रायपुर : कोयला घोटाला केस में निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू और सौम्या चौरसिया की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. तीनों अधिकारियों के खिलाफ फिर एक बार ईओडब्ल्यू और एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. तीनों अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर यह एफआईआर दर्ज की गई है. तीनों अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज हुआ है, जिसमें धारा 22, 23 और 24 है.
आय से अधिक संपत्ति मिलने पर केस दर्ज : ईओडब्ल्यू और एसीबी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया, "सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपए की 29 अचल संपत्ति है. वहीं रानू साहू पर साल 2015 से लेकर 2022 तक करीब 4 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति खुद के नाम से है. इसके साथ ही पारिवारिक सदस्यों के नाम से संपत्ति खरीदने का आरोप है. जबकि उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक कुल वेतन 92 लाख रुपए बताई जा रही है. वहीं निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई के पास साल 2010 से लेकर 2022 तक कुल वेतन 93 लाख रुपए है. इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति गोधरा के नाम से 5 करोड़ रुपए की कई अचल संपत्ति खरीदी है, जो कि उनके वेतन से लगभग 5 गुना अधिक है."
क्या है कोयला घोटाला केस ? : छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला, लेवी वसूली का केस प्रवर्तन निदेशालय की रेड में सामने आया था. कोयला परिवहन में कोल व्यापारियों से कोल वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. इस पूरे केस का मास्टरमाइंड और किंगपिन कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है, जो 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम जमा कराता था. इस तरह से कोयला घोटाला मामले में लगभग 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी. कोयला घोटाला केस में निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया जेल में बंद है.