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तस्वीरों के जरिए समझिए किस तरह तालाबों से लेकर घर की छतों पर दिखी छठ की छटा, पूरा बिहार भक्तिमय हो गया - CHHATH PUJA 2024

छठ मतलब बिहार, बिहार मतलब प्रदेश का कोना-कोना जहां छठ की धूम रहती है. आइये आपको तस्वीरों के जरिए इसे बताते हैं. पढ़ें पूरी खबर

छठ की छटा
छठ की छटा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 7, 2024, 7:03 PM IST

पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा, सूर्य उपासना का महापर्व है, जिसमें छठी मईया की आराधना की जाती है. इसे "छठी मईया" नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. "षष्ठी" का अर्थ होता है छठी और इस दिन देवियों में से षष्ठी देवी की पूजा की जाती है, जो संतान की रक्षा और आरोग्य की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं.

अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य : छठी मईया की पूजा विशेष रूप से बिहार पूर्वांचल सहित उत्तर भारत में बड़े ही श्रद्धा भाव से की जाती है. चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के अनुष्ठान में पहले दिन नहाए-खाए से शुरू यह अनुष्ठान तीसरे दिन संध्या का अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ. महापर्व के चौथे दिन कल सुबह के अर्घ्य के साथ चार दिनों के छठ पर्व का अनुष्ठान संपन्न होता है.

गांव में छठ का नजारा.
गांव में छठ का नजारा. (ETV Bharat)

विविध रूप में दिखा छठ का नजारा : पूरे बिहार में विविध रूपों में छठ पूजा का नजारा देखने को मिलता है. बिहार की सभी प्रमुख नदियों के अलावा गांव के छोटे-छोटे तालाब शहर के पार्कों में भी छठ पर्व पूरे आस्था के साथ मनाया जाता है. बिहार में छठ का सही महत्व है कि गांव के तालाबों की सफाई में 15 दिन पहले से लग जाते हैं. गांव के तालाबों में हर जिले की प्रमुख नदियों के किनारे और तालाबों में छठ पर्व पूरे हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया.

मधुबनी में तालाब में अर्घ्य देतीं व्रती.
मधुबनी में तालाब में अर्घ्य देतीं व्रती. (Etv Bharat)

घरों की छतों पर भी छठ का नजारा : छठ पर्व को लेकर अब एक नया रूप भी सामने आने लगा है. शहरों में अब लोग अपने छतों पर भी छठ पर्व मानने लगे हैं. आज छठ महापर्व के तीसरे दिन राजधानी पटना के अलावा बिहार के सभी जिलों में लोगों ने अपने-अपने घरों के छत पर भी छठ पर्व मनाया.

पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती.
पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती. (Etv Bharat)

राजधानी पटना में छठ की छटा : राजधानी पटना में छठ का नजारा एक अलग रूप में ही देखने को मिलता है. पटना में छठ को देखने के लिए बाहर से भी लोग पटना पहुंचते हैं. दानापुर से लेकर दीदारगंज तक 109 छठ घाटों पर लाखों की संख्या में लोग शाम का अर्घ्य देने और सूर्य की आराधना करने के लिए पहुंचे.

पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती.
पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती. (Etv Bharat)

पार्कों में भी छठ की छठा : पटना वन प्रमंडल के द्वारा राजधानी के 28 पार्कों में छठ पूजा की व्यवस्था की तैयारी की गई है. पटना के पुनाईचाक पार्क, शिवाजी पार्क, रेंटल फ्लैट पार्क 34, राम सुंदर दास पार्क, किशोर कुणाल पार्क, के सेक्टर पार्क, जनता फ्लैट पार्क, जी 22 पार्क, डॉक्टर कॉलोनी जी 9 पार्क, डिफेंस कॉलोनी पार्क, बी हाउस पार्क, एमआइजी पार्क, बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी पार्क, वीकर सेक्शन पार्क, मुन्ना पाठक जे सेक्टर पार्क, ग्रीन पार्क, भवर पोखर पार्क, राजेंद्र नगर पार्क, श्री कृष्णा नगर पार्क, सीआईडी कॉलोनी पार्क, बैंक ऑफ इंडिया पार्क, पुलिस कॉलोनी पार्क, पुलिस कॉलोनी सेक्टर डी पार्क, शिवपुरी पार्क, मैकडॉवेल गोलंबर पार्क, एजी कॉलोनी पार्क और पेंशनर भवन पार्क में छठ मनाया गया. संजय गांधी जैविक उद्यान के झील में छठ पूजा का आयोजन किया गया है.

