छतरपुर। बुन्देलखंड केसरी महाराज छत्रसाल की जयंती के अवसर पर मऊसहानियां में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दो दिवसीय विरासत महोत्सव कार्यक्रम में कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. दीप शिखा मंच दतिया के कलाकारों द्वारा भारत नाट्य का मंचन किया गया. ओरक्षा के वीर लाला हरदौल के नाट्य मंंचन ने देवर भाभी के रिश्ते पर जीवंत प्रस्तुति दी.
ओरक्षा के वीर लाला हरदौल के जीवन को किया प्रस्तुत
महाराजा छत्रसाल शौर्य पीठ के रंगमंच पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में सबसे पहले दीपशिखा मंच, दतिया से आए कलाकारों के द्वारा बुंदेलखंड के वीर लाला हरदौल के जीवन पर बेहतरीन जीवंत मंचन प्रस्तुत किया गया. नाट्य मंचन का कार्यक्रम इतना शानदार रहा कि रात 12 बजे के बाद भी कार्यक्रम को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे. इस नाटक जरिए उनके जीवन के अनछुए पहलुओं को उजागर करते हुए बलिदान की कहानी पेश की गई. लाला हरदौल ने मुगलों से युद्ध कर अपने भाई की विरासत को बचाया था और अपने परिवार को टूटने से बचाने के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर दी थी. ओरछा के लोगों में एक कहानी भी चलती है कि लाला हरदौल की लोक देवता के रूप में पूजा होती है.
कलाकारों की जीवंत प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध
नाटक के दौरान मुख्य पात्र लाला हरदौल के बड़े भाई और महाराज के साथ उनके स्नेह और दुलार के साथ-साथ भाभी से मां के समान व्यवहार नाटक में आकषर्ण का केन्द्र रहा. प्रोजेक्टर थीम पर प्रदर्शित किए गए इस नाट्य मंचन के दौरान जहां रिकॉर्डेड आवाज कलाकारों की रही, वहीं सभी कलाकारों ने जीवंत अभिनय करके कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए. मौलवी का किरदार निभा रहे कलाकार की आवाज प्रभावी रही तो महाराजा ओरछा और हरदौल के पात्र के साथ उनकी भाभी मां के किरदार ने नाटक को जीवंत बना दिया.
यह भी पढ़ें: 20 साल के संयम पालरेचा ने त्यागा सांसारिक मोह, घर छोड़कर बने जैन दीक्षार्थी भीषण गर्मी पर भारी आस्था, निमाड़ के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में लगा भक्तों का तांता |
वैशाली रायकवार ने अपने गीतों से समां बांधा
कार्यक्रम के अंत में भोपाल से आईं जानी-मानी गायिका वैशाली रायकवार ने अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं का दिल जीत लिया. वैशाली रायकवार और उनके साथियों ने भक्ति गीत, देशभक्ति गीत सहित फिल्मी गीतों के एक से बढ़कर एक गीत पेश किए. जिसमें राम सिया राम... सिया राम जय जय राम, यह काल रात है कल्याणी मेरी मां के बराबर कोई नहीं, संदेशे से आते हैं हमें तड़पाते हैं सहित सहित एक से बढ़कर एक धार्मिक एवं सदाबहार गीत प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया.