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शर्मनाक! वो कहता रहा 'साहब मेरी बेटी मर गई' परेशान मत करो, अस्पताल प्रबंधन बोला-पट्टी बाहर से लाओ - chhatarpur news

Chhatarpur District Hospital Misbehave: एमपी के छतरपुर में जिला अस्पताल प्रशासन की बेरुखी का मामला सामने आया है. यहां एक्सीडेंट में एक बच्ची और उसकी दादी घायल हो गई थी. जहां बेटी की मौत के बाद पिता रोता रहा तो अस्पताल प्रबंधन पीड़िता से महिला के लिए पट्टी और दवा मंगा रहा था.

chhatarpur district hospital misbehave
वो कहता रहा साहब मेरी बेटी मर गई परेशान मत करो
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 7:46 PM IST

पीड़िता पिता का बयान

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. छतरपुर जिला अस्पताल में एक पिता अस्पताल में पदस्थ स्टाफ से हाथ जोड़कर कहता रहा की 'मेरी बेटी मर गई है' मुझे परेशान मत करो, लेकिन स्टाफ के कानों में जू भी नहीं रेंगा. स्टाफ पीड़ित पिता से बार-बार मेडिकल से पट्टी और दवाइयां लाने के लिए दबाब डालते रहे.

मृत पड़ी थी बेटी खून से लथपथ थी मां डॉक्टर बोले जाओ पट्टी लेकर आओ

दरअसल, बीते रोज जटाशंकर धाम जाते हुए बिजावर में श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई थी. ट्रॉली में लगभग 40 लोग सवार थे. घटना में ज्यादतर बच्चे घायल हुए और दो बच्चों सहित एक युवती की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही लक्ष्मण राजपूत जिला अस्पताल पहुंच गया. ट्रैक्टर पलटने की घटना में लक्ष्मण की 5 साल बेटी दिव्यांशी की मौत हो गई और उसकी मां भी गंभीर रूप से घायल हो गई. लक्ष्मण का कहना है की जब वह जिला अस्पताल में पहुंचा तो उसकी बेटी जिंदा थी, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पीड़ित पिता बोला-भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए

लक्ष्मण का आरोप है की 'एक तरफ उसकी बेटी मृत पड़ी थी. दूसरी ओर मां खून से लथपथ थी. जब मां के इलाज के लिए वार्ड में मौजूद स्टाफ से कहा तो उन्होंने मेडिकल से पट्टी और दवाइयां लाने के लिए कह दिया. लक्ष्मण की माने तो वह परेशान था. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. उसने हाथ जोड़कर कहा की मेरी बेटी मर गई है. आप लोग कैसे भी करके मेरी मां को बचा लीजिए. पीड़ित ने कहा कि वह अपनी बेटी के शव को पोस्टमार्टम और मां को ऑपरेशन थियेटर में छोड़कर आया हूं, भगवान इतना दुख किसी को न दे.'

अन्य घायलों से भी मांगी पट्टी

वहीं घटना में घायल एक बच्चे के पिता शिवम ने बताया कि उनका बच्चा भी घायल था. उनसे भी वार्ड में मौजूद स्टाफ ने पट्टी लाने को कहा, चूंकि बच्चा घायल था इस लिए शिवम दौड़ते हुए अस्पताल बिल्डिंग से नीचे गए और मेडिकल से 20 रुपए की पट्टी लेकर आए.

OT में काफी देर तक इंतजार करते रहे घायल

ट्रैक्टर पलटने की घटना में घायल मरीजों को जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में गंभीर घायलों को भेजा गया था. जिनमें से कई बच्चे भी थे, लेकिन लगभग आधे घंटे तक घायलों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा. आधे घण्टे बाद सीएमएचओ लखन तिवारी पहुंचे. जिसके बाद घायलों का इलाज सुचारू रूप से हो सका.

यहां पढ़ें...

