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चनप्रीत फ्रीलांसर है, वह भाजपा, कांग्रेस व टीएमसी के लिए भी कर चुका है कामः सौरभ भारद्वाज - AAP clarifies on charanpreet - AAP CLARIFIES ON CHARANPREET

AAP clarifies on charanpreet : दिल्ली शराब घोटाले मामले में चनप्रीत सिंह की हुई ताजा गिरफ्तारी को लेकर आप पार्टी ने अपनी सफाई दी है. AAP ने चनप्रीत को पार्टी का फंड मैनेजर बताने के दावों को झूठा करार दिया है और उसे फ्रीलांसर बताया है.

ईडी द्वारा गिरफ्तार चनप्रीत पर आप की सफाई
ईडी द्वारा गिरफ्तार चनप्रीत पर आप की सफाई
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 16, 2024, 4:12 PM IST

ईडी द्वारा गिरफ्तार चनप्रीत पर आप की सफाई

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कथित शराब नीति घोटाले के आरोप में ईडी द्वारा गिरफ्तार गोवा के चनप्रीत को AAP का फंड मैनेजर बताने के आरोप को झूठ करार दिया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई खुद अपनी जांच में लिख चुकी है कि चनप्रीत एक फ्रीलांसर हैं. वह आम आदमी पार्टी के साथ, कांग्रेस, टीएमसी के लिए भी काम कर चुका है. आखिरी बार उसने प्रधानमंत्री के विकसित भारत अभियान के लिए काम किया था. भाजपा किसी तरीके से यह लोगों को विश्वास दिलाना चाहती है कि दिल्ली में शराब घोटाला हुआ है. इसलिए ये झूठी बातें फैलाई जा रही हैं.

भारद्वाज ने कहा कि ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इसके दो साल पहले से ही भाजपा अभियान चला रही थी कि दिल्ली में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. भाजपा की समस्या ये है कि गिरफ्तारी के बाद भी देश दुनिया और दिल्ली के लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं कि केजरीवाल ने कोई भ्रष्टाचार किया है. यह भाजपा की सबसे बड़ी समस्या है. पिछले दो तीन दिन से चनप्रीत सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि ये AAP के फंड मैनेजर हैं. मुझे नहीं पता कि इस तरह की कोई पोस्ट है.

उन्होंने कहा कि कई बातें छिपाई जा रही हैं. एक साल पहले सीबीआई ने जब उसे गिरफ्तार किया था तो जमानत मिल गई थी. जज ने कहा था कि इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि यह तथाकथित शराब घोटाले में शामिल हैं. अब ईडी ने चरणप्रीत को गिरफ्तार किया है. चनप्रीत की गिरफ्तारी को ऐसे दिखाया जा रहा है जैसे बहुत बड़ी गिरफ्तारी कर ली है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि मामले को चलाने के लिए सीबीआई और ईडी के पास कोई सबूत नहीं है. उनकी कोशिश है कि कम से कम दिल्ली वाले मान लें कि कोई भ्रष्टाचार हुआ था.

AAP नेता ने कहा कि गुजरात के अंदर किसी आढ़ती और हवाला कारोबारी ने अपने हाथ से नोट पर कुछ लिखा था. आरोप यह लगाया जाता है कि पैसा साउथ से आया और गोवा गया. अगर ऐसा हुआ तो उस पैसे पर गुजराती कैसे लिख सकता है. सुप्रीम कोर्ट के कई मामले आ चुके हैं, जिसमें साफ हो चुका है कि इस तरह की कोई भी एंट्री सबूत नहीं मानी जाती है.

दूसरा मामला है कि भाजपा की कोई महिला हैं, जिन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के साथ काम किया है. उनका बयान है कि चनप्रीत ने मुझे कैश दिया. सीबीआई का रिकार्ड कहता है. वह फ्रीलांसर की तरह काम करते हैं. वह आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस, टीएमसी, भाजपा के लिए काम करते रहे हैं. आखिरी बार चनप्रीत जब किसी के लिए काम कर रहे थे तो वह प्रधानमंत्री के विकसित भारत के अभियान पर काम कर रहे थे.

ये भी पढ़ें : 'मैं आतंकवादी नहीं हूं'..., CM केजरीवाल ने जेल से लोगों को भेजा संदेश, पढ़ें और क्या बोले

कर्मचारियों से खाली हो गए आप मंत्रियों के दफ्तरः उन्होंने कहा कि मंत्रियों के साथ और उनके कार्यालय में काम कर रहे लोगों के खिलाफ एक मिशन चल रहा है कि किसी तरह से उनको पुराने मामले में फंसाया जाए. अखबारों और टीवी में चलाया जाए. दबाव बनाया जाए कि वे यहां से काम करना छोड़ दें. हम लोगों के दफ्तर लगभग खाली हो चुके हैं. पहले बहुत सारे फेलो काम करते थे. आईआईटी, आईआईएम, आईआईएससी के बहुत काबिल बच्चे काम करते थे. करीब 400 बच्चों को निकाल दिया गया. इसी तरीके से मंत्री के ओएसडी, सेक्रेटरी को टार्गेट किया जाता है. एलजी कार्यालय और विजिलेंस डिपार्टमेंट की मंशा बहुत घटिया है.

