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SECL में ठेका श्रमिकों के साथ बड़ा धोखा, पीएफ राशि कटी लेकिन नहीं हुई जमा, करोड़ों का वारा न्यारा - SECL PF SCAM

Cheating of contract workers कोरिया जिले में एसईसीएल ठेका श्रमिकों के साथ बड़ी धोखाधड़ी हुई है. श्रमिकों का आरोप है कि ठेकेदार ने उनके वेतन से पीएफ की राशि काटी,लेकिन जमा नहीं की. बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने पीएफ राशि जमा नहीं करके करोड़ों का वारा न्यारा कर लिया है. koriya SECL PF SCAM

Cheating of contract workers
SECL में ठेका श्रमिकों के साथ बड़ा धोखा (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 20, 2024, 11:00 PM IST

कोरिया : एसईसीएल चरचा कॉलरी के ठेका श्रमिकों को इन दिनों अपनी पीएफ राशि के डूब जाने का डर सता रहा है.क्योंकि यहां के ठेकेदार ने श्रमिकों के वेतन में से पीएफ की राशि काटी लेकिन उनके खातों में जमा नहीं की.इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक ठेका श्रमिक ने अपना पीएफ निकालना चाहा.जब उसने अपना खाता नंबर चेक करवाया तो पता चला कि नंबर फर्जी है. फिर एक एक करके सभी ठेका श्रमिकों ने अपनी पीएफ की जानकारी लेनी चाही.लेकिन किसी को भी पीएफ खाते में पैसा नहीं मिला.

SECL में ठेका श्रमिकों के साथ बड़ा धोखा (ETV Bharat Chhattisgarh)

सीएमपीएफ नंबर निकला फर्जी : आपको बता दें कि कोरिया जिले में एसईसीएल ठेका श्रमिकों के पीएफ राशि में बड़ा खेल किया जा रहा है. अविभाजित कोरिया के एसईसीएल इकाइयों में कार्यरत करीब साढ़े 4 हजार ठेका श्रमिकों के पीएफ वेतन से हर माह डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि काटी जा रही है. लेकिन ये राशि सीएमपीएफ खाते में जमा नहीं हो रही है. हैरानी की बात ये है कि श्रमिकों को दिया गया सीएमपीएफ नंबर भी फर्जी मिल रहा है.

पीएफ राशि का नहीं कोई ठिकाना : श्रमिकों की माने तो वो अब पीएफ राशि को लेकर भटक रहे हैं. कोई भी पीएफ के खाते में जमा राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं. अफसरों से बात करने पर वो इसका सारा ठीकरा ठेकेदारों के सिर फोड़ रहे हैं.आपको बता दें कि अकेले चरचा कॉलरी में पीएफ के नाम पर श्रमिकों के वेतन से 12 लाख रुपए की कटौती होती है.लेकिन ये पैसे कहां जा रहे हैं ये कोई नहीं जानता.

'' 12 साल से चरचा खदान में काम कर रहे हैं.पीएफ पासबुक की फोटोकॉपी तो दिए हैं, लेकिन खाते में रुपए जमा नहीं है, ऑफिस में जाकर पता करने पर कोई जानकारी नहीं मिलती है.''- विजय कुमार, ठेकाकर्मी


कैसे हो रहा है पीएफ का खेल : एक ही ठेकेदार एसईसीएल के कई क्षेत्रों में काम करवाता है.इसलिए वो दूसरे क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों की पीएफ राशि कटौती जमा होने की डिटेल किसी और क्षेत्र में दिखाकर पैसा निकलवा लेता है.वहीं जो पैसा श्रमिकों का काटा गया होता है वो ठेकेदार खुद हजम करता है.श्रमिकों को पीएफ का नंबर दे दिया जाता है.लेकिन शायद ही कोई श्रमिक होगा जिसने अपना नंबर चेक किया हो. अब जब मामला खुला है तो हो कई ठेका श्रमिकों को मालूम पड़ा की उनके पीएफ खाते में एक रुपया भी नहीं है.क्योंकि ठेकेदार ने जमा ही नहीं किया.

''पीएफ खाते में रुपए जमा नहीं हुए, 25 साल हो गए काम करते हुए अब तक पीएफ में राशि जमा नहीं हुआ है."-रामकुमार, ठेकाकर्मी


एसईसीएल ने मामले की जांच कराने का दिया आश्वासन : वहीं इस पूरे मामले में एसईसीएल पीआरओ सनीश चंद्र ने कहा कि ठेका श्रमिक एसईसीएल के कर्मचारी नहीं हैं. वो ठेकेदार के श्रमिक हैं.मामले में शिकायत सामने आने के बाद हमने संबंधित विभाग को अवगत कराया है.

