नई दिल्ली/नोएडा: जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन बेचने का झांसा देकर बदमाशों ने एक व्यक्ति से 24 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. नोएडा सेक्टर-63 पुलिस ने इस मामले में बुधवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. मुखबिर की सूचना पर आरोपी ऋषिपाल सिंह को उसके निवास स्थान सोरखा से गिरफ्तार किया गया. ऋषिपाल के चार अन्य साथी इस मामले में पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. अन्य फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की दो टीमें संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
फरार आरोपियों की संभावित ठिकानों पर दबिश: एसीपी दीक्षा सिंह ने बताया कि ऋषिपाल सिंह और उसके साथियों ने गौरव शर्मा नाम के व्यक्ति को जमीन के नकली दस्तावेज दिखाकर 24 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. आरोपियों ने जिस जमीन के दस्तावेज का जिक्र किया था, वो टुकड़ा धरातल पर कहीं था ही नहीं. ठगी की नीयत से ही आरोपियों ने दस्तावेज तैयार किए थे. आरोपियों ने शिकायतकर्ता गौरव और उसके साथियों को बताया था कि वह जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते हैं और जेवर एयरपोर्ट के पास उनकी कई एकड़ जमीन कृषि योग्य है.
बाजार के दाम से कम मूल्य पर आरोपियों ने शिकायतकर्ता को जमीन बेचने का वादा किया. जमीन बेचने के पीछे की आरोपियों ने अपनी मजबूरी भी बताई. झांसे में आने के बाद गौरव और उसके साथियों ने आरोपियों द्वारा बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर कर दी. पैसे ट्रांसफर होने के बाद आरोपियों ने शिकायतकर्ता से संपर्क तोड़ दिया. शिकायतकर्ता ने जब संबंधित जमीन के बारे में जानकारी एकत्र की तो पता चला कि जो दस्तावेज उसे सौंपे गए हैं, वह फर्जी हैं.
इसके साथ आरोपियों ने बैंकों में खाते जाली और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले थे. पीड़ितों से लिए गए चेक आरोपियों ने बैंक खातों में डाले और कुछ ही दिन में सारी रकम निकाल ली. इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत थाना सेक्टर-63 पुलिस से की.
पैसे मांगने पर मिली थी जान से मारने की धमकी: थाना प्रभारी ने बताया कि सचिन सहित 16 आरोपियों के खिलाफ शिकायतकर्ता ने मुकदमा दर्ज कराया था. विवेचनात्मक कार्रवाई के दौरान पांच अन्य नाम भी प्रकाश में आए. जमीन न देने पर शिकायतकर्ता ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने पैसे मांगने पर जान से मारने की धमकी दी थी.
ठगी के बाद से ही पीड़ितों का परिवार तनाव में चल रहा है. ऋषिपाल के अलावा इस मामले में उसके साथी आकिल, इरशाद, तारीकत और नजाकत उर्फ भोला को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है. ठगी की रकम का ज्यादातर हिस्सा आरोपियों ने खर्च कर दिया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद से कई आरोपियों ने शहर भी छोड़ दिया है.