रायपुर: हरियाणा में तीसरी बार कमल खिलाने के बाद बीजेपी की टीम का जोश हाई है. अब रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों के लोग तैयारियों में जुट गए हैं. दोनों दलों में बैठकों का दौर शुरु हो चुका है. पार्टी के बड़े नेता जमीनी हालात को टटोलने के लिए विधानसभा सीट का दौरा करने लगे हैं. सदस्यता अभियान को लेकर भी बीजेपी की टीम रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर ज्यादा सक्रिय फिलहाल नजर आ रही है. कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. टिकट देने से पहले सर्वे का भी काम शुरु हो चुका है.
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर जीत की तैयारी: दोनों ही दल अपनी अपनी जीत पक्की करने के लिए बैठकों में जुट गए हैं. टिकट के दावेदार रायपुर से लेकर दिल्ली तक की जमीन नापने लगे हैं. राजनीति की जानकारों का भी मानना है कि इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव काफी रोचक होगा. इस बार यहां से बृजमोहन अग्रवाल की जगह कोई दूसरा उम्मीदवार बीजेपी से होगा और यही कारण है कि कांग्रेस इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएगी. बृजमोहन बीजेपी के कद्दावर और जमीनी नेता रहे इसकी वजह से वो अपराजेय रहे. पर अब उस सीट से कोई और लड़ेगा लिहाजा कांग्रेस इस सीट से जीत का स्वाद चखना चाहती है.
''मिठाई का आर्डर कांग्रेस देगी डिलीवरी हम लेंगे'': विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा मीडिया विभाग के प्रदेश प्रमुख अमित चिमनानी ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर दक्षिण विधानसभा के लोगों की सेवा परिवार के सदस्यों की तरह की है. जनता और भाजपा का एक ऐसा नाता बना हुआ है जो कभी टूट नहीं सकता है. जब भी उपचुनाव होंगे हम और बेहतर वोटों से जीत दर्ज करेंगे. कांग्रेस से जितने सर्वे करा ले, प्रत्याशी का ऐलान कर दे, मिठाई का भी आर्डर कर दे डिलीवरी तो हम ही लेंगे.
''इस सरकार से जनता त्रस्त हो चुकी है'': कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए बूथ, ब्लॉक और विधानसभा स्तर पर कांग्रेस तैयारी कर रही है. वरिष्ठ नेताओं को वहां की जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज इस चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक और समीक्षा के निर्देश जारी कर चुके हैं. भाजपा सरकार 9 महीने में ही अलोकप्रिय हो चुकी है. प्रदेश में अपराधी घटनाएं बढ़ी है. किसान परेशान हैं ,महिलाओं को धोखा दिया जा रहा है. जिस प्रकार की स्थिति है उसमें हमारी जीत जरुर होगी.
''राजनीतिक सर्वे महज औपचारिकता'': वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति के जानकार उचित शर्मा का कहना है कि राजनीतिक सर्वे महज औपचारिकत भर हैं. सरकार में बीजेपी है लिहाजा वो हर हाल में जीत चाहेगी. पर बृजमोहन अग्रवाल अब सीट से नहीं लड़ेंगे तो कांग्रेस के पास एक मौका होगा जीत हासिल करने का. कांग्रेस ने अबतक इस सीट से ब्राह्मण और ओबीसी दोनों को टिकट दिया लेकिन उसके सारे प्रयोग फेल रहे. बृजमोहन जी के नहीं होने से इस बार इस सीट पर फाइट तगड़ी होगी. बीजेपी की स्थिति भी मजबूत है. सदस्यता अभियान में उनका प्रदर्शन इस सीट से बहुत बढ़िया रहा है.
बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने पर सीट हुई है खाली: विधानसभा चुनाव में इस सीट से जीतकर बृजमोहन अग्रवाल विधायक बने. पार्टी ने अपने सबसे वरिष्ठ नेता को मंत्री पद की भी जिम्मेदारी सौंपी. लोकसभा चुनाव में पार्टी ने रायपुर सीट से बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा. सीटिंग विधायक बृजमोहन अग्रवाल यहां से जीत गए. जीतने के बाद उनको विधायिकी और मंत्री पद छोड़नी पड़ी.