प्रशासन ने कही कार्रवाई की बात

वहीं इस मामले में कलेक्टर संदीप जेआर ने कहा कि 'हमारे यहां किसी सभी प्रकार की दवाएं और मेडिकल दवाएं उपलब्ध है. सीएमएचओ से लेकर अस्पताल के सभी डॉक्टर भी मौजूद हैं. बावजूद इसके अगर ऐसी कोई शिकायत आती है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी' इसके साथ ही छतरपुर सीएमएचओ लखन तिवारी का कहना है की इस तरह का एक मामला सामने आया है. मैंने पीड़ित को बोला था की आपकी हर संभव मदद दी जाएगी. हम मामले की जांच भी करा रहे हैं, जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी.

पीड़िता पिता का बयान

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. छतरपुर जिला अस्पताल में एक पिता अस्पताल में पदस्थ स्टाफ से हाथ जोड़कर कहता रहा की 'मेरी बेटी मर गई है' मुझे परेशान मत करो, लेकिन स्टाफ के कानों में जू भी नहीं रेंगा. स्टाफ पीड़ित पिता से बार-बार मेडिकल से पट्टी और दवाइयां लाने के लिए दबाब डालते रहे.

मृत पड़ी थी बेटी खून से लथपथ थी मां डॉक्टर बोले जाओ पट्टी लेकर आओ

दरअसल, बीते रोज जटाशंकर धाम जाते हुए बिजावर में श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई थी. ट्रॉली में लगभग 40 लोग सवार थे. घटना में ज्यादतर बच्चे घायल हुए और दो बच्चों सहित एक युवती की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही लक्ष्मण राजपूत जिला अस्पताल पहुंच गया. ट्रैक्टर पलटने की घटना में लक्ष्मण की 5 साल बेटी दिव्यांशी की मौत हो गई और उसकी मां भी गंभीर रूप से घायल हो गई. लक्ष्मण का कहना है की जब वह जिला अस्पताल में पहुंचा तो उसकी बेटी जिंदा थी, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

पीड़ित पिता बोला-भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए

लक्ष्मण का आरोप है की 'एक तरफ उसकी बेटी मृत पड़ी थी. दूसरी ओर मां खून से लथपथ थी. जब मां के इलाज के लिए वार्ड में मौजूद स्टाफ से कहा तो उन्होंने मेडिकल से पट्टी और दवाइयां लाने के लिए कह दिया. लक्ष्मण की माने तो वह परेशान था. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. उसने हाथ जोड़कर कहा की मेरी बेटी मर गई है. आप लोग कैसे भी करके मेरी मां को बचा लीजिए. पीड़ित ने कहा कि वह अपनी बेटी के शव को पोस्टमार्टम और मां को ऑपरेशन थियेटर में छोड़कर आया हूं, भगवान इतना दुख किसी को न दे.'

अन्य घायलों से भी मांगी पट्टी

वहीं घटना में घायल एक बच्चे के पिता शिवम ने बताया कि उनका बच्चा भी घायल था. उनसे भी वार्ड में मौजूद स्टाफ ने पट्टी लाने को कहा, चूंकि बच्चा घायल था इस लिए शिवम दौड़ते हुए अस्पताल बिल्डिंग से नीचे गए और मेडिकल से 20 रुपए की पट्टी लेकर आए.

OT में काफी देर तक इंतजार करते रहे घायल

ट्रैक्टर पलटने की घटना में घायल मरीजों को जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में गंभीर घायलों को भेजा गया था. जिनमें से कई बच्चे भी थे, लेकिन लगभग आधे घंटे तक घायलों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा. आधे घण्टे बाद सीएमएचओ लखन तिवारी पहुंचे. जिसके बाद घायलों का इलाज सुचारू रूप से हो सका.

यहां पढ़ें...

प्रशासन ने कही कार्रवाई की बात

वहीं इस मामले में कलेक्टर संदीप जेआर ने कहा कि 'हमारे यहां किसी सभी प्रकार की दवाएं और मेडिकल दवाएं उपलब्ध है. सीएमएचओ से लेकर अस्पताल के सभी डॉक्टर भी मौजूद हैं. बावजूद इसके अगर ऐसी कोई शिकायत आती है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी' इसके साथ ही छतरपुर सीएमएचओ लखन तिवारी का कहना है की इस तरह का एक मामला सामने आया है. मैंने पीड़ित को बोला था की आपकी हर संभव मदद दी जाएगी. हम मामले की जांच भी करा रहे हैं, जो भी कार्रवाई होगी वह की जाएगी.

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