ये भी पढ़ें : कन्हैया के आने से मनोज तिवारी की सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, जानें उत्तर-पूर्वी दिल्ली का गणित - Lok Sabh

ईडी द्वारा गिरफ्तार चनप्रीत पर आप की सफाई

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कथित शराब नीति घोटाले के आरोप में ईडी द्वारा गिरफ्तार गोवा के चनप्रीत को AAP का फंड मैनेजर बताने के आरोप को झूठ करार दिया है. उन्होंने कहा कि सीबीआई खुद अपनी जांच में लिख चुकी है कि चनप्रीत एक फ्रीलांसर हैं. वह आम आदमी पार्टी के साथ, कांग्रेस, टीएमसी के लिए भी काम कर चुका है. आखिरी बार उसने प्रधानमंत्री के विकसित भारत अभियान के लिए काम किया था. भाजपा किसी तरीके से यह लोगों को विश्वास दिलाना चाहती है कि दिल्ली में शराब घोटाला हुआ है. इसलिए ये झूठी बातें फैलाई जा रही हैं.

भारद्वाज ने कहा कि ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इसके दो साल पहले से ही भाजपा अभियान चला रही थी कि दिल्ली में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है. भाजपा की समस्या ये है कि गिरफ्तारी के बाद भी देश दुनिया और दिल्ली के लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं कि केजरीवाल ने कोई भ्रष्टाचार किया है. यह भाजपा की सबसे बड़ी समस्या है. पिछले दो तीन दिन से चनप्रीत सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि ये AAP के फंड मैनेजर हैं. मुझे नहीं पता कि इस तरह की कोई पोस्ट है.

उन्होंने कहा कि कई बातें छिपाई जा रही हैं. एक साल पहले सीबीआई ने जब उसे गिरफ्तार किया था तो जमानत मिल गई थी. जज ने कहा था कि इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि यह तथाकथित शराब घोटाले में शामिल हैं. अब ईडी ने चरणप्रीत को गिरफ्तार किया है. चनप्रीत की गिरफ्तारी को ऐसे दिखाया जा रहा है जैसे बहुत बड़ी गिरफ्तारी कर ली है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि मामले को चलाने के लिए सीबीआई और ईडी के पास कोई सबूत नहीं है. उनकी कोशिश है कि कम से कम दिल्ली वाले मान लें कि कोई भ्रष्टाचार हुआ था.

AAP नेता ने कहा कि गुजरात के अंदर किसी आढ़ती और हवाला कारोबारी ने अपने हाथ से नोट पर कुछ लिखा था. आरोप यह लगाया जाता है कि पैसा साउथ से आया और गोवा गया. अगर ऐसा हुआ तो उस पैसे पर गुजराती कैसे लिख सकता है. सुप्रीम कोर्ट के कई मामले आ चुके हैं, जिसमें साफ हो चुका है कि इस तरह की कोई भी एंट्री सबूत नहीं मानी जाती है.

दूसरा मामला है कि भाजपा की कोई महिला हैं, जिन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के साथ काम किया है. उनका बयान है कि चनप्रीत ने मुझे कैश दिया. सीबीआई का रिकार्ड कहता है. वह फ्रीलांसर की तरह काम करते हैं. वह आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस, टीएमसी, भाजपा के लिए काम करते रहे हैं. आखिरी बार चनप्रीत जब किसी के लिए काम कर रहे थे तो वह प्रधानमंत्री के विकसित भारत के अभियान पर काम कर रहे थे.

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कर्मचारियों से खाली हो गए आप मंत्रियों के दफ्तरः उन्होंने कहा कि मंत्रियों के साथ और उनके कार्यालय में काम कर रहे लोगों के खिलाफ एक मिशन चल रहा है कि किसी तरह से उनको पुराने मामले में फंसाया जाए. अखबारों और टीवी में चलाया जाए. दबाव बनाया जाए कि वे यहां से काम करना छोड़ दें. हम लोगों के दफ्तर लगभग खाली हो चुके हैं. पहले बहुत सारे फेलो काम करते थे. आईआईटी, आईआईएम, आईआईएससी के बहुत काबिल बच्चे काम करते थे. करीब 400 बच्चों को निकाल दिया गया. इसी तरीके से मंत्री के ओएसडी, सेक्रेटरी को टार्गेट किया जाता है. एलजी कार्यालय और विजिलेंस डिपार्टमेंट की मंशा बहुत घटिया है.

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