा में गोबर ही नहीं है.

Bastar Gobar gas plant
बस्तर का गोबर गैस प्लांट बंद
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 12, 2024, 4:22 PM IST

Updated : Feb 12, 2024, 7:06 PM IST

बस्तर का गोबर गैस प्लांट बंद

जगदलपुर: बस्तर के एकमात्र नगर निगम जगदलपुर के डोंगाघाट में गोबर गैस प्लांट लगाया गया है. इस प्लांट पर तकरीबन 35 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. अब आलम यह है कि गोबर गैस प्लांट बंद होने की कगार पर है. एक साल पहले नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने मिलकर इस प्लांट की शुरुआत की थी. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था.

शुरुआत में बिजली का उत्पादन भी किया गया: इस प्लांट के उदघाटन के बाद बस्तवासियों को उम्मीद थी कि छत्तीसगढ़ के पहले बायोगैस प्लांट से बिजली उत्पन्न किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी बायोगैस प्लांट स्थापित किए करने की योजना बनाई गई थी. हालांकि नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण की इस योजना पर ताला लगता हुआ नजर आ रहा है. प्लांट उद्घाटन के शुरुआती दौर में 590 यूनिट बिजली का उत्पादन भी किया गया.

प्लांट संचालन के लिए हर दिन 500 किलोग्राम गोबर की आवश्यकता होती है, लेकिन इतनी मात्रा में गोबर निगम को नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि प्लांट को कुछ दिनों के लिए बंद किया गया है. साथ ही गोबर के विकल्प के तौर पर अन्य वेस्ट का उपयोग करने पर भी निगम विचार कर रहा है. -हरीश मंडावी, आयुक्त, नगर निगम जगदलपुर

गोबर की हो रही कमी: योजना के अनुसार प्लांट में उत्पादित बिजली को विद्युत वितरण कंपनी को बेचा जाना था हालांकि यह काम भी नहीं हो पाया. प्लांट संचालित करने के लिए मवेशी पालकों से 2 रूपए किलो की दर से गोबर की भी खरीदी की जानी थी, लेकिन गोबर इतनी अधिक मात्रा में न मिलने के कारण प्लांट को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

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जगदलपुर: बस्तर के एकमात्र नगर निगम जगदलपुर के डोंगाघाट में गोबर गैस प्लांट लगाया गया है. इस प्लांट पर तकरीबन 35 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. अब आलम यह है कि गोबर गैस प्लांट बंद होने की कगार पर है. एक साल पहले नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने मिलकर इस प्लांट की शुरुआत की थी. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट का उद्घाटन किया था.

शुरुआत में बिजली का उत्पादन भी किया गया: इस प्लांट के उदघाटन के बाद बस्तवासियों को उम्मीद थी कि छत्तीसगढ़ के पहले बायोगैस प्लांट से बिजली उत्पन्न किया जाएगा. इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भी बायोगैस प्लांट स्थापित किए करने की योजना बनाई गई थी. हालांकि नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण की इस योजना पर ताला लगता हुआ नजर आ रहा है. प्लांट उद्घाटन के शुरुआती दौर में 590 यूनिट बिजली का उत्पादन भी किया गया.

प्लांट संचालन के लिए हर दिन 500 किलोग्राम गोबर की आवश्यकता होती है, लेकिन इतनी मात्रा में गोबर निगम को नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि प्लांट को कुछ दिनों के लिए बंद किया गया है. साथ ही गोबर के विकल्प के तौर पर अन्य वेस्ट का उपयोग करने पर भी निगम विचार कर रहा है. -हरीश मंडावी, आयुक्त, नगर निगम जगदलपुर

गोबर की हो रही कमी: योजना के अनुसार प्लांट में उत्पादित बिजली को विद्युत वितरण कंपनी को बेचा जाना था हालांकि यह काम भी नहीं हो पाया. प्लांट संचालित करने के लिए मवेशी पालकों से 2 रूपए किलो की दर से गोबर की भी खरीदी की जानी थी, लेकिन गोबर इतनी अधिक मात्रा में न मिलने के कारण प्लांट को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.

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Last Updated : Feb 12, 2024, 7:06 PM IST
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