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लोन दिलाकर दो महिलाओं से ठगे साढ़े 8 लाख, मामले में दो गिरफ्तार, आरोपी पहले भी दे चुके हैं कई वारदातों को अंजाम - Fraud through e Mitra

Chittorgarh loan fraud case, चित्तौड़गढ़ में दो महिलाओं को लोन दिलाकर उनसे फ्रॉड करने का मामला सामने आया है. वहीं, पुलिस ने पीड़ित महिलाओं की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Chittorgarh loan fraud case
Chittorgarh loan fraud case
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 23, 2024, 7:11 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले की निम्बाहेड़ा थाना पुलिस ने दो महिलाओं को लोन दिलाकर उनसे साढ़े 8 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में दो आरोपी भाइयों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने महिलाओं के खातों से करीब 8.50 लाख रुपए की राशि दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिया था. वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि दोनों आरोपी भाइयों ने इससे पहले भी मध्यप्रदेश और राजस्थान में इस प्रकार की कई वारदातों को अंजाम दिया है.

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि सुनिता पत्नी कन्हैयालाल व सीता बाई पत्नी लालाराम ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी थी. सुनीता ने 12 जनवरी को 8 लाख 45 हजार का लोन लिया था. इसके बाद 25 जनवरी को दो लोग उससे व सीता बाई से मिलने पहुंचे और उन्हें लोन दिलवाने व लोन राशि बढ़ाने का झांसा देकर 31 जनवरी को चित्तौड़गढ़ स्थित एसबीआई बैंक में बुलाया. दोनों ने अपना नाम अंशु व यशवंत बताया.

इसे भी पढ़ें - डुप्लीकेट शेयर तैयार करवाकर लगाया 33 लाख रुपए का चूना, दिल्ली से आरोपी गिरफ्तार

वहीं, आरोपियों के कहेनुसार दोनों महिलाएं एसबीआई बैंक पहुंची, जहां आरोपियों ने कुछ कागजों पर उनसे हस्ताक्षर कराए, जिससे उसी दिन सीता बाई के खाते में 6 लाख 98 हजार रुपए आ गए, लेकिन सुनीता का लोन नहीं बढ़ने से आरोपियों ने दोनों महिलाओं के मोबाइल ले लिए और फिर कुछ समय के बाद उन्हें फोन वापस कर दिए. इसके बाद दोनों महिलाएं अपने घर चली गई. 8 फरवरी को सुनीता के खाते से तीन लाख और सीता बाई के खाते से एक-एक करके तीन बार मे 5 लाख 49 हजार 900 रुपए निकल गए.

मामले के प्रकाश में आने के बाद पुलिस उपाधीक्षक गोपाल चंदेल के नेतृत्व में साइबर थाना में विशेष टीम का गठन किया गया और अज्ञात बदमाशों की तलाश शुरू की गई. इस बीच निम्बाहेड़ा चित्तौडगढ़ टोल प्लाजा आदि स्थानों से सीसीटीवी फुटेज लिए गए और बैंक रिकार्ड्स की जांच की गई. पुलिस जांच में सामने आया कि ठगों ने महिलाओं के मोबाइल में ऐप डाउनलोड कर उनके पासवर्ड चुरा लिए और निम्बाहेड़ा में एक ई-मित्र की दुकान पर जाकर ई-मित्र संचालक को 40 हजार ऑनलाइन देने की बात कहकर चार लाख रुपए खाते में ट्रांसफर कराए. ई-मित्र वाले ने जैसे-तैसे कर उन्हें चार लाख नकद दिया. थोड़ी देर में तीन लाख रुपए फिर ई-मित्र वाले के खाते में ट्रांसफर कर दिए और कहा कि पिताजी उसकी माताजी के खाते में ट्राजेक्शन कर रहे थे, जो गलती से आपके खाते में आ गए हैं. ई-मित्र वाले ने जैसे-तैसे करके तीन लाख नकद उन्हें दे दिया. इसी प्रकार डेढ़ लाख एक अन्य ई-मित्र वाले से ऑनलाइन ट्रांसफर कर नकद लेकर फरार हो गए.

इसे भी पढ़ें - Kota Online Fraud: पुलिस ने किया अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, 5 आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों की ठगी

ऐसे हुई गिरफ्तारी : आरोपियों की पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्यों का संकलन करने पर आरोपियों की लोकेशन भवानीमंडी, रामगंज मंडी झालावाड आई. ऐसे में वहां एक टीम भेजी गई, जहां से दोनों आरोपियों को डिटेन किया गया. इसके बाद उनसे पूछताछ की गई और फिर आरोपी 27 वर्षीय शुभम सैन पुत्र देवेन्द्र सैन निवास भेसोदा मंडी तहसील भानपुरा निवासी मंदसौर व 23 वर्षीय सौरभ सैन पुत्र देवेन्द्र सैन को गिरफतार किया गया. दोनों आरोपी सगे भाई हैं, जो इस तरह की वारदातों को अंजाम देने के बाद अपना लोकेशन और हूलिया बदल लेते हैं. पूछताछ में दोनों ही भाइयों ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई शहरों में इस तरह की वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है. फ्रॉड की गई राशि बरामद करने के लिए पुलिस ने दोनों को शुक्रवार को रिमांड पर लिया है.