'' एसईसीएल इस मामले को देखेगा और कार्रवाई से आपको अवगत कराएगा.शिकायत मिली है तो मामले की जांच कराएंगे और निश्चित ही यदि कहीं गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई की जाएगी.'' सनीश चंद्र,पीआरओ एसईसीएल

पीआरओ ने कहा कि SECL कंपनी वेजेस और वेतन का भुगतान ठेकेदार को करती है. अन्य प्रक्रिया का पालन भी ठेकेदार को करना होता है, इसलिए मामले की जांच करवाएंगे.इस पूरे मामले में एसईसीएल की सीधी भागीदारी नहीं है.

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सीएमपीएफ नंबर निकला फर्जी : आपको बता दें कि कोरिया जिले में एसईसीएल ठेका श्रमिकों के पीएफ राशि में बड़ा खेल किया जा रहा है. अविभाजित कोरिया के एसईसीएल इकाइयों में कार्यरत करीब साढ़े 4 हजार ठेका श्रमिकों के पीएफ वेतन से हर माह डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि काटी जा रही है. लेकिन ये राशि सीएमपीएफ खाते में जमा नहीं हो रही है. हैरानी की बात ये है कि श्रमिकों को दिया गया सीएमपीएफ नंबर भी फर्जी मिल रहा है.

पीएफ राशि का नहीं कोई ठिकाना : श्रमिकों की माने तो वो अब पीएफ राशि को लेकर भटक रहे हैं. कोई भी पीएफ के खाते में जमा राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं. अफसरों से बात करने पर वो इसका सारा ठीकरा ठेकेदारों के सिर फोड़ रहे हैं.आपको बता दें कि अकेले चरचा कॉलरी में पीएफ के नाम पर श्रमिकों के वेतन से 12 लाख रुपए की कटौती होती है.लेकिन ये पैसे कहां जा रहे हैं ये कोई नहीं जानता.

'' 12 साल से चरचा खदान में काम कर रहे हैं.पीएफ पासबुक की फोटोकॉपी तो दिए हैं, लेकिन खाते में रुपए जमा नहीं है, ऑफिस में जाकर पता करने पर कोई जानकारी नहीं मिलती है.''- विजय कुमार, ठेकाकर्मी


कैसे हो रहा है पीएफ का खेल : एक ही ठेकेदार एसईसीएल के कई क्षेत्रों में काम करवाता है.इसलिए वो दूसरे क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों की पीएफ राशि कटौती जमा होने की डिटेल किसी और क्षेत्र में दिखाकर पैसा निकलवा लेता है.वहीं जो पैसा श्रमिकों का काटा गया होता है वो ठेकेदार खुद हजम करता है.श्रमिकों को पीएफ का नंबर दे दिया जाता है.लेकिन शायद ही कोई श्रमिक होगा जिसने अपना नंबर चेक किया हो. अब जब मामला खुला है तो हो कई ठेका श्रमिकों को मालूम पड़ा की उनके पीएफ खाते में एक रुपया भी नहीं है.क्योंकि ठेकेदार ने जमा ही नहीं किया.

''पीएफ खाते में रुपए जमा नहीं हुए, 25 साल हो गए काम करते हुए अब तक पीएफ में राशि जमा नहीं हुआ है."-रामकुमार, ठेकाकर्मी


एसईसीएल ने मामले की जांच कराने का दिया आश्वासन : वहीं इस पूरे मामले में एसईसीएल पीआरओ सनीश चंद्र ने कहा कि ठेका श्रमिक एसईसीएल के कर्मचारी नहीं हैं. वो ठेकेदार के श्रमिक हैं.मामले में शिकायत सामने आने के बाद हमने संबंधित विभाग को अवगत कराया है.

'' एसईसीएल इस मामले को देखेगा और कार्रवाई से आपको अवगत कराएगा.शिकायत मिली है तो मामले की जांच कराएंगे और निश्चित ही यदि कहीं गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई की जाएगी.'' सनीश चंद्र,पीआरओ एसईसीएल

पीआरओ ने कहा कि SECL कंपनी वेजेस और वेतन का भुगतान ठेकेदार को करती है. अन्य प्रक्रिया का पालन भी ठेकेदार को करना होता है, इसलिए मामले की जांच करवाएंगे.इस पूरे मामले में एसईसीएल की सीधी भागीदारी नहीं है.

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