घर की छत पर छठ.
घर की छत पर छठ. (ETV Bharat)

उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होगा छठ महापर्व : चार दिवसीय छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. शाम के अर्घ्य में षष्टि देवी को छठ करने वाली व्रती अपना अर्घ्य समर्पित करती हैं. कल सुबह में उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटा का निर्जला व्रत संपन्न होगा.

भोजपुर में छठ घाट पहुंची महिलाएं.
भोजपुर में छठ घाट पहुंची महिलाएं. (Etv Bharat)

संतान की रक्षा, परिवार कल्याण की आराधना : छठी मईया का नाम हमें उनकी विशेषताओं, उनके आशीर्वाद और उनकी कृपा की याद दिलाता है. संतान की रक्षा, परिवार का कल्याण और प्रकृति के प्रति प्रेम, यही छठ पूजा का संदेश है. इस पर्व के माध्यम से समाज में अनुशासन, श्रद्धा और संयम का संचार होता है.

छठी मईया की उपासना हर उस श्रद्धालु के लिए एक आशीर्वाद की तरह है, जो संतान सुख, आरोग्य और परिवार की समृद्धि के लिए उनकी कृपा की कामना करता है. "ॐ जय षष्ठी माई, आशीषों की सदा बरसात हो. छठी मईया के चरणों में सबका मंगल हो॥" इस प्रकार, छठी मईया का नाम और उनकी महिमा हमारी संस्कृति में सदियों से पूजित और प्रतिष्ठित रही है.

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पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा, सूर्य उपासना का महापर्व है, जिसमें छठी मईया की आराधना की जाती है. इसे "छठी मईया" नाम से पुकारा जाता है, क्योंकि यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. "षष्ठी" का अर्थ होता है छठी और इस दिन देवियों में से षष्ठी देवी की पूजा की जाती है, जो संतान की रक्षा और आरोग्य की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं.

अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य : छठी मईया की पूजा विशेष रूप से बिहार पूर्वांचल सहित उत्तर भारत में बड़े ही श्रद्धा भाव से की जाती है. चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के अनुष्ठान में पहले दिन नहाए-खाए से शुरू यह अनुष्ठान तीसरे दिन संध्या का अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ. महापर्व के चौथे दिन कल सुबह के अर्घ्य के साथ चार दिनों के छठ पर्व का अनुष्ठान संपन्न होता है.

गांव में छठ का नजारा.
गांव में छठ का नजारा. (ETV Bharat)

विविध रूप में दिखा छठ का नजारा : पूरे बिहार में विविध रूपों में छठ पूजा का नजारा देखने को मिलता है. बिहार की सभी प्रमुख नदियों के अलावा गांव के छोटे-छोटे तालाब शहर के पार्कों में भी छठ पर्व पूरे आस्था के साथ मनाया जाता है. बिहार में छठ का सही महत्व है कि गांव के तालाबों की सफाई में 15 दिन पहले से लग जाते हैं. गांव के तालाबों में हर जिले की प्रमुख नदियों के किनारे और तालाबों में छठ पर्व पूरे हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया.