अशिक्षितों को बनाते हैं शिकार : ये लोग कम पढ़े लिखे लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देकर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. उनसे उनका मोबाइल लेकर लोन दिलवाने के बाद मोबाइल में नेट बैंकिग चालू कर लोन राशि को ई-मित्र संचालकों के जरिए ले लेते हैं और फिर हूलिया बदलकर ठिकाना बदल लेते हैं.

चित्तौड़गढ़. जिले की निम्बाहेड़ा थाना पुलिस ने दो महिलाओं को लोन दिलाकर उनसे साढ़े 8 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में दो आरोपी भाइयों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने महिलाओं के खातों से करीब 8.50 लाख रुपए की राशि दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिया था. वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि दोनों आरोपी भाइयों ने इससे पहले भी मध्यप्रदेश और राजस्थान में इस प्रकार की कई वारदातों को अंजाम दिया है.

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि सुनिता पत्नी कन्हैयालाल व सीता बाई पत्नी लालाराम ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी थी. सुनीता ने 12 जनवरी को 8 लाख 45 हजार का लोन लिया था. इसके बाद 25 जनवरी को दो लोग उससे व सीता बाई से मिलने पहुंचे और उन्हें लोन दिलवाने व लोन राशि बढ़ाने का झांसा देकर 31 जनवरी को चित्तौड़गढ़ स्थित एसबीआई बैंक में बुलाया. दोनों ने अपना नाम अंशु व यशवंत बताया.

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वहीं, आरोपियों के कहेनुसार दोनों महिलाएं एसबीआई बैंक पहुंची, जहां आरोपियों ने कुछ कागजों पर उनसे हस्ताक्षर कराए, जिससे उसी दिन सीता बाई के खाते में 6 लाख 98 हजार रुपए आ गए, लेकिन सुनीता का लोन नहीं बढ़ने से आरोपियों ने दोनों महिलाओं के मोबाइल ले लिए और फिर कुछ समय के बाद उन्हें फोन वापस कर दिए. इसके बाद दोनों महिलाएं अपने घर चली गई. 8 फरवरी को सुनीता के खाते से तीन लाख और सीता बाई के खाते से एक-एक करके तीन बार मे 5 लाख 49 हजार 900 रुपए निकल गए.

मामले के प्रकाश में आने के बाद पुलिस उपाधीक्षक गोपाल चंदेल के नेतृत्व में साइबर थाना में विशेष टीम का गठन किया गया और अज्ञात बदमाशों की तलाश शुरू की गई. इस बीच निम्बाहेड़ा चित्तौडगढ़ टोल प्लाजा आदि स्थानों से सीसीटीवी फुटेज लिए गए और बैंक रिकार्ड्स की जांच की गई. पुलिस जांच में सामने आया कि ठगों ने महिलाओं के मोबाइल में ऐप डाउनलोड कर उनके पासवर्ड चुरा लिए और निम्बाहेड़ा में एक ई-मित्र की दुकान पर जाकर ई-मित्र संचालक को 40 हजार ऑनलाइन देने की बात कहकर चार लाख रुपए खाते में ट्रांसफर कराए. ई-मित्र वाले ने जैसे-तैसे कर उन्हें चार लाख नकद दिया. थोड़ी देर में तीन लाख रुपए फिर ई-मित्र वाले के खाते में ट्रांसफर कर दिए और कहा कि पिताजी उसकी माताजी के खाते में ट्राजेक्शन कर रहे थे, जो गलती से आपके खाते में आ गए हैं. ई-मित्र वाले ने जैसे-तैसे करके तीन लाख नकद उन्हें दे दिया. इसी प्रकार डेढ़ लाख एक अन्य ई-मित्र वाले से ऑनलाइन ट्रांसफर कर नकद लेकर फरार हो गए.

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ऐसे हुई गिरफ्तारी : आरोपियों की पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्यों का संकलन करने पर आरोपियों की लोकेशन भवानीमंडी, रामगंज मंडी झालावाड आई. ऐसे में वहां एक टीम भेजी गई, जहां से दोनों आरोपियों को डिटेन किया गया. इसके बाद उनसे पूछताछ की गई और फिर आरोपी 27 वर्षीय शुभम सैन पुत्र देवेन्द्र सैन निवास भेसोदा मंडी तहसील भानपुरा निवासी मंदसौर व 23 वर्षीय सौरभ सैन पुत्र देवेन्द्र सैन को गिरफतार किया गया. दोनों आरोपी सगे भाई हैं, जो इस तरह की वारदातों को अंजाम देने के बाद अपना लोकेशन और हूलिया बदल लेते हैं. पूछताछ में दोनों ही भाइयों ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई शहरों में इस तरह की वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है. फ्रॉड की गई राशि बरामद करने के लिए पुलिस ने दोनों को शुक्रवार को रिमांड पर लिया है.

अशिक्षितों को बनाते हैं शिकार : ये लोग कम पढ़े लिखे लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देकर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं. उनसे उनका मोबाइल लेकर लोन दिलवाने के बाद मोबाइल में नेट बैंकिग चालू कर लोन राशि को ई-मित्र संचालकों के जरिए ले लेते हैं और फिर हूलिया बदलकर ठिकाना बदल लेते हैं.

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