पटना: बिहार में छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. दीपावली के पहले से ही लोग चार दिवसीय महापर्व की तैयारी में जुट जाते हैं. देश के कोने-कोने से लोग अपने गांव और शहर लौटते हैं. इसको लेकर महानगरों के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है. सोशल मीडिया पर ट्रेनों की भीड़ का वीडियो वायरल हो रहा है. लोग, जैसे-तैसे घर आने की जद्दोजहद कर रहे हैं. बिहार को अपनी कर्म भूमि मानने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी छठ पर्व मनाने बिहार आ रहे हैं.
क्या है कार्यक्रमः मिल रही जानकारी के अनुसार जेपी नड्डा 7 नवंबर को छठी मैया के आशीर्वाद लेने पटना पहुंच रहे हैं. राजनीतिक सूत्रों के अनुसार जेपी नड्डा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ छठ घाटों पर अर्घ्य देने जाएंगे. जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ स्टीमर से छठ घाटों का अवलोकन भी करेंगे. जेपी नड्डा के बिहार दौरे को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, जेपी नड्डा के कार्यक्रम की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है.
"हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कर्मभूमि रही है बिहार. वो लंबे समय तक यहां रहे हैं. बिहार से जुड़ाव होने के चलते वह अक्सर आते रहते हैं. छठ पर्व के दौरान भी वह बिहार आ सकते हैं. अभी तक इसकी आधिकारिक सूचना नहीं आई है. हम लोग भी उनके आगमन को लेकर तैयारी में जुटे हैं."- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
नड्डा का बिहार कनेक्शनः बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का बिहार से जुड़ाव रहा है. उनके पिता बिहार में ही नौकरी करते थे. उनका जन्मस्थान हिमाचल है लेकिन कर्मभूमि पटना रही है. उन्होंने पटना कॉलेज से पढ़ाई की है. अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत भी यहीं से की है. बिहार में रहने के दौरान उन्हें छठ पर्व मनाने और देखने का काफी अवसर मिला है. विधानसभा चुनाव भी नजदीक है, इसलिए वो छठी मैया का आशीर्वाद लेने पटना आ रहे हैं.
कब है छठ पूजाः छठ में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा होती है. चार दिवसीय महापर्व का आरंभ नहाय खाय से होता है. नहाय खाय 5 नवंबर को है. इस दिन व्रती नदियों में स्नान करके भात, कद्दू की सब्जी खाती है. 6 नवंबर को खरना होगा. शाम के समय व्रती गुड़ की खीर बनाकर छठ मैय्या को भोग लगाएंगी. तीसरे दिन 7 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. चौथे दिन 8 नवंबर को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके साथ ही चारदिवसीय महापर्व को समापन हो जाएगा.
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