मधुबनी में तालाब में अर्घ्य देतीं व्रती.
मधुबनी में तालाब में अर्घ्य देतीं व्रती. (Etv Bharat)

घरों की छतों पर भी छठ का नजारा : छठ पर्व को लेकर अब एक नया रूप भी सामने आने लगा है. शहरों में अब लोग अपने छतों पर भी छठ पर्व मानने लगे हैं. आज छठ महापर्व के तीसरे दिन राजधानी पटना के अलावा बिहार के सभी जिलों में लोगों ने अपने-अपने घरों के छत पर भी छठ पर्व मनाया.

पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती.
पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती. (Etv Bharat)

राजधानी पटना में छठ की छटा : राजधानी पटना में छठ का नजारा एक अलग रूप में ही देखने को मिलता है. पटना में छठ को देखने के लिए बाहर से भी लोग पटना पहुंचते हैं. दानापुर से लेकर दीदारगंज तक 109 छठ घाटों पर लाखों की संख्या में लोग शाम का अर्घ्य देने और सूर्य की आराधना करने के लिए पहुंचे.

पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती.
पटना में घर की छत पर अर्घ्य देतीं व्रती. (Etv Bharat)

पार्कों में भी छठ की छठा : पटना वन प्रमंडल के द्वारा राजधानी के 28 पार्कों में छठ पूजा की व्यवस्था की तैयारी की गई है. पटना के पुनाईचाक पार्क, शिवाजी पार्क, रेंटल फ्लैट पार्क 34, राम सुंदर दास पार्क, किशोर कुणाल पार्क, के सेक्टर पार्क, जनता फ्लैट पार्क, जी 22 पार्क, डॉक्टर कॉलोनी जी 9 पार्क, डिफेंस कॉलोनी पार्क, बी हाउस पार्क, एमआइजी पार्क, बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी पार्क, वीकर सेक्शन पार्क, मुन्ना पाठक जे सेक्टर पार्क, ग्रीन पार्क, भवर पोखर पार्क, राजेंद्र नगर पार्क, श्री कृष्णा नगर पार्क, सीआईडी कॉलोनी पार्क, बैंक ऑफ इंडिया पार्क, पुलिस कॉलोनी पार्क, पुलिस कॉलोनी सेक्टर डी पार्क, शिवपुरी पार्क, मैकडॉवेल गोलंबर पार्क, एजी कॉलोनी पार्क और पेंशनर भवन पार्क में छठ मनाया गया. संजय गांधी जैविक उद्यान के झील में छठ पूजा का आयोजन किया गया है.

घर की छत पर छठ.
घर की छत पर छठ. (ETV Bharat)

उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होगा छठ महापर्व : चार दिवसीय छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. शाम के अर्घ्य में षष्टि देवी को छठ करने वाली व्रती अपना अर्घ्य समर्पित करती हैं. कल सुबह में उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 36 घंटा का निर्जला व्रत संपन्न होगा.

भोजपुर में छठ घाट पहुंची महिलाएं.
भोजपुर में छठ घाट पहुंची महिलाएं. (Etv Bharat)

संतान की रक्षा, परिवार कल्याण की आराधना : छठी मईया का नाम हमें उनकी विशेषताओं, उनके आशीर्वाद और उनकी कृपा की याद दिलाता है. संतान की रक्षा, परिवार का कल्याण और प्रकृति के प्रति प्रेम, यही छठ पूजा का संदेश है. इस पर्व के माध्यम से समाज में अनुशासन, श्रद्धा और संयम का संचार होता है.

छठी मईया की उपासना हर उस श्रद्धालु के लिए एक आशीर्वाद की तरह है, जो संतान सुख, आरोग्य और परिवार की समृद्धि के लिए उनकी कृपा की कामना करता है. "ॐ जय षष्ठी माई, आशीषों की सदा बरसात हो. छठी मईया के चरणों में सबका मंगल हो॥" इस प्रकार, छठी मईया का नाम और उनकी महिमा हमारी संस्कृति में सदियों से पूजित और प्रतिष्ठित रही